बॉलीवुड एक्ट्रेस निरुपा रॉय वो अदाकारा हैं, जिन्होंने पर्दे पर मां का किरदार इतने बढ़िया तरीके से निभाया कि दर्शकों के मन में उनकी अलग छवि बन गई. निरूपा रॉय उन एक्ट्रेसेज में से हैं, जिन्होंने मां के किरदार को सबसे ज्यादा निभाया है. उनके इमोशन और दर्द पर्दे इतना असली लगता था कि दर्शक भी उन्हें देख इमोशनल हो जाते थे.
फिल्म दीवार और मर्द में अपने कम को लेकर निरुपा रॉय ने खूब तारीफें बटोरी हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि उन्होंने अपने करियर की शुरुआत कब की थी? और क्या आप जानते हैं कि निरूपा रॉय, इंडस्ट्री की दुखियारी मां के साथ-साथ सुपरहीरो भी रह चुकी हैं? आइए हम आपको बताएं:
एक्ट्रेस निरुपा रॉय ने करियर की शुरुआत एक गुजराती फिल्म से किया था, जिसका नाम रनक देवी था. हिंदी फिल्मों में पहली बार उन्हें होमी वाडिया ने कास्ट किया था. उनकी पहली हिंदी फिल्म का नाम अमर राज था. इस फिल्म में निरूपा के त्रिलोक कपूर ने काम किया था.
अपने करियर के शुरुआती दिनों निरूपा रॉय ने कई लीड रोल निभाए थे. त्रिलोक कपूर के साथ उनकी जोड़ी दर्शकों को खूब पसंद थी. दोनों ने एक साथ लगभग 18 फिल्मों में काम किया था. हालांकि निरुपा को पहचान बॉलीवुड में मां के रोल्स ने दिलवाई.
निरुपा रॉय ने कई बड़ी फिल्मों में एक गरीब दुखियारी मां का किरदार निभाया था. उनके काम को पसंद किया गया और वह नामी एक्टर्स की मां के रोल ने नजर आने लगी गई थीं. उनके मां के रोल दिखने वाले काम के चलते ही उन्हें ‘Queen Of Misery’ भी कहा जाने लगा था.
हालांकि निरूपा रॉय ने हीरोइन और फिल्मों की मां के अलावा भी कई अलग और लीक से लटकर रोल्स किए, जिनके बारे में अब कम ही लोग जानते हैं. क्या आप जानते हैं कि निरूपा रॉय भारत की सुपरवुमन रह चुकी हैं? जी हां, निरूपा ने सुपरमैन नाम की एक फिल्म में काम किया था, जो 1960 में रिलीज हुई थी.
फिल्म सुपरमैन (1960) को अनंत ठाकुर और मोहम्मद हुसैन ने डायरेक्ट किया था. इसमें सुपरमैन का रोल निरुपा रॉय ने निभाया था. फिल्म में उनके साथ जयराज, हेलन, नीता जैसे कलाकार थे. इसके अलावा भी कुछ अलग किरदार निरुपा रॉय ने किये थे.
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इनमें से एक 1951 में आई फिल्म हर हर महादेव थी, जिसमें उन्होंने माता पार्वती का किरदार निभाया था. इस फिल्म के बाद लोग उन्हें सच की देवी मानने लगे थे और आशीर्वाद लेने उनके घर तक पहुंच जाते थे. निरुपा रॉय को साल 2004 में लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. यही वो साल था जब निरूपा रॉय ने दुनिया को छोड़ दिया था.