बिहार का किशनगंज सीट मुस्लिम बहुल सीट है. यह इलाका बंगाल, नेपाल और बांग्लादेश की सीमा से सटा हुआ है. किशनगंज पहले पूर्णिया जिले का अनुमंडल था. मुस्लिम बहुल किशनगंज से कई बाहरी उम्मीदवार और बड़ी हस्तियां चुनाव जीत चुकी हैं. 1985 में सैय्यद शहाबुद्दीन, 1989 में पत्रकार एम. जे. अकबर, फिर मोहम्मद तस्लीमुद्दीन यहां से चुनाव जीते. 1999 में शाहनवाज हुसैन फिर 2009 और 2014 में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना असरार-उल-हक़ क़ासमी चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे. वर्ष 2014 के चुनावों में भाजपा की लहर के बीच भी मौलाना असरारुल हक़ ने किशनगंज लोकसभा सीट को रिकॉर्ड मतों से जीता था. मौलाना असरार-उल-हक़ क़ासमी का निधन 7 दिसंबर 2018 को हो गया. लोकसभा चुनाव नजदीक होने के कारण यहां उपचुनाव नहीं कराया गया.