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UP: बीजेपी-कांग्रेस-सपा-बसपा की ये हैं खूबियां और खामियां

यूपी चुनाव के लिए तारीखों की घोषणा हो चुकी है और राज्य के चारों प्रमुख दल समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस कमर कसकर तैयार हैं। अब जबकि वोटिंग में महज कुछ हफ्ते की देरी है एक नजर डालिए इन चारों प्रमुख पार्टियों की प्रमुख खूबियों और खामियों पर।

यूपी में कौन पड़ेगा भारी यूपी में कौन पड़ेगा भारी
विजय रावत
  • नई दिल्ली,
  • 05 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 4:49 PM IST

यूपी चुनाव के लिए तारीखों की घोषणा हो चुकी है और राज्य के चारों प्रमुख दल समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस कमर कसकर तैयार हैं। अब जबकि वोटिंग में महज कुछ हफ्ते की देरी है एक नजर डालिए इन चारों बड़ी पार्टियों की प्रमुख खूबियों और खामियों पर।

भारतीय जनता पार्टीः मजबूती
1-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि जो राज्य में पार्टी के स्टार प्रचारक हैं।
2-बीजेपी की दूसरे राज्यों में चल रही सरकारों का ट्रैक रिकॉर्ड।
3-सवर्ण वोटों पर पकड़, राज्य में इनकी आबादी तकरीबन 20 फीसदी है।
4-लोकसभा चुनाव का रिकॉर्ड जिसमें बीजेपी ने 80 में से 73 सीटें जीतीं।

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भारतीय जनता पार्टीः कमजोरी
1-बीजेपी मुस्लिमों का भरोसा जीतने में विफल रही है।
2-सवर्णों की पार्टी का ठप्पा उसे दलित वोटों से दूर करता है।
3-राज्य में सीएम कैंडिडेट तय नहीं कर पाना सबसे बड़ी कमजोरी।
4-हिंदुत्व के एजेंडे से भटकाव से पुराने वोटरों में कुछ नाराजगी।

बहुजन समाज पार्टीः मजबूती
1-दलित वोटों पर पकड़, जिनकी संख्या राज्य में सबसे अधिक है।
2-मजबूत संगठन और समर्पित कार्यकर्ता उसे जमीन पर ताकतवर बनाते हैं।
3-मायावती की सख्त प्रशासक की छवि, कानून व्यवस्था के मुद्दे पर माया सरकार का ट्रैक रिकॉर्ड।
4-टिकट बंटवारे में सोशल इंजीनियरिंग का ध्यान, सवर्णों तक पहुंच की कोशिश।

बहुजन समाज पार्टीः कमजोरी
1-मायावती और उनके परिवार के खिलाफ करप्शन के आरोप।
2-स्वामी प्रसाद मौर्य जैसे पार्टी के मजबूत नेताओं का साथ छोड़ जाना।
3-मायावती का व्यवहार, कार्यकर्ताओं से सीधे संवाद न करने की उनकी आदत।
4-मुस्लिम वोटों का छिटकना, लोकसभा चुनाव में इसी वजह से मिली करारी हार।

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समाजवादी पार्टीः मजबूती
1-मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की खुद की छवि।
2-सरकार के पिछले पांच साल में किए गए कार्य।
3-यादव और मुस्लिम वोटों पर मजबूत पकड़।
4-मजबूत संगठन और लीडर तक कार्यकर्ताओं की पहुंच।

समाजवादी पार्टीः कमजोरी
1-परिवार में घमासान से वोटरों के बंट जाने का डर।
2-जाति विशेष की सरकार होने का ठप्पा।
3-करप्शन और कानून व्यवस्था के मोर्चे पर विफलता।
4-पार्टी और सरकार के परिवार तक सिमट जाने का आरोप।

कांग्रेसः मजबूती
1-बीजेपी और पीएम मोदी के खिलाफ राहुल गांधी का आक्रामक रुख।
2-प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर राज बब्बर जैसे चर्चित चेहरे की ताजपोशी।
3-केंद्रीय लीडरशिप का खुद जमीनी स्तर पर काम करना।
4-शीला दीक्षित जैसे अनुभवी चेहरे को सीएम कैंडिडेट प्रोजेक्ट करना।

कांग्रेसः कमजोरी
1- पार्टी के पास संगठन के नाम पर कुछ नहीं।
2- प्रदेश के अनुभवी नेताओं का पार्टी से दूर छिटकना।
3- अलग-अलग राज्यों में लगातार सिमटता जनाधार।
4- पार्टी पर नेताओं से ज्यादा, पीके जैसे रणनीतिकार हावी।


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