Advertisement

Uttrakhand Election: पोस्टल बैलेट में गड़बड़ी के मामले में फौजी को हो सकती है एक साल की सजा!

उत्तराखंड में पोस्टल बैलेट में गड़बड़ी का मामला गंभीर होता जा रहा है. वीडियो में दिख रहे जवान के साथ ही पांच जवानों को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा गया है. माना जा रहा है कि वोट डालने वाले जवान पर कार्रवाई हो सकती है.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 28 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 10:11 PM IST
  • चुनाव आयोग ने सेना के अधिकारियों से मांगा जवाब
  • पांच जवानों को पूछताछ के लिए भेजा गया है नोटिस
  • एक ही जवान ने सभी साथियों के डाल दिए थे वोट

उत्तराखंड में पोस्टल बैलेट में गड़बड़ी के मामले में चुनाव आयोग ने सेना के अधिकारियों से जवाब मांगा है. दरअसल, उत्तरखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया था. वीडियो में दिख रहा है कि डीडीहाट विधानसभा के अंतर्गत एक फौजी अपने सभी साथियों के नाम से पोस्टल बैलेट से मतदान कर रहा है.

वीडियो में वही जवान सभी के हस्ताक्षर भी करता हुआ दिख रहा है. पोस्टल बैलेट में मतदान करने का वीडियो सेना की दो कुमाऊं रेजीमेंट के जवानों ने जम्मू से जारी किया था. पुलिस ने जवानों की पहचान कर ली है. वीडियो में दिख रहे जवान के साथ ही पांच जवानों को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा गया है. आइए जानते हैं निष्पक्ष मतदान के लिए हमारे संविधान में क्या व्यवस्था की गई है और कानून तोड़ने पर किस तरह का दंड तय किया गया है.

Advertisement

धारा 171 डी व 171 एफ : किसी दूसरे के नाम से मतदान करने पर एक साल कैद या जुर्माना या दोनों ही सजा का प्रावधान है.

धारा 171 बी : गलत वोट डालने अथवा डलवाने के लिए रिश्वत देने पर एक वर्ष की सजा, जुर्माना या दोनों सजा दी सकती हैं.

धारा 171 जी : विपक्षी उम्मीदवार के व्यक्तिगत चरित्र एवं आचरण के संबंध में झूठा बयान देने पर अर्थदंड की सजा तय की गई है.

धारा 125 : चुनाव के दौरान धर्म, जाति, संप्रदाय, भाषा के आधार पर घृणा फैलाना या इसकी कोशिश करने पर तीन साल की कैद, जुर्माना या दोनों सजा दी सकती है.

धारा 126 : मतदान खत्म करने के लिए तय समय समाप्त होने के 48 घंटे पहले सार्वजनिक सभा, जुलूस, टीवी आदि के माध्यम या संगीत आदि के जरिये प्रचार करने पर दो वर्ष कैद, जुर्माना या दोनों का प्रावधान है.

Advertisement

धारा 135 क : बूथ कैप्चरिंग की इस धारा के तहत एक से तीन वर्ष तक की सजा का प्रावधान है. सरकारी आदमी अगर यह अपराध करता है तो उसे 3 से 5 साल की कैद व आर्थिक दंड का प्रावधान है.

धारा 134 ख : मतदान केंद्र या इसके निकट अवैध रूप से शस्त्र का प्रदर्शन करने पर अर्थदंड, दो वर्ष या दोनों सजा देने का प्रावधान है.

चुनाव अधिनियम होंगे सख्त

चुनाव में फर्जी मतदान को रोकने सहित दूसरे सुधारों को देखते हुए सरकार ने पिछले साल शीतकालीन सत्र में लोकसभा में 'चुनाव अधिनियम संशोधन विधेयक 2021' पेश किया. इसमें मतदाता सूची में एक ही व्यक्ति के नाम के दोहराव और फर्जी मतदान पर रोक लगाने के लिए वोटर आईडी को आधार कार्ड से जोड़ने का प्रावधान किया गया है. इससे एक व्यक्ति के एक से ज्यादा चुनाव क्षेत्रों में रजिस्ट्रेशन और एक ही चुनाव क्षेत्र में वोटर के रूप में अलग-अलग पतों से रजिस्ट्रेशन की पहचान कर उसे खारिज किया जा सकेगा.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement