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EXCLUSIVE: शिवपाल के बेटे आदित्य ने कहा- चुनाव बाद सब साफ होगा

जसवंत नगर सीट पर पिता शिवपाल यादव के लिए चुनाव प्रचार का जिम्मा संभाल रहे आदित्य यादव से आजतक संवाददाता कुमार अभिषेक ने खास बातचीत की. इस दौरान शिवपाल यादव द्वारा नई पार्टी बनाने या फिर सरकार बनने के बाद कैबिनेट में शामिल होने के सवाल पर आदित्य ने कहा कि चुनाव के बाद सारी चीज़ें आपके सामने होंगी.

अखिलेश और शिवपाल यादव में कई दिनों तल्खी की खबर अखिलेश और शिवपाल यादव में कई दिनों तल्खी की खबर
कुमार अभिषेक
  • लखनऊ,
  • 15 फरवरी 2017,
  • अपडेटेड 11:40 AM IST

यूपी विधानसभा चुनाव में शिवपाल यादव के लिए उनकी जसवंतनगर सीट प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है. यही वजह है कि शिवपाल यादव के साथ-साथ उनके बेटे आदित्य यादव भी गांव-गांव जाकर वोट मांग रहे हैं.

जसवंत नगर के इस चुनावी कैंपेन में आजतक संवाददाता कुमार अभिषेक ने आदित्य यादव से खास बातचीत की. इस दौरान शिवपाल यादव द्वारा नई पार्टी बनाने या फिर सरकार बनने के बाद कैबिनेट में शामिल होने के सवाल पर आदित्य ने कहा कि चुनाव के बाद सारी चीज़ें आपके सामने होंगी.

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आदित्य यादव से खास बातचीत-
प्रश्न- आप और शिवपाल यादव खुद गांव-गांव घूम रहे हैं. क्या इस बार का चुनाव मुश्किल है?
आदित्य- चुनाव मुश्किल नहीं है. हम यहां बिलकुल जीत रहे हैं. बस मैं चाहता हूं कि जीत का मार्जिन बड़ा हो. जहां तक पिता जी का सवाल है वह पिछले कुछ समय से पार्टी में हुए उथल-पुथल में व्यस्त रहें. क्षेत्र के लोगों से जो टच था, वह खत्म हो रहा था. उसे ही वापस लेने के लिए वह क्षेत्र में घूमकर लोगों से मिल रहे हैं.

प्रश्न-यादव परिवार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. क्या भीतरघात का खतरा है?
आदित्य- भितरघात का कोई खतरा नहीं है. क्षेत्र का बच्चा-बच्चा अपने नेता से मिल चुका है. हम भी सब के मूवमेंट को देखते हैं. सब जानते हैं कि उनके नेता के साथ क्या दिक्कत हुई. अब हमें बस बड़े मार्जिन से जीत दर्ज करनी है.

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प्रश्न-शिवपाल यादव ने अब कहा है कि 11 मार्च के बाद नई पार्टी नहीं बनाएंगे. अब परिवार में क्या स्थिति है?
आदित्य- नहीं, पार्टी वाली बात खत्म हो गई हैं. लेकिन यह जरूर है कि सब मिलकर बैठेंगे और देखेंगे कि आगे कैसे चलेगा. परिवार में कुछ खराब नहीं चल रहा है. हम सब एक दूसरे से बात कर रहे हैं. मैं चुनाव को लेकर अखिलेश भैया से ही बात करता हूं. उनसे मिलता हूं और अपने विभाग को लेकर बात करता हूं.

 

प्रश्न-अखिलेश आपके पिताजी का प्रचार करने नहीं आए?
आदित्य:-देखिए इससे पहले कि आप इसे खबर बनाए कि अखिलेश भैया कभी पिताजी का प्रचार करने नहीं आए, , मैं बता दूं कि ऐसा नहीं है कि हमने उन्हें बुलाया नहीं या वह आए नहीं. पूरे प्रदेश में और भी जगह हैं, जहां उनकी जरूरत है. यहां तो सब चीज ठीक है.

 

प्रश्न-आपके पिता और अखिलेश में क्या तल्खी कुछ कम हुई है?
आदित्य- जो भी बातें थी, वह सब खत्म हो गई हैं. अब हमारा मेन फोकस सरकार बनाने पर है.

प्रश्न-ऐसा तो नहीं चुनाव की वजह से शांति है और अंदर-अंदर मामला सुलग रहा है?
आदित्य- मुद्दा बनने के लिए उस समय बचा ही क्या था. अब यह बातें बेबुनियाद हैं और जरूरी है पापा (शिवपाल) अपना क्षेत्र देखें, वहीं भैया मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते अपने दायित्व का निर्वाह करें. इस समय हम लोगों को जो भी दायित्व मिला है उसका निर्वाह कर रहे है.

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प्रश्न-परिवार में सब चुनाव लड़ रहे हैं, ऐसे में आप क्यों दूर हैं?
आदित्य- अभी मुझे चुनाव लड़ने की जरूरत नहीं लगी. अभी सरकार बनाना है. सब अपने-अपने चुनाव में व्यस्त हो गए, तो बाकी जगहों पर पार्टी का भी काम देखना है. मैं अभी कॉपरेटिव का चैयरमेन हूं. मेरे पास बहुत जिन्मेदारी है.

प्रश्न-क्या चाचा रामगोपाल से हुई तल्खी का खतरा है आप लोगो को यहां?
आदित्य- नहीं, डर की कोई बात नहीं है. मेरा और पिता जी का उनसे सब कुछ ठीक है. अभी हम इस सबमें नहीं पड़ना चाहते. अभी पूरा फोकस चुनाव पर है. इलेक्शन के बाद सारी चीज़ें आपके सामने होंगी. आपको सब दिख जाएगा.

प्रश्न-क्या 11 के बाद सरकार बनती है तो शिवपाल जी कैबिनेट में होंगे?
आदित्य- ये उनका फैसला है कि वह कैबिनेट में रखते है या नहीं. नई पार्टी को लेकर अभी कोई फैसला नहीं लिया है. यह हमारा घर रहा है और घर से अलग रहना किसी को पसंद नहीं होता. हम कोशिश कर रहे हैं कि छोटे-छोटे मनमुटाव ख़त्म हो और लोग बड़ी तस्वीर देखें. बातचीत से बड़े-बड़े हल निकले हैं, इस मनमुटाव का भी हल निकलेगा.

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