
काफी रस्मकसी और रुठने मनाने के कई दौर के बाद उत्तर प्रदेश चुनावों को लेकर बीजेपी और अपना दल (एस) के बीच सीटों पर सहमति बन गई है. बीजेपी और अपना दल में अभी 11 सीटों पर सहमति बनी है. बाक़ी सीटों पर बातचीत जारी है. जिसका फैसला शनिवार शाम तक लिया जा सकता है.
पिछले हफ़्ते अपना दल के नेता उस वक्त नाराज़ हो गए थे जब बीजेपी ने विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की तीसरी लिस्ट जारी की थी. जिसमें बीजेपी ने उन सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े कर दिए जहां अपना दल की स्थिति मजबूत बताई जा रही है. वाराणसी की रोहनिया सीट से अनुप्रिया पटेल 2012 में जीती थीं. दूसरी सीट मिर्ज़ापुर की चुनार सीट जहां से बीजेपी ने यूपी बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश सिंह के बेटे अनुराग सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया और बांदा की मानिकपुर सीट, जहां से बीजेपी ने आरके पटेल को अपना उम्मीदवार बनाया.
सूत्रों की मानें तो अपना दल ने बीजेपी से 16 सीटों की मांग की थी. लेकिन फिलहाल बीजेपी नेतृत्व ने अपना दल की नेता और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल को साफ कर दिया है कि पार्टी 14 सीट से ज़्यादा सीट नहीं देगी.
जिन 11 सीटों पर सहमति बनी है उसमें इलाहबाद की प्रतापपुर, सोरांव और हंडिया विधानसभा, प्रतापगढ़ की विश्वनाथगंज और विश्वनाथ गंज, प्रतापगढ़ सदर सीट शामिल हैं. इसके साथ फ़तेहपुर की जहानाबाद सीट, जौनपुर के मड़ियाहो, मिर्ज़ापुर की छानबे विधानसभा सीट के साथ वाराणसी की सेवापुरी और सुल्तानपुर की गोसाईगंज और सिद्धार्थनगर की शोहरतगढ़ विधानसभा सीट पर सहमति बनी है.
अपना दल की नाराज़गी इस बात को लेकर थी कि बीजेपी ने अपने सहयोगी ओमप्रकाश राजभर की भारतीय समाज पार्टी को 8 सीट दे दीं जबकि ना तो मौजूदा समय में कोई विधायक है और ना ही कोई सांसद. अपना दल के दो सांसद और मौजूदा विधानसभा में 2 विधायक हैं. इस हिसाब से उनकी 16 सीट बनती हैं.
चुनाव चाहे जो भी हों सीटों के बंटवारे को लेकर बीजेपी की अपने गठबंधन के साथियों के साथ अंतिम समय तक तनातनी बनी रहती है. जिसका नुक़सान उन्हें चुनाव के नतीजों में देखने में मिलता है.