Advertisement

Panchayat Aaj Tak: कैसा हो सपनों का उत्तराखंड? जुबिन नौटियाल ने बताया

Panchayat Aaj Tak 2021 Uttarakhand: जुबिन नौटियाल और प्रीतम ने अपने सपनों के उत्तराखंड को लेकर सवाल पर कहा कि ये योग की, तप की भूमि है. सपनों का उत्तराखंड ऐसा हो जहां खनन, शराब माफियाओं की कोई जगह ना हो. जहां हर कोई खुश रहे.

जुबिन नौटियाल जुबिन नौटियाल
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 28 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 7:55 PM IST
  • पहाड़ की पुकार सेशन में शामिल हुए जुबिन नौटियाल
  • कहा- पहाड़ तक पहुंच रही सड़कें, पलायन समस्या

Panchayat Aaj Tak 2021 Uttarakhand: उत्तराखंड में कुछ ही महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं. उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले देहरादून में ''आज तक'' का महामंच ''पंचायत आज तक उत्तराखंड'' सज चुका है. ''पंचायत आज तक उत्तराखंड'' के इस मंच पर ''पहाड़ की पुकार'' सेशन में गायक जुबिन नौटियाल और प्रीतम भरतवाण ने शिरकत की.

जुबिन नौटियाल और प्रीतम ने अपने सपनों के उत्तराखंड को लेकर सवाल पर कहा कि ये योग की, तप की भूमि है. सपनों का उत्तराखंड ऐसा हो जहां खनन, शराब माफियाओं की कोई जगह ना हो. जहां हर कोई खुश रहे. जुबिन नौटियाल ने कहा कि आज देश-विदेश का बच्चा-बच्चा पहाड़ की खूबसूरती, उत्तराखंड को जानता है. उत्तराखंड की एक शुरुआत है. उन्होंने कहा कि अगले 10 साल में सपनों का उत्तराखंड बनेगा. दोनों कलाकारों ने गीत सुनाकर माहौल को संगीतमय भी बनाया.

Advertisement

संगीत मनोरंजन की चीज

जुबिन ने एक सवाल के जवाब में कहा कि उत्तराखंड के जॉनसार बाबर इलाके के क्यारी गांव से आता हूं. वहां के लोगों में आज भी सरलता है. उन्होंने अपने गृह इलाके में टाउनशिप अप्रूव किए जाने का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को धन्यवाद दिया. जुबिन ने अपनी यात्रा को लेकर कहा कि संगीत एक ऐसी चीज है जो मनोरंजन की चीज है. इसमें संघर्ष कैसे हो सकता है. उन्होंने कहा कि मुंबई ने मुझे बहुत प्यार दिया, बहुत कुछ सिखाया.

पिता चाहते थे गायक बनूं

जुबिन नौटियाल ने पुराने गीतों की नई आवाज की पहली चॉइस क्यों के सवाल पर कहा कि मैं बस उसका आनंद लेता हूं. जुबिन ने अपना एक पसंदीदा गाना गाकर भी सुनाया. उन्होंने अपने गायन की यात्रा शुरू होने को लेकर कहा कि मेरे माता-पिता रफी साहब के बड़े फैन थे. खेलता भी था तो पीछे संगीत बजता था. मेरे पिता चाहते थे कि मैं गायक बनूं. बनारस जाता था. छन्नूलालजी से कजरी, चैती सीखता था.

Advertisement

पहाड़ों की पुकार क्या है, इस सवाल पर जुबिन नौटियाल ने कहा कि यहां की सबसे बड़ी समस्या है पलायन. पहाड़ को विकास के लिए एक मौका चाहिए. पहाड़ी आदमी स्वाभिमानी और मेहनती होता है. कोरोना काल में अपने पिता के साथ पहाड़ में घूमकर लोगों की मदद करने की कोशिश की. पहाड़ पर सड़कें पहुंची हैं. अब देखना होगा कि इन सड़कों से लोग वापस आते हैं या नीचे जाते हैं.

प्रीतम ने बताई पलायन की पीड़ा

प्रीतम ने पलायन को लेकर कहा कि पहाड़ में चिकित्सा, स्कूल के साथ ही मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. पलायन की मुख्य वजह भी यही है कि लोग विकसित जगह चले जाना चाहते हैं. पहाड़ की पीड़ा को समझना होगा. उन्होंने इसे गीतों के जरिए भी व्यक्त किया. प्रीतम ने कहा कि पहाड़ पर निर्माण हो रहा है लेकिन इसकी रफ्तार और बढ़नी चाहिए. उन्होंने अपनी पारिवारिक पृष्ठभूमि की चर्चा करते हुए कहा कि मुझे ये परंपरागत रूप से मिल गया. जागर गाता था.

प्रीतम भरतवाण

प्रीतम ने कहा कि हमारे यहां देवताओं को जगाने के लिए नौबत बजती है. मैं उससे प्रभावित था. प्रीतम ने कहा कि पहाड़ का विकास इतनी तेज गति से हो कि लोग पहाड़ में रहना चाहें. राजधानी भी पहाड़ में रहे. उन्होंने पहाड़ी, गढ़वाली आदि बोलियों के संरक्षण पर भी बल दिया.

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement