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नोटबंदी का फायदा उठाने के लिए बीजेपी जनवरी-फरवरी में चाहती है यूपी चुनाव

राज्य बीजेपी यूनिट का मानना है कि बोर्ड एग्जाम से पहले अगर विधानसभा चुनाव होते हैं तो पार्टी को बहुमत मिल सकता है, क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा काले धन और भ्रष्टाचार के ख‍िलाफ उठाए गए कदमों पर इन दिनों जनता में जबर्दस्त तारीफ का माहौल है.

यूपी चुनाव के लिए तैयार है बीजेपी यूपी चुनाव के लिए तैयार है बीजेपी
दिनेश अग्रहरि
  • नई दिल्ली,
  • 06 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 8:41 PM IST

बीजेपी चाहती है कि यूपी में विधानसभा चुनाव जनवरी-फरवरी में कराएं जाएं ताकि नोटबंदी से काले धन के ख‍िलाफ बने माहौल का उसे ज्यादा से ज्यादा फायदा मिल सके. असल में बीजेपी यह जानती है कि अगर जनवरी-फरवरी में चुनाव नहीं हुए तो काफी देर हो जाएगी, क्योंकि इसके बाद यूपी बोर्ड के एग्जाम भी हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार उत्तर प्रदेश माध्यमिक शि‍क्षा परिषद ने चुनाव आयोग को यह लिखित जानकारी दे दी है कि बोर्ड के एग्जाम 18 फरवरी से 22 मार्च के बीच कराए जाएंगे. पार्टी की राज्य ईकाई ने केंद्रीय नेतृत्व को यह जानकारी दे दी है कि जनवरी-फरवरी तक चुनाव कराने से उससे 'सबसे ज्यादा फायदा' मिलेगा.

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राज्य बीजेपी यूनिट का मानना है कि बोर्ड एग्जाम से पहले अगर विधानसभा चुनाव होते हैं तो पार्टी को बहुमत मिल सकता है, क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा काले धन और भ्रष्टाचार के ख‍िलाफ उठाए गए कदमों पर इन दिनों जनता में जबर्दस्त तारीफ का माहौल है. लेकिन इस असर को अगले दो-तीन महीने और बनाए रखना मुश्किल होगा. यही नहीं मार्च के बाद चुनाव होना बीजेपी के लिए नुकसानदेह भी हो सकता है. लेकिन वास्तव में यूपी में 18 फरवरी के पहले चुनाव तभी हो सकता है, जब चुनाव आयोग अगले कुछ दिनों में ही इसके लिए तारीखों की घोषणा कर दे.

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