
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ गई हैं. ये मुश्किल पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawar Tweet) के उस ट्वीट से बढ़ी है, जिसमें उन्होंने संगठन के कामकाज को लेकर नाराजगी जाहिर की थी. माना जा रहा है कि रावत की नाराजगी कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रीतम सिंह (Preetam Singh) को लेकर है. यही वजह है कि आलाकमान ने दोनों को दिल्ली तलब किया है. बताया जा रहा है कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) कल इन दोनों से मुलाकात कर सकते हैं.
दरअसल, विधानसभा चुनाव से पहले हरीश रावत की नाराजगी सामने आना कांग्रेस के लिए परेशानी खड़ा कर सकता है. बीजेपी इसे मुद्दा बनाए या पंजाब जैसे हालात बने, उससे पहले कांग्रेस इस स्थिति को संभालने की कोशिश में जुट गई है.सूत्रों ने बताया है कि पार्टी हाईकमान ने प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव को स्थिति जल्द से जल्द संभालने के निर्देश दिए हैं.
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के कई नेताओं को दिल्ली बुलाया गया है. इसमें हरीश रावत और प्रीतम सिंह का नाम भी शामिल है. राहुल गांधी कांग्रेस नेताओं के साथ कल बैठक कर सकते हैं. इसमें उत्तराखंड के ताजा संकट और चुनावी तैयारियों पर चर्चा हो सकती है.
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रावत और प्रीतम सिंह में छत्तीस का आंकड़ा!
- उत्तराखंड की सियासत में हरीश रावत और प्रीतम सिंह के छत्तीस के आंकड़े जगजाहिर हैं. ऐसे में दोनों के बीच सियासी वर्चस्व को लेकर शह-मात का खेल चलता रहता है. 2022 के चुनाव को लेकर एक बार फिर से दोनों अपने-अपने जुगत में लगे हैं. ऐसे में हरीश रावत खुद को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करवाना चाहते हैं. लेकिन पार्टी सामूहिक नेतृत्व में चुनावी मैदान में उतरने की बात सार्वजनिक रूप से कह रही है.
- उत्तराखंड के कांग्रेस प्रभारी देवेंद्र यादव समेत अन्य केंद्रीय लीडरशिप 2022 का चुनाव सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात कर रहे हैं. हाल ही में कांग्रेस की प्रदेश स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अविनाश पांडे ने भी सामूहिक नेतृत्व में ही चुनावी मैदान में उतरने की बात की है.
- हरीश रावत खेमा सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने के रुख से संतुष्ट नहीं हैं. ऐसे में रावत इस बात को लेकर आशंकित दिख रहे हैं कि चुनाव के बाद कहीं प्रीतम सिंह को मुख्यमंत्री न बना दे. प्रीतम सिंह पहले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं और अभी कांग्रेस विधायक दल के नेता भी हैं. इसके अलावा प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव के करीबी भी माने जाते हैं. रावत के नाराजगी भरे ट्वीट करने के पीछे भी यही वजह माना जा रहा है.
- रावत ने अपने ट्वीट में 'विश्राम' लेने की बात कही है जिसे राजनीति से संन्यास लेने के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है. माना जा रहा है कि रावत संन्यास की ओर इशारा करके पार्टी पर दबाव की रणनीति बनाने की कोशिश कर रहे हैं. रावत चाहते हैं कि पार्टी उन्हें मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित कर दे.