Advertisement

राहुल-अखिलेश में 'दोस्ताना', लगे गले, पढ़ें पहली PC के सवाल-जवाब

राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने पहली बार साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की. दोनों मीडिया के सामने ऐसे नजर आए जैसे गहरी, पुरानी दोस्ती हो. एक दूसरे को गुलदस्ता भेंट किया, एक दूसरे को गले लगाए, प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवालों पर एक दूसरे का बचाव किया.

अखिलेश और राहुल गांधी अखिलेश और राहुल गांधी
केशवानंद धर दुबे
  • ,
  • 29 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 4:41 PM IST

राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने पहली बार साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की. दोनों मीडिया के सामने ऐसे नजर आए जैसे पुरानी गहरी दोस्ती हो. एक दूसरे को गुलदस्ता भेंट किया, एक दूसरे को गले लगाए, प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवालों पर एक दूसरे का बचाव किया. साथ ही ऐसे सवालों को टाल भी दिया, जिससे उनकी दोस्ती, गठबंधन पर असर पड़े.

राहुल-अखिलेश की पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस के सवाल-जवाब

Advertisement

सवाल- 27 साल यूपी बेहाल उसमें 13 साल सपा का शासन था, क्या आप (राहुल) उस नारे पर कायम हैं?
राहुल का जवाब- कुछ साल पहले कांग्रेस पार्टी का लखनऊ में वर्कर्स का सम्मेलन हुआ था. उस दौरान मैंने कहा था कि अखिलेश अच्छे हैं, पर उन्हें काम नहीं करने दिया.

सवाल- 2019 में राहुल को पीएम के लिए प्रोजेक्ट करेंगे?
राहुल
चुप रहे.
अखिलेश का जवाब- आपको जल्दीबाजी नहीं होने चाहिए. अखिलेश एक तरह से सवाल टाल गए.

सवाल- राहुल अखिलेश की सरकार को क्या रेटिंग? और अखिलेश मनमोहन की सरकार के बारे में क्या कहेंगे?
अखिलेश का जवाब- हम आने वाले पांच साल की बात कर रहे हैं. दोनों मिलकर अच्छे चलाएंगे. राहुल का जवाब- एक सवाल आपने पूछा था जिसका जवाब नहीं मिला. अखिलेश का परफॉर्न्मेंस. एक बात मैं अखिलेश के बारे में कहता हूं कि इंटेंशन इनका सही थी, कोशिश पूरी की. हम उस इंटेंशन को सपोर्ट करना चाहता हूं. उनकी भावना यूपी को बदलने की थी, उसको हम सपोर्ट कर रहे हैं. यही बात हमारे दिले में है. कुछ कमियां रह गईं, लेकिन वे पास हैं.

Advertisement

किसने की गठबंधन पर पहल? रायबरेली-अमेठी से कौन लड़ेगा?
अखिलेश का जवाब- सब कुछ आज ही बता देंगे तो लिखने का मसाल कैसे बचेगा?
राहुल का जवाब- ये कोई सेंट्रल इश्यू नहीं है. ये सवाल नहीं है कि रायबरेली-अमेठी पर कांग्रेस कितने सीटों पर लड़ेगी. हम यूपी को बदलने जा रहे हैं, ये गठबंधन उसके लिए है. बता दें कि रायबरेली-अमेठी में 10 विधानसभा सीटें हैं.

सवाल- मायावती को गठबंधन में जगह क्यों नहीं दी गई?
अखिलेश का जवाब- मायावती को गठबंधन में कैसे जगह दे देते। उनको बहुत जगह लगती है। उनका चुनाव चिह्न ही हाथी है। मैं और राहुल उन्हें जगह नहीं दे सकते थे।

सवाल- क्या प्रियंका गांधी चुनाव प्रचार करेंगी?
राहुल का जवाब- प्रियंका मेरी मदद हैं, वो मुझे मदद करती हैं और करती रहेंगी. वो कांग्रेस की एसेट हैं . चुनाव में प्रचार के बार में प्रियंका फैसला लेंगी.


सवाल- मायावती और बीजेपी को लेकर आपका क्या कहना है?
राहुल का जवाब- मैं मायावती जी की इज्जत करता हूं. कांसीराम की भी इज्जत करता हूं, उन्होंने गलतियां की पर उनकी इज्जत करता हूं. मायावती और बीजेपी में बहुत बड़ा फर्क है. बीजेपी क्रोध फैलाती है, गुस्सा फैलाती है, उनकी विचारधारा से हिंदुस्तान को खतरा है. मायावती की विचारधारा से देश को कोई खतरा नहीं है. आप इन दोनों में तुलना नहीं कीजिए.

Advertisement

राहुल ने कहा- गंगा-यमुना के मिलन से निकलेगी प्रोग्रेस की सरस्वती
राहुल ने कहा कि दिल से आप सबका स्वागत है. उत्तर प्रदेश शब्द में पहला शब्द उत्तर है, ये जो हमारी पार्टनरशिप बनी है, अखिलेश और मेरी, समाजवादी और कांग्रेस की और यूपी की जनता की, ये एक जवाब है. इतिहास में यूपी ने जवाब दिया है. 1857 में कंपनी राज के वक्त यहां फोर्स खड़ी हुईं और जवाब दिया. विरोध, गुस्से, बांटने और कंपनी को हिंदुस्तान का धन देने की राजनीति का जवाब दे रहे हैं. गंगा और यमुना का मिलन हो रहा है, प्रोगेस की सरस्वती निकलेगी.


अखिलेश बोले- मैं और राहुल साइकिल के दो पहिए
अखिलेश ने कहा कि हम कांग्रेस के साथ केंद्र में भी साथ रहे हैं. ये विकास  का गंठबंधन है, जनता का गठबंधन है. जनता चाहती है कि गठबंधन हो. कांग्रेस के साथ और तेजी से काम होगा. गठबंधन को 300 से ज्यादा सीटें मिलेगीं. लोगों का भरोसा बढ़ेगा और यूपी की जनता को साथ लेकर चलेंगे. हम और राहुल साइकिल के दो पहिए हैं. विपक्षी भाईचारे पर सवाल खड़े कर रहें हैं. आज शुरुआत है. केंद्र की सरकार ने लोगों को लाइन में खड़ा कर दिया है. तकलीफ में लोगों को लाने वाले जीत के दावे कर रहे हैं. राहुल और मैं देश को खुशहाली और तरक्की के रास्ते पर ले जाएंगे और प्रदेश को भी.

Advertisement


Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement