तो आखिर क्या वजह है कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन पर बात नहीं बन पा रही है. दरअसल दोनों पार्टियां अपने सियासी हितों को साधने में जुटी थीं. अपने सियासी फायदे की जिद ने दोनों के बीच के गठबंधन की राह को नामुमकिन के दायरे में पहुंचा दिया. दोनों पार्टियों के बीच करीब दो महीने तक गठबंधन पर तालमेल बैठाने की कोशिश होती रही लेकिन अंत में नतीजा सिफर ही निकला. पूरे देश में बीजेपी को शिकस्त देने के लिए विपक्ष एकजुट हो रहा है. इसी कोशिश में दिल्ली में भी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन पर चर्चा चल रही थी. कांग्रेस दिल्ली में आम आदमी पार्टी से गठबंधन को तैयार भी थी, लेकिन आम आदमी पार्टी चाहती थी कि पंजाब और हरियाणा में भी कांग्रेस आम आदमी पार्टी के साथ जुटे. आगे की कहानी जानने के लिए देखें वीडियो.
A fresh round of talks will be held between the Aam Aadmi Party and the Congress Wednesday, where the AAP will propose an tie-up in Delhi, Haryana and Chandigarh with a seat sharing ratio of 5:2 in the national capital, sources said. Senior leader Ahmed Patel would hold talks on Congress behalf and the AAP will be represented by party leader Sanjay Singh, they said.