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Exclusive: IPL की भोजपुरी कॉमेंट्री पर उठे सवाल, रवि किशन बोले- कुछ लोग होते ही निगेटिव हैं

Ravi Kisan On IPL Commentary: इन दिनों रवि किशन IPL मैच की भोजपुरी कॉमेंट्री को लेकर खासे चर्चा में बने हुए हैं. एक ओर जहां रवि के इस अंदाज की लोग तारीफ कर रहे हैं. तो वहीं कुछ लोगों ने इसे फूहड़ बताते हुए तंज भी कसा है. रवि ने उसका भी जवाब दिया है.

रवि किशन रवि किशन
नेहा वर्मा
  • मुंबई,
  • 12 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 10:01 AM IST

इन दिनों IPL मैच और फैंस के प्रति उसकी दीवनगी अपने ऊफान पर है. अब इसी IPL मैच में तड़का लगा भोजपुरी कॉमेंट्री का, जब भोजपुरी इंडस्ट्री के सुपरस्टार रवि किशन ने कॉमेंट्री की जिम्मेदारी संभाली, तो सोशल मीडिया पर वीडियोज हाथों हाथ शेयर होने लगे. भोजपुरी कॉमेंट्री पर मिल रहे रिएक्शन पर रवि किशन हमसे एक्सक्लूसिव बातचीत करते हैं.

भोजपुरी कॉमेंट्री के बाद 20 प्रतिशत आईपीएल की व्यूअरशिप है बढ़ी!

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रवि कहते हैं, भोजपुरी मेरी पहचान है. भोजपुरी एक लिट्रेचर है, लेकिन एक तबका उन्हें कुछ गानों और फिल्मों की वजह से हीन दृष्टि से देखता रहा है. मेरी यही कोशिश है कि मैं कैसे उनके नजरिये को बदलूं. आईपीएल का जब ऑफर मिला, तो मुझे लगा कि यह एक अच्छा मौका हो सकता है, जहां मैं अपनी मातृभाषा को इंटरनेशनल और नेशनल लेवल पर पहुंचाकर उसे सम्मान दिलाऊं. इसका फायदा भी मिला, मुझे किसी ने कहा कि भोजपुरी कॉमेंट्री के बाद आईपीएल मैच की 20 प्रतिशत व्यूअरशिप बढ़ी है. बहुत से लोग, जो मैच नहीं देखते थे, वो भी देख रहे हैं. नॉन भोजपुरिया लोग भी देख रहे हैं, मामला बड़ा हिट हो गया है.

फैंस मैसेज कर कह रहे हैं, हमारे जिले का भी नाम ले लो

सोशल मीडिया पर वायरल मीम्स पर रिएक्ट करते हुए रवि कहते हैं, मैंने देखा, लोग वीडियोज के कट्स शेयर कर रहे हैं. मुझे तो कॉल्स व लगातार मैसेज आ रहे हैं. दरअसल मैच के दौरान मैंने गेंद आ गईल गोरखपुर पार, फिर मैंने कहा था गोरखपुर से गेंद निकलकर खुर्शीवाद, गाजीपुर जैसे जिलाओं का नाम लेकर कॉमेंट्री की थी. बस वही सब सुनकर लोग मुझे मैसेज कर कह रहे हैं कि 'हमरो जिला के तनी ऊपर से उड़ा द..' टीवी पर अब लोग इसीलिए बैठे हैं, ताकि उन्हें अपने जिले का नाम सुनाई दे. इसमें मैंने देहात की बातें की हैं, महादेव का जिक्र किया, लिट्टी चोखा तक को मिला लिया है, यहां तक कि भोजपुरी में एकाध दो गाने भी गा दिए हैं. तो लोगों को लगने लगा है कि उनके घर के ही किसी मैदान में मैच हो रहा है. रिलेटिबिलिटी बढ़ी है. अपनेपन की फीलिंग की वजह से उनका प्यार सोशल मीडिया पर झलक रहा है.

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मेरी डिक्शनरी में असंभव शब्द नहीं है 

नेता और अभिनेता के इतर कॉमेंट्री करना एक नया प्रयास है. कभी नर्वेसनेस नहीं हुई? इसके जवाब में रवि कहते हैं, पता नहीं, बचपन से ही ऊपरवाले की कृपा रही है कि मुझे किसी चीज से डर ही नहीं लगता है. मैंने कभी अपनी डिक्शनरी में अंसभव शब्द को जगह दी ही नहीं है. चाहे कुछ भी हो, मैं एकदम से कूद पड़ता हूं और खुद की ताकत को झोंक देता हूं. मैं फिर उसमें खुद का अनुभव डालता हूं, खुद की लिखी हुई चीजों का इस्तेमाल करता हूं और फिर बाद में वही चीजें ऐतिहासिक हो जाती हैं.

लेफ्ट आर्म बॉलर हूं मैं 

क्रिकेट को लेकर अपनी दिलचस्पी पर रवि कहते हैं, मुझे नहीं लगता है कि हमारे देश में शायद ही कोई बच्चा हो, जिसने क्रिकेट न खेला हो. भला मैं कैसे बचा रहता. मैं क्रिकेट बहुत पसंद करता हूं. हमलोग सीपीएल खेलते हैं, जहां मैं लेफ्ट आर्म बॉलर भी हूं. क्रिकेट एक इमोशन है. ऊपर से यहां मुझे भोजपुरी में बोलना था, मेरे लिए तो बहुत ही अलग इमोशनल एक्सपीरियंस रहा. क्रिकेट और एंटरटेनमेंट के डेडली कॉम्बिनेशन पर रवि कहते हैं, आईपीएल खुद एक एंटरटेनमेंट है. लोग एंजॉय करने के लिए इसे देखते हैं. यहां सीरियस मैच नहीं होता है. सारे देश के क्रिकेटर्स मिलकर आईपीएल खेल रहे हैं, यह कॉम्बिनेशन अपने आपमें बेहतरीन है. मुझे तो जियो वालों ने हिंदी कॉमेंट्री के लिए भी बुलाया है.

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लोगों का दिल देहात में बसता है 

क्रिकेट के ज्यादातर शब्द इंग्लिश होते हैं, तो ऐसे में शब्दों को भोजपुरी संग मिक्स करने में कोई दिक्कत आई? इसपर रवि कहते हैं, नहीं नहीं...वही, तो मजा है न. जो लोग अंग्रेजी व हिंदी देखते थे, वो आज भोजपुरी एंजॉय करते हैं. दरअसल हम सभी दिल से देसी ही हैं. भारत का दिल देहात में ही बसता है. ऐसे कई देश हैं, जहां अंग्रेजी तो बोली ही नहीं जाती है, वहां लोग लोकल भाषा बोलते हैं. चूंकि यहां अंग्रेज राज कर गए हैं, तो उनकी थोपी हुई अंग्रेजियत हम बोलते हैं. हमारी असल भाषा तो यही है न, जो गांव-देहात से आती है.  

स्क्वॉयर कट है नवरंगिया कट, लॉन्ग बॉल लंबा गेंद 

क्रिकेट के कुछ टेक्निकल शब्दों का भोजपुरी वर्जन तैयार किया है आपने? इसके जवाब में रवि कहते हैं, हां.. स्क्वायर कट को नवरंगिया कट, लॉन्ग बॉल को लंबा गेंद.. धोनी को धोनी महराज, दंबगिया खिलाड़ी ऐसे शब्द हैं, जो तुरंत बनते रहते हैं. मैं विजुअल देखता हूं, तो तुरंत शब्द बना देता हूं. किसी की तैयारी नहीं की है.

भोजपुरी के कल्चर को आगे बढ़ाने में प्रयासरत हूं 

भोजपुरी फिल्मों में आपका जलवा बरकरार है लेकिन बिहारी क्रिकेटर्स का जलवा कम देखने को मिलता है. क्या लगता है कहां कमी रही होगी? रवि कहते हैं, नहीं, ऐसा नहीं है... अभी बहुत से गेम्स में हम आगे आ रहे हैं. सरकार की तरफ से फैसिलिटी भी मिल रही है. हमारे बच्चों ने कई और स्पोर्ट्स में गोल्ड, सिल्वर जीता है. भोजपुरी सिनेमा के उत्थान की लड़ाई मैं लड़ ही रहा हूं. इसे आगे लाने के लिए मैं फिल्मसिटी बनाने जा रहा हूं. बहुत जल्द ही भोजपुरी सिनेमा को भी सम्मान की नजरों से देखा जाएगा. आप ही देखें, पहले तेलुगू और कन्नड़ मूवी को सी ग्रेड कहा जाता था लेकिन बाहुबली जैसी फिल्म बनने के बाद वहां की धारणा बदली है. अब वही सुधार मैं भोजपुरी में लाना चाहता हूं, मेरी जो फिल्म आने वाली है, वो भोजपुरी के साथ पांच अलग भाषाओं में रिलीज होगी. बस दुआ करते रहें कि यहां की इमेज भी जल्दी सुधरे.

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धोनी-विराट को मानता हूं भौकाली क्रिकेटर 

भोजपुरी फिल्मों में रवि किशन का भौकाल रहा है. वो क्रिकेट के मैदान में किसे भौकाली क्रिकेटर मानते हैं? इसके जवाब में रवि कहते हैं, अभी तो फिलहाल रिंकू सिंह ने अपना नाम कमाया है. पांच छक्के मारकर उसने कमाल कर दिया है.. दूसरा विराट जी तो सदाबहार हैं, धोनी महाराज हैं..चहल, राहुल जैसे कई भौकाली क्रिकेटर्स हैं, जिन्होंने हमारा नाम रोशन किया है.

कुछ लोग हर चीज में निगेटिविटी निकाल लेते हैं 

एक तरफ तारीफ हो रही है, तो वहीं कईयों ने भोजपुरी भाषा वाली कॉमेंट्री को फूहड़ बताया है. आपकी राय? रवि सफाई देते हुए कहते हैं, बहुत तारीफ हुई है, कोई नहीं ऐसा बोल रहा है.. निगेटिविटी को मैं नहीं देखता.. मैंने न उन्हें कभी बढ़ावा दिया है और न ही ऐसे लोगों को पढ़ता या सुनता हूं. कुछ-कुछ लोग तो होते ही निगेटिव हैं, अब सूरज क्यों उगता है उससे भी उन्हें पीड़ा है, अब ऐसे दो चार लोगों के बारे में क्या कहा जाए.

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