
समाजवादी पार्टी में मचे दंगल में कुछ दिन पहले संकटमोचक बन कर उभरे आजम खान एक बार फिर सुलह कराने के लिए मंगलवार को दिल्ली पहुंचे. आजम ने कहा कि मेरी भी कुछ लिमिट है लेकिन मैं उस लिमिट के अंदर रहकर भी पूरी कोशिश करुंगा. आजम बोले कि पार्टी में चल रहे इस झगड़े से मुसलमान समुदाय काफी निराश है, मुसलमान हमेशा चाहते है कि हम बीजेपी को सत्ता में आने से रोके. झगड़े से मायूसी और फिक्रमंदी का समय है, अभी भी कुछ भी हो सकता है.
आजम खान का कहना है कि उन्हें इस मामले में एक बार कामयाबी मिली और अगर हालात ने साथ दिया तो फिर इसके लिए कोशिश जरूर करेंगे. अभी ये कहना
जल्दबाजी होगी कि अब सुलह का कोई रास्ता नहीं बचा है. अखिलेश और रामगोपाल के निलंबन पर उन्होंने कहा कि किसने सोचा था 24 घंटे में निलंबन वापस होगा.
मुलायम सिंह यादव के हस्ताक्षर विवाद पर आजम बोले कि एक हस्ताक्षर छोटे फॉर्म में है और पूरा पूरी तरह से लिखा गया है. वहीं मुलायम सिंह की ओर से हस्ताक्षरों
पर कोई भी बयान नहीं आया है.
आजम खान ने पीएम मोदी की रैली पर कहा कि प्रधानमंत्री को यह स्वीकार कर लेना चाहिए कि उत्तर प्रदेश में विकास कार्य हुए है, आजम खान बोले कि अगर इस प्रकार की राजनीति हुई तो यह बहुत बुरा होगा.
चुनाव आयोग से मिले मुलायम
इससे पहले सोमवार दोपहर मुलायम सिंह के दिल्ली वाले आवास पर करीब 2 घंटे तक अखिलेश विरोधी गुट के नेताओं की बैठक चली, जिसमें खुद मुलायम सिंह ,
शिवपाल यादव, अमर सिंह, जयाप्रदा और अंबिका चौधरी शामिल हुए. बैठक के बाद मुलायम, शिवपाल, अमर सिंह और जया प्रदा चुनाव आयोग में अपनी शिकायत लेकर
पहुंचे. चुनाव आयोग को मुलायम सिंह यादव ने पार्टी में हुए ताजा राजनीतिक घटनाक्रम की जानकार दी. सूत्रों के मुताबिक मुलायम ने आयोग को बताया कि दूसरे खेमे
की राजनीतिक कार्यवाही पार्टी संविधान के खिलाफ है और जो रामगोपाल ने अधिवेशन बुलाया वो असंवैधानिक है, क्योंकि रामगोपाल और अखिलेश यादव को पहले ही
पार्टी से निकाला जा चुका है. आयोग के सामने मुलायम ने 'साइकिल' चुनाव चिन्ह पर भी अपना हक जताया.