
बीजेपी की पहली लिस्ट में जहां दूसरे दलों से आये विधायकों और नेताओं को जमकर तवज्जो मिली है वहीं पार्टी ने इस बार यादव, जाटव और मुस्लिम को छोड़कर दूसरी पिछड़ी जातियों पर बड़ा दांव लगाया है. बीजेपी के नए सियासी समीकरण में 50 फीसदी से जयादा ओबीसी और दलित उम्मीदवारों को बीजेपी की पहली लिस्ट में जगह मिली है. आपको बता दें कि पहली लिस्ट में जारी कुल 149 सीटों में बीजेपी ने अपने 42 विधायकों को दोबारा चुनाव लड़ने का मौका दिया है तो 10 दूसरी पार्टी के विधायक और 3 पूर्व सांसदों को टिकट दिया है.
1. बाहरियों की बहार
पार्टी ने पहली लिस्ट में दूसरी पार्टी के 10 विधायकों को टिकट दिया है. जिसमें से 7 बीएसपी, 2 आरएलडी और 1 कांग्रेस का है. पश्चिमी यूपी में सहारनपुर से लखीमपुर तक दूसरे दलों के नेताओं को खूब सीटें मिली है. नहटौर से ओम प्रकाश, बेहतर से महावीर राणा, नुकुड़ से धर्मवीर सिंह सैनी, तिलहर से रोशनलाल वर्मा, पलिया से रोमी साहनी, गोला गोरकनाथ से अरविन्द गिरी को टिकट मिला है जो बसपा से पाला बदल बीजेपी में आये थे. आरएलडी से बीजेपी में आये विधायक दलवीर सिंह और पूरणप्रकाश को भी टिकट से नवाजा गया है, जबकि कांग्रेस के प्रदीप चौधरी को भी पार्टी ने निराश नहीं किया है.
समाजवादी पार्टी से हाल ही में बीजेपी आये अरिंदम सिंह की जगह उनकी पत्नी पक्षालिका सिंह को पार्टी ने टिकट दिया है. हालांकि बीजेपी में आए बाहरियों पर मेहरबानी की वजह इनका जिताऊ होना बता रही है.
2. कई बेटे-बेटियों के टिकट रुके
गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह का गाजियाबाद से फिलहाल टिकट रुक गया है क्योंकि वहां से बसपा से निकाले गए अमरपाल ने आखिरी मौके पर अपनी दावेदारी जता दी है. तो कल्याण सिंह के पोते संदीप सिंह को पार्टी ने अतरौली से टिकट दे दिया है. कैराना से सांसद हुकुम सिंह की बेटी के नाम का भी ऐलान फिलहाल रोक दिया गया है.
3.सामाजिक समीकरण का खास ध्यान
बीजेपी ने इस बार अपने परंपरागत सवर्ण बनिया वोट से हटकर बड़ी तादात में ओबीसी उतारे हैं. इस बार उम्र कि बाध्यता सुविधानुसार रखी गई है. फाजिलनगर से गंगा सिंगज कुशवाहा 70 पार हैं तो देवरिया सदर से जनमेजय सिंह भी 70 पार, लेकिन इनका टिकट बरकरार रखा गया है जबकि मेरठ से 70 पार दो विधायकों का टिकट रोक दिया गया है. बीजेपी की इस लिस्ट से साफ़ है की पार्टी इस बार यादव, जाटव और मुसलमान के अलावा दूसरी पिछड़ी और दलित जातियों पर अपना दांव आजमा रही है. साथ ही दूसरी पार्टियों के मजबूत दावेदारों को भी साथ लेने में नहीं चूक रही है.