चुनाव में नेताओं का विमर्श और भाषण गधे के स्तर पर उतर आया है. आज तक के मंच पर देश के तमाम बड़े मंचीय कवि इकट्ठा हुए, जिन्होंने गधों और राजनेताओं के तालमेल को अपनी कविताओं में पिरोकर श्रोताओँ के सामने रखा.
इस सम्मेलन में कवि दीपक गुप्ता ने मज़ेदार कविता सुनाई. उन्होंने सुनाया, नेता ने गधे से पूछा- कहते हुए श्रीमान, आप हिंदू हैं या मुसलमान? इतना सुनते ही गधे का स्वाभिमान जागा, उसने उलटा नेता से सवाल दागा.कहते हुए माई बाप, गधा मैं हूं या आप?