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तो क्या अखिलेश और माया से टक्कर लेने चुनावी रण में उतरेंगे राजनाथ?

लोकसभा चुनावों में शानदार प्रदर्शन के बाद लगातार दो राज्यों (दिल्ली और बिहार) के विधानसभा चुनावों में शिकस्त खाने के बाद बीजेपी अब यूपी में संभलकर आगे बढ़ रही है। माना जा रहा है उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव 2019 के आमचुनावों पर भी असर डालेगा यही वजह है कि बीजेपी ने अब तक कोई चेहरा नहीं तय किया है.

राजनाथ सिंह राजनाथ सिंह
संदीप कुमार सिंह
  • लखनऊ,
  • 12 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 2:01 PM IST

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों की घोषणा हो चुकी है. मुख्यमंत्री पद के दावेदारी के नाम पर बसपा से मायावती हैं तो सपा से अखिलेश लेकिन अब तक हुए सर्वे में सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आने वाली बीजेपी का चेहरा अभी तक फाइनल नहीं हो पाया है. कांग्रेस ने भी सवर्ण और खासकर ब्राह्मण वोट बैंक के मद्देनजर दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को मैदान में उतारा था लेकिन गठबंधन की बातों के बीच शीला खुद को सरेंडर करती नजर आईं। शीला ने एक टीवी इंटरव्यू में यह बात खुद कही थी कि अगर कांग्रेस-सपा गठबंधन होता है तो मैं यूपी की भलाई के लिए पीछे हट जाऊंगी.

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बचकर चल रही है बीजेपी
लोकसभा चुनावों में शानदार प्रदर्शन के बाद लगातार दो राज्यों (दिल्ली और बिहार) के विधानसभा चुनावों में शिकस्त खाने के बाद बीजेपी अब यूपी में संभलकर आगे बढ़ रही है। माना जा रहा है उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव 2019 के आमचुनावों पर भी असर डालेगा यही वजह है कि बीजेपी ने अब तक कोई चेहरा नहीं तय किया है. जनता में कोई गलत संदेश न जाए इसलिए बीजेपी के नेता यह कहते नजर आ रहे हैं कि हमारा कार्यकर्ता और विकास ही हमारा मुख्यमंत्री का चेहरा है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक बीजेपी एक बार फिर प्रदेश में मजबूत जनाधार और स्पष्टवादी छवि वाले नेता राजनाथ सिंह पर दांव खेलना चाहती है लेकिन कुछ कारणों के चलते नाम की घोषणा नहीं की जा रही है. स्थानीय नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि भाजपा का मुख्यमंत्री चुनाव बाद ही तय किया जाएगा.

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चल रही है तैयारी
सूत्रों की मानें तो अखिलेश औऱ मायावती की छवि से टक्कर लेने की खातिर बीजेपी राजनाथ पर ही दांव खेलना चाहती है. इसके अलावा बड़ी वजह यह है कि राजनाथ सिंह ने अपने मुख्यमंत्रीकाल में किसान क्रेडिट कार्ड चलाया था नोटबंदी के बाद परेशान ग्रामीण वर्ग को अपनी ओर लाने की कोशिश में भाजपा राजनाथ का चेहरा भुनाना चाह रही है। प्रचार अभियान में यह बात सामने लाने की तैयारी है लेकिन औपचारिक घोषणा से बचने की कोशिश की जाएगी. प्रदेश में भाजपा जो अब जो भी पोस्टर-बैनर बनाएगी उसमें मोदी और अमित शाह के साथ-साथ राजनाथ सिंह की भी तस्वीर रखी जाएगी. बताया जा रहा है कि सभी तस्वीरें एक ही साइज की रखी जाएंगी.

फैसला लेने में यह है दिक्कत
राज्य में विकास, भ्रष्टाचार, बिगड़ती कानून एवं व्यवस्था के मुद्दों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही बीजेपी का मानना है कि राजनाथ का चेहरा पार्टी को राज्य में फायदा दिला सकता है. हालांकि पार्टी के एक हिस्से का यह भी मानना है कि राजनाथ को सामने करने पर ब्राह्मण मतदाता नाराज हो सकते हैं. शायद यही वजह है कि बीजेपी उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में पेश नहीं करना चाहती बल्कि पार्टी के प्रचार का प्रमुख चेहरा बनाकर सामने लाया जा रहा है.

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आजतक के सर्वे में भी राजनाथ थे सबसे लोकप्रिय बीजेपी नेता
आपको बता दें कि इंडिया टुडे और एक्सिस ने मिलकर यूपी में अब तक का सबसे बड़ा चुनावी सर्वे किया था। सर्वे में यूपी का सियासी मूड जानने की कोशिश की गई थी. सर्वे में बतौर मुख्यमंत्री लोगों की पहली पसंद अखिलेश यादव बनकर उभर थे. पार्टी की अंदरूनी कलह से जूझ रहे अखिलेश के लिए ये बड़ा चुनाव है. बीजेपी ने मैदान में कोई सीएम उम्मीदवार नहीं उतारा है. ऐसे में अखिलेश के पास इसका फायदा उठाने का पूरा मौका है. सीएम की पसंद में दूसरे नंबर पर मायावती थीं तो राजनाथ सिंह ने तीसरा स्थान हासिल किया था.

ये था हाल

अखिलेश यादव- 33%

मायावती- 25%

राजनाथ सिंह- 20%

योगी आदित्यनाथ- 18%

प्रियंका गांधी-1%

मुलायम सिंह- 1%

वरुण गांधी- 1%

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