
इस वक्त समाजवादी पार्टी में वर्चस्व की लड़ाई अपने चरम पर है, अखिलेश और शिवपाल यादव दोनों अपनी ताक़त का एहसास कराने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे है. लेकिन पिछले दो दिनों में शिवपाल यादव लगातार मुख्यमंत्री अखिलेश पर भारी पड़ते दिख रहे है. पिछले दो दिनों कई ऐसे फैसले आये जिसमें ये दिखा कि शिवपाल यादव परदे के पीछे भी कितने ताक़तवर है और मुलायम सिंह से लगातार होती उनकी मीटिंग कैसे अखिलेश को भारी पड़ रही है. पहले गठबंधन खारिज, फिर गायत्री प्रजापति को राष्ट्रीय सचिव की कमान और अब विधायक रामपाल यादव की वापसी, ये तीनों ही ऐसे फैसले जो अखिलेश यादव को चिढ़ाने के लिए काफी है.
बिसवान से एमएलए रामपाल यादव वो शख्स है जिसे अखिलेश यादव ने इसी साल अप्रैल में प्रदेश अध्यक्ष रहते पार्टी से निकाल दिया था. रामपाल यादव पर लखनऊ में पुलिस टीम पर हमला करने का आरोप लगा जिसे मीडिया ने खूब दिखाया था.
अखिलेश यादव ने कार्यवाई करते वक्त कहा था कि सरकार के इक़बाल का सवाल था, अनुशासनहीनता और अपराध को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.
बहरहाल जिस रामपाल को अखिलेश ने खुद अपनी कलम से पार्टी से निकाला था उसे शिवपाल ने अपनी कलम से वापसी करा दी है. ये वापसी भी तब हुई जब अखिलेश यादव ने अपनी उम्मीदवारों की लिस्ट मुलायम सिंह यादव को सौंप दी है. साफ है कि चाचा-भतीजे के बीच शह-मात का खेल जारी है और फिलहाल सुलह भी दूर की कौड़ी है.