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Uttarakhand Election 2022 Dates: उत्तराखंड में 14 फरवरी को डाले जाएंगे वोट, 10 मार्च को आएंगे नतीजे

Uttarakhand Aassembly Election 2022: चुनाव आयोग ने पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है. इन पांचों राज्यों में 690 विधानसभाओं में चुनाव होने हैं. 18.34 करोड़ मतदाता वोट डालेंगे.

उत्तराखंड विधानसभा में 70 सीटों पर चुनाव होने हैं उत्तराखंड विधानसभा में 70 सीटों पर चुनाव होने हैं
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 08 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 9:04 PM IST
  • उत्तराखंड विधानसभा का कार्यकाल 23 मार्च, 2022 को खत्म हो रहा है
  • उत्तराखंड में 70 विधानसभा सीटों पर होने हैं चुनाव

चुनाव आयोग (Election Commission) ने उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर के विधानसभा चुनाव (Assembly Election) की तारीखों का शनिवार को औपचारिक ऐलान कर दिया है. इन पांचों राज्यों में 690 सीटों पर चुनाव होने हैं. 18.34 करोड़ मतदाता वोट डालेंगे. 7 फेज़ में चुनाव किए जाएंगे. पंजाब, गोवा और उत्तराखंड में एक ही फेज़ में चुनाव होंगे. 

उत्तराखंड में चुनाव

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उत्तराखंड की 70 विधानसभा सीटों पर 14 फरवरी को मतदान किया जाएगा. 10 मार्च को पांचों राज्यों के वोटों की काउंटिंग की जाएगी. 

नोटिफ़िकेशन जारी करने की तारीख- 21 जनवरी, 2022

नामांकन की आखिरी तारीख- 28 जनवरी, 2022

नामांकन पत्रों की जांच की आखिरी तारीख-  29 जनवरी, 2022

नाम वापस लेने की आखिरी तारीख- 31 जनवरी, 2022

मतदान- 14 फरवरी, 2022

वोटों की गिनती- 10 मार्च, 2022

उत्तराखंड में वैक्सीनेशन की स्थिति

कोविड को ध्यान में रखते हुए, चुनाव आयोग का कहना है कि वोटिंग से पहले सभी पोलिंग स्टेशन पूरी तरह से सैनिटाइज़ किए जाएंगे. यही नहीं, चुनाव अधिकारी भी पूरी तरह से वैक्सीन्टेड होंगे. चुनावों में मतदाताओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, चुनाव आयोग ने राज्यों के पॉज़िटिविटी रेट की जानकारी भी ली थी. चुनाव आयोग का कहना है कि उत्तराखंड में वीकली पॉज़िटिविटी रेट 1.01 प्रतिशत था.

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चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि उत्तराखंड में 99.6 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन की पहली खुराक लग चुकी है और 83 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन की दूसरी खुराक दी जा चुकी है. उन्होंने कहा कि मतदाताओं की सुरक्षा उनकी प्राथमिकता है. 

उत्तराखंड के चुनावी समीकरण

70 सीटों वाली उत्तराखंड विधानसभा का कार्यकाल 23 मार्च 2022 को खत्म हो रहा है. लेकिन, सूबे में सियासी हलचल तेज है. यहां कांग्रेस, बीजेपी के साथ-साथ आम आदमी पार्टी, बसपा और छोटे-छोटे कई दल अपनी किस्मत आजमाने वाले हैं. हालांकि, बीजेपी के लिए उत्तराखंड चुनाव सबसे ज्यादा चुनौती पूर्ण बना हुआ है, क्योंकि यहां दो दशक से हर पांच साल पर सत्ता बदलने की परंपरा चली आ रही है. ऐसे में कांग्रेस पूरी उम्मीद कर रही है कि वह सत्ता में वापस आए. वहीं, बीजेपी सत्ता परिवर्तन के मिथक को तोड़ने में जुटी है. 

उत्तराखंड में 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में, बीजेपी ने 57 सीटें जीतीं और प्रचंड बहुमत के साथ अपनी सरकार बनाई थी. जबकि विपक्षी दल कांग्रेस को 11 सीटें ही मिल सकी थीं. तब त्रिवेंद्र सिंह रावत मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन चार साल के बाद ही उन्हें हटाकर बीजेपी ने तीरथ सिंह रावत को सत्ता की कमान सौंपी. लेकिन कुछ ही महीनों में तीरथ सिंह रावत की जगह पुष्कर सिंह धामी को उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनाया गया. 

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आचार संहिता से पहले धामी सरकार ने लिए कई अहम फैसले

आचार संहिता से कुछ ही घंटे पहले, धामी सरकार ने कई अहम फैसले लिए. सरकार ने डॉ. गीता खन्ना को बाल संरक्षण आयोग का अध्यक्ष बनाया है, 6 सदस्य भी बनाए गए हैं. पुलिस कर्मियों के 4600 रुपए ग्रेड पे के मामले में आंशिक संशोधन के साथ फैसला लिया गया. इस दायरे में आने वाले हर सिपाही को 2 लाख रुपए एक मुश्त देने का फैसला किया गया है. वहीं शिक्षा विभाग में भी बंबर तबादले और प्रमोशन किए गए हैं. कई स्कूलों में प्रधानाचार्य को स्थायी कर दिया गया है.

 

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