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Exit Poll: गेम छोटा-हलचल बड़ी... एग्जिट पोल आते ही उत्तराखंड और गोवा में क्यों बढ़ गई बेचैनी?

Exit Poll: देश के पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे गुरुवार को आएंगे, लेकिन उससे पहले आए एग्जिट पोल ने सियासी दलों की धड़कनें बढ़ी दी हैं. गोवा और उत्तराखंड को लेकर एग्जिट पोल में भी सियासी तस्वीर बहुत साफ नहीं हो सकी है. ऐसे में इन दोनों ही राज्यों में सियासी हलचलें बढ़ गई हैं और राजनीतिक दल भी एक्टिव हो गए हैं.

गोवा और उत्तराखंड में कांटे की टक्कर गोवा और उत्तराखंड में कांटे की टक्कर
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली ,
  • 09 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 10:58 AM IST
  • पांच राज्यों में किस पार्टी की कहां बनेगी सरकार
  • उत्तराखंड और गोवा की सियासी तस्वीर साफ नहीं
  • नतीजे से पहले कांग्रेस और बीजेपी नेता एक्टिव

उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में विधानसभा चुनाव संपन्न हो गए. इन सभी राज्यों के नतीजे 10 मार्च को आएंगे, लेकिन उससे पहले एग्जिट पोल ने गोवा और उत्तराखंड में सियासी धड़कने बढ़ा दी हैं. गोवा और उत्तराखंड दोनों ही राज्यों में इस बार कौन सरकार बनाएगा, इसे लेकर तमाम एग्जिट पोल भी तस्वीर साफ नहीं कर सके हैं. कुछ एग्जिट पोल में बीजेपी की पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनने की बात कही गई है तो कुछ में कांग्रेस की सरकार बनती दिख रही है. ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस ने तमाम विकल्पों पर विचार करना शुरू कर दिया है. 

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उत्तराखंड में बदलती रही सरकारें
उत्तराखंड का यह पांचवा विधानसभा चुनाव है. पिछले दो दशक में उत्तराखंड में अब तक हुए चुनाव में स्पष्ट बहुमत के साथ हर बार सरकार बदलती रही है. ऐसे में इस बार भी सत्ता परिवर्तन के कयास लगाए जा रहे थे. उत्तराखंड में सत्ता परिवर्तन होगा या नहीं इसका पता 10 मार्च को चलेगा. लेकिन उससे पहले 70 सीटों वाले इस पहाड़ी राज्य में आए तमाम एग्जिट पोल से साफ है कि कांग्रेस और बीजेपी में कांटे की टक्कर है. 

उत्तराखंड में अलग-अलग अनुमान
इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल के मुताबिक उत्तराखंड में बीजेपी को 36 से 46 सीटें मिलने का अनुमान है तो कांग्रेस को 20 से 30 सीटें मिलती दिख रही है. वहीं, सी-वोटर के सर्वे में बीजेपी को 26 से 32 और कांग्रेस को 32 से 38 सीटें मिलने का अनुमान है. इस तरह से दो एग्जिट में एक में बीजेपी की सरकार बनने की संभावना दिख रही है तो दूसरे में कांग्रेस की स्पष्ट बहुमत दिखा रहा है. इसके अलावा अन्य एग्जिट पोल में ऐसे ही आंकड़े दिखाए जा रहे हैं ऐसे में अगर किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता है तो निश्चित रूप से निर्दलीयों या अन्य दलों से जो विधायक जीतेंगे उनका रोल बेहद अहम हो जाएगा. 

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गोवा में त्रिशंकु जनादेश की संभावना
गोवा विधानसभा चुनाव को लेकर आए तमाम एग्जिट पोल में त्रिशंकु जनादेश के अनुमान हैं, जिसके चलते राज्य में सियासी हलचल तेज हो गई है. इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया एग्जिट पोल के मुताबिक, गोवा की कुल 40 सीटों में से बीजेपी को 14 से 18 और कांग्रेस को 15 से 20 सीट मिलने की संभावना है. वहीं, सी-वोटर के सर्वे में बीजेपी को 13 से 17 और कांग्रेस को 12 से 16 सीटें मिलती दिख रही है. इसी तरह से दूसरे सर्वे एजेंसियों ने भी गोवा को लेकर अपना एग्जिट पोल दिया है और सभी ने त्रिशंकु जनादेश की संभावना जतायी है. 

गोवा में सियासी हलचल बढ़ी
एग्जिट पोल के अनुमान सामने आने से गोवा और उत्तराखंड में सियासी हलचलें तेज हो गई हैं. गोवा के सीएम प्रमोद सावंत ने पहले दिल्ली में पीएम मोदी और राज्य के प्रभारी देवेंद्र फडणवीस से मुंबई में जाकर मुलाकात की. वहीं, पिछली बार से सबक लेते हुए इस बार कांग्रेस सतर्क हो गई है. कांग्रेस ने नतीजे आने के बाद गठबंधन का संकेत देते हुए अपने उम्मीदवारों को सुरक्षित ठिकाने पर ले जाने की तैयारी शुरू कर दी है. 

कांग्रेस अपने विधायकों को टूटने से बचाने के लिए पूरी तरह सतर्क हो गई है. कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों को संभालने का जिम्मा महाराष्ट्र के गृह राज्यमंत्री सतेज पाटिल को दी है. पार्टी ने फिलहाल अपने उम्मीदवारों को गोवा के ही एक रिसॉर्ट में रखा है, लेकिन उन्हें राजस्थान भेजने की तैयारी है. इसके अलावा कांग्रेस गोवा में आम आदमी पार्टी और टीएमसी से समर्थन हासिल करने की भी रणनीति पर काम कर रही है. 

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उत्तराखंड में सियासी हलचल तेज
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव नतीजे से ठीक पहले बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय पहुंचे और सीएम पुष्कर धामी और पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल निशंक से मुलाकात की. बीजेपी नेताओं के बीच हुई मंत्रणा से सियासी हलकों में ही नहीं कांग्रेस में भी हलचल शुरू हो गई. कांग्रेस अपने विधायकों को अपने शासित राज्यों राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भेजने की तैयारी कर रही है. 

इसकी वजह साल 2016 में कांग्रेस में हुई सेंधमारी है, क्योंकि उसका मुख्य रणनीतिकार कैलाश विजयवर्गीय को ही माना जाता है. यही वजह है कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से लेकर अन्य कांग्रेस नेताओं ने विजयवर्गीय को लेकर निशाना साध रहे हैं. हरीश रावत ने कहा कि खरीद-फरोख्त में माहिर खिलाड़ी एक बार फिर उत्तराखंड पहुंच चुका है, हालांकि कांग्रेस पहले से सचेत है. बंगाल में भी इन्होंने खरीद-फरोख्त की, लेकिन वहां पिट गए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पहले से सावधान है, लेकिन उत्तराखंड के लोकतंत्र के पहरूवों को भी सावधान हो जाना चाहिए. 


 

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