Advertisement

पिछड़ी जातियों के फैसले पर अखिलेश पर बिफरी मायावती, बोलीं आंखों में धूल झोंकने वाला कदम

चुनाव के पहले किस तरह से इन जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का करके समाजवादी पार्टी सिर्फ इन जातियों का वोट बटोरना चाहती है. मायावती ने आरोप लगाया समाजवादी पार्टी के शासन में सिर्फ यादव जाति का भला हुआ है

मायावती का अखिलेश पर हमला मायावती का अखिलेश पर हमला
बालकृष्ण
  • लखनऊ,
  • 22 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 2:15 PM IST

चुनाव के ठीक पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ओबीसी की 17 जातियों को अनुसूचित जातियों में करके अपनी तरफ से जबरदस्त चुनावी कार्ड खेला है. लेकिन बीएसपी प्रमुख मायावती ने इस घोषणा के बाद अखिलेश यादव के इस कदम को पिछड़ी जातियों के आंखों में धूल झोंकने वाला कदम बताया है. मायावती ने दावा किया है कि घोषणा के बाद इन 17 जातियों के लोगों को ना तो ओबीसी श्रेणी में आरक्षण मिल पाएगा और ना ही अनुसूचित जातियों के कोटे का, उनके मुख्यमंत्री रहते हुए 1995 में भी ऐसी ही कोशिश की थी. नतीजा यह हुआ कि इन लोगों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का प्रस्ताव को केंद्र सरकार के पास अटक गया और उल्टा उन्हें ओबीसी श्रेणी का आरक्षण भी मिलना बंद हो गया था. मायावती ने कहा कि जब वह दोबारा मुख्यमंत्री बनी तो इन जातियों को फिर से ओबीसी श्रेणी में शामिल किया था ताकि उन्हें कम से कम ओबीसी श्रेणी में आरक्षण मिल सके.

Advertisement

मायावती ने कहा कि चुनाव के पहले किस तरह से इन जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का करके समाजवादी पार्टी सिर्फ इन जातियों का वोट बटोरना चाहती है. मायावती ने आरोप लगाया समाजवादी पार्टी के शासन में सिर्फ यादव जाति का भला हुआ है और बाकी सभी पिछड़ी जातियों की अनदेखी हुई है जिसका खामियाजा अखिलेश यादव को चुनाव में चुकाना पड़ेगा.

उत्तर प्रदेश के चुनाव में नेता चुनाव के ठीक मौके पर ऐसे स्टंट करते रहे हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने इसी तरह से मुसलमानों को आरक्षण देने ऐलान कर दिया था. बाद में यह प्रस्ताव औंधे मुंह गिर गया. इसी तरह से मायावती ने एक बार उत्तर प्रदेश को चार टुकड़ों में बांटने का प्रस्ताव पारित कर दिया था.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement