
Uttarakhand Vidhan Sabha Chunav 2022: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में फैमिली पॉलिटिक्स को खूब तरजीह दी गई है. बीजेपी-कांग्रेस दोनों ने ही परिवारवाद वाली पॉलिटिक्स पर भरोसा जताया है. 70 विधानसभा सीटों पर 20% प्रत्याशी (लगभग एक दर्जन से अधिक) ऐसे हैं जिनके परिवार का राजनीति से गहरा नाता रहा है. इस बार के चुनावी दंगल उन परिवारों के बेटे-बेटी-बहू तक किस्मत आजमा रहे हैं. हालांकि फैमिली पॉलिटिक्स का फॉर्मूला कितना कारगर साबित होता है, ये चुनाव नतीजे के बाद 10 मार्च को साफ होगा.
दो पूर्व मुख्यमंत्रियों की बेटियां मैदान में
दो पूर्व मुख्यमंत्री की बेटियां इस चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रही हैं. एक तरफ हरीश रावत की बेटी अनुपमा रावत को कांग्रेस ने हरिद्वार ( ग्रामीण) सीट से चुनावी मैदान में उतारा है तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने भी पूर्व सीएम बीसी खंडूरी की बेटी ऋतु खंडूरी को कोटद्वार से उम्मीदवार बनाया है. ये वहीं सीट है जहां से 2012 के विधानसभा चुनाव में खुद बीसी खंडूरी हार गए थे. हरीश रावत भी 2017 के चुनाव में हरिद्वार ग्रामीण वाली सीट गंवा बैठे थे. ऐसे में 2022 के चुनाव में दो बेटियां अपने पिता की हार का बदला लेने के लिए तैयार हैं.
सितारगंज से पूर्व सीएम के बेटे मैदान में
भाजपा ने पूर्व सीएम विजय बहुगुणा के बेटे सौरभ बहुगुणा को सितारगंज से टिकट दिया है. वहीं कांग्रेस ने भी नैनीताल सीट से यशपाल आर्य के बेटे संजीव आर्य को चुनावी मैदान में उतारा है. इस बार काशीपुर सीट पर भी दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलने वाला है क्योंकि यहां से बीजेपी ने अपने वर्तमान विधायक हरभजन सिंह चीमा का टिकट काट दिया है, लेकिन उनकी जगह उनके बेटे त्रिलोक चीमा को मौका दे दिया है.
इंदिरा हृदयेश के बेटे को हल्द्वनी सीट से टिकट
कांग्रेस ने इस बार नैनीताल की हल्द्वानी सीट पर भी बड़ा दांव चला है. दिग्गज नेता इंदिरा हृदयेश की परंपरागत सीट माने जाने वाली हल्द्वानी से पार्टी ने इस बार उनके बेटे सुमित हृदयेश को मौका दे दिया है. पिछले साल ही उनकी मां का निधन हो गया था. अब कांग्रेस को उम्मीद है कि इंदिरा हृदयेश की लोकप्रियता का फायदा चुनाव में उनके बेटे को भी मिल सकता है.
लैंसडौन सीट से हरक सिंह रावत की बहू
देवभूमि के दिग्गज नेता हरक सिंह रावत राज्य गठन के बाद दो दशक के चुनावी इतिहास में पहली बार चुनाव नहीं लड़ेंगे. कांग्रेस में जाने के बाद उनके चौबट्टाखाल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की संभावना जताई जा रही थी. हालांकि भाजपा ने जब उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया तो यही वजह बताई कि हरक सिंह अपने लिए, अपनी पुत्र वधू के लिए और एक अन्य टिकट की मांग कर रहे थे. कांग्रेस में शामिल होने के बाद हरक सिंह रावत की पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं को लैंसडौन से टिकट मिला है. इस सीट से बीजेपी ने दिलीप सिंह रावत को टिकट दिया है, जो भरत सिंह के बेटे हैं.
हरबंस कपूर की पत्नी देहरादून कैंट से रण में
बीजेपी ने देहरादून कैंट सीट से सविता कपूर को अपना उम्मीदवार बनाया है. सविता बीजेपी के दिग्गज नेता हरबंस कपूर की पत्नी हैं. हरबंर रिकॉर्ड आठ बार देहरादून कैंट से विधायक रहे हैं, लेकिन अब उनका निधन हो चुका है और बीजेपी ने इस चुनाव में उनकी पत्नी को उतारा है.
बीजेपी ने इन्हें भी दिया टिकट
- खानपुर सीट से MLA कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन की पत्नी मैदान में हैं
- पिथौरागढ़ से प्रकाश पंत की पत्नी चंद्रा पंत बीजेपी की प्रत्याशी हैं
- सुरेंद्र सिंह जीना के भाई महेश जीना को बीजेपी सल्ट से टिकट दिया है
कांग्रेस ने इन पर भी जताया भरोसा
- पूर्व मंत्री सुरेंद्र राकेश की पत्नी ममता राकेश को भगवानपुर सीट से दूसरी बार टिकट दिया गया है.
- पूर्व सांसद केसी सिंह बाबा के बेटे नरेंद्र सिंह को कांग्रेस ने काशीपुर से उम्मीदवार बनाया है