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जब अखिलेश दो साल के थे तब बनी थी सपा, नहीं टूटने देंगे पार्टी: मुलायम

अखिलेश खेमे के बड़े नेता जैसे रामगोपाल यादव पार्टी में मचे बवाल और चुनाव आयोग पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं तो वहीं सूत्रों से खबर है कि दूसरी तरफ अखिलेश यादव कांग्रेस के साथ सीटों के फैसलों पर विचार-विमर्श में लगे हुए हैं.

सपा में घमासान जारी है सपा में घमासान जारी है
लव रघुवंशी/बालकृष्ण
  • लखनऊ,
  • 11 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 12:31 PM IST

समाजवादी पार्टी में जारी घमासान के बीच लखनऊ के समाजवादी पार्टी कार्यालय में फिर गहमा-गहमी है. मुलायम सिंह और शिवपाल यादव पार्टी दफ्तर पहुंचे हैं. दोनों नेताओं ने पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की. लखनऊ में पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच मुलायम सिंह यादव ने स्पीच दी. मुलायम ने कहा बहुत संघर्ष के बाद समाजवादी पार्टी बनी है. हमने पार्टी की एकता के लिए समय दिया. पार्टी की एकता में कोई बाधा ना डाले.

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अखिलेश पर साधा निशाना
मुलायम ने कहा कि पार्टी की एकता के लिए हमने हर कदम उठाए. जो हमारे पास था, सब दिया. मुलायम ने कहा आप हमारे साथ हमेशा रहे. इस बीच वहां मौजूद कार्यकर्ताओं ने मुलायम सिंह जिंदाबाद के नारे लगाए. मुलायम ने कार्यकर्ताओं से कहा कि आपकी चिंता स्वाभाविक है, क्योंकि पार्टी बड़े संघर्ष से बनी है. उन्होंने आगे कहा कि मैं दिल्ली गया था की हमारी पार्टी की एकता में कोई बाधा न डाल पाए. अखिलेश गुट पर निशाना साधते हुए मुलायम ने सपा कार्यकर्ताओं से कहा कि ना हम अलग पार्टी बना रहे हैं, ना सिंबल बदल रहे. वो (विपक्षी गुट) दूसरी पार्टी बना रहे हैं.

रामगोपाल से नाराज मुलायम
मुलायम रामगोपाल यादव पर खासे नाराज दिखे और कहा कि वह बहुत पहले से ही मोटरसाइकिल चुनाव चिन्ह के साथ अखिल भारतीय समाजवादी पार्टी बनाने में लगे थे. रामगोपाल पर बीजेपी से मिले होने का आरोप लगाते हुए मुलायम सिंह यादव ने कहा कि अगर उन्हें अपने बेटे और बहू को बचाना था तो दूसरों के पास जाने से अच्छा था कि उनसे मदद मांगते. मुलायम ने अपने कार्यकर्ताओं को यह भरोसा दिलाना चाहा कि वह पार्टी को टूटने नहीं देंगे.

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अखिलेश की चुनावों पर नजर
इस बीच, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव एक तरफ अपनी ही पार्टी के दंगल में फंसे हुए हैं तो वहीं दूसरी तरफ उनकी नजर चुनावों पर भी हैं. अखिलेश यादव और उनका खेमा ना सिर्फ पार्टी और परिवार में मचे बवाल पर ध्यान लगाए हुए हैं, बल्कि आगामी विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस और राष्ट्रीय लोक दल के साथ गठबंधन करने पर भी है.

अखिलेश खेमे के बड़े नेता जैसे रामगोपाल यादव पार्टी में मचे बवाल और चुनाव चिह्न को लेकर चुनाव आयोग में चल रहे मसले पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं तो वहीं सूत्रों से खबर है कि दूसरी तरफ अखिलेश यादव कांग्रेस के साथ सीटों के फैसलों पर विचार-विमर्श में लगे हुए हैं. सीटों के बंटवारे को लेकर अखिलेश राहुल और प्रियंका गांधी से सीधे संपर्क में भी हैं. राहुल गांधी के छुट्टी से लौटने के साथ ही इस गठबंधन की खबरों में तेजी आ गई है.

सूत्रों के अनुसार शुरुआत में कांग्रेस ने 140 और आरएलडी ने 50 सीटों की मांग रखी थी. लेकिन पर्दे के पीछे चल रही बातचीत के अनुसार दोनों पार्टियां कुछ सीटें कम करने को तैयार हुई हैं. अभी तक कोई आखिरी मुहर नहीं लगी है. लेकिन माना जा रहा है कि सपा 300, कांग्रेस 78-80 और बाकी सीटें आरएलडी को दी जाएंगी.

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