चुनाव में नेताओं का विमर्श और भाषण गधे के स्तर पर उतर आया है. आज तक के मंच पर देश के तमाम बड़े मंचीय कवि इकट्ठा हुए, जिन्होंने गधों और राजनेताओं के तालमेल को अपनी कविताओं में पिरोकर श्रोताओँ के सामने रखा.
मशहूर हास्य कवि पॉपुलर मेरठी ने इस सम्मेलन में गधों पर अपनी कई कविताएं सुनाकर श्रोताओं का मन मोह लिया. तू इन्हें देख मत हिकारत से, पत्थरों में गौहर भी होते हैं... सारे लीडर गधे नहीं होते, इनमें कुछ बाहुनर भी होते हैं.