बीते दो-तीन माह से समाजवादी पार्टी के भीतर और बाहरी खेमे में जारी घमासान अभी थमा नहीं है. इस घमासान से जहां एक तरफ अखिलेश मजबूत हुए हैं वहीं शिवपाल भी कमजोर होते नहीं दिखते. ऐसे में भाजपा का विकल्प बनने की चाह रखने वाला समाजवादी खेमा आगे कैसे-कैसे रंग दिखलाएगा ये तो आने वाली तारीखें ही बताएंगी.