बॉलीवुड इंडस्ट्री भले ही बाहर से ग्लैमरस और चकाचौंध वाली नजर आती हो, लेकिन अंदर से उतनी ही खोखली है. यहां चढ़ते सूरज को सलाम किया जाता है, जैसे ही आपका सिक्का कमजोर पड़ता है, आपके सारे अचीवमेंट और हासिल किए पोजीशन भुला दिए जाते हैं. कई बार आपको बाहर तक का रास्ता दिखा दिया जाता है. हाल ही में जब आर्ट डायरेक्टर लीलाधर सावंत ने अपनी आपबीती सुनाई, तो एक बार फिर इस इंडस्ट्री का सच सामने आ गया. हालांकि सावंत इकलौते नहीं है, जो अर्श से फर्श तक जा पहुंचे हैं. ऐसे कई सितारें मिल जाएंगे, जो एक वक्त इंडस्ट्री में चमका करते थे लेकिन अब अंधकार में कहीं गुम हो गए. किसी ने इलाज में अपनी सारी दौलत गवां दी, तो कोई काम नहीं मिल पाने की वजह से तंगहाल रहा.
बॉलीवुड में सौ से भी ज्यादा फिल्में कर चुके राज किरण आज गुमशुदगी की जिंदगी जी रहे हैं. बीच में ऐसी खबर आई थी कि तंगहाली और अवसाद से घिरे राज किरण अमेरिका के एक मेंटल असाइलम में हैं. ऋषि कपूर से लेकर दीप्ती नवल तक ने उन्हें ढूंढने की मुहीम चलाई थी, लेकिन राज किरण का पता अब तक नहीं चल पाया है.
परवीन बॉबी का नाम अपने दौर की सबसे ग्लैमरस एक्ट्रेस की लिस्ट में शुमार है. सिल्वर स्क्रीन पर हमेशा अपनी बोल्ड अदाओं के लिए पहचानी जाने वाली ये एक्ट्रेस निजी जिंदगी में बेहद तन्हा थीं. एक समय ऐसा भी था, जब पूरी इंडस्ट्री ने उनसे दूरी बना ली थी. परवीन के बारे में कहते हैं कि वे मानसिक बीमारी से गुजर रही थी. परवीन की मौत बहुत ही दर्दनाक थी. परवीन के फ्लैट में तीन दिनों तक उनकी लाश पड़ी हुई थी.
बॉलीवुड की खूबसूरत एक्ट्रेस में आज भी मीना कुमारी का नाम लिया जाता है. मीना कुमारी को इंडस्ट्री में ट्रेजिडी क्वीन कहा जाता था. हालांकि इस नाम की तरह उनकी जिंदगी में भी कई उतार-चढ़ाव रहे हैं. मीना जब अस्पताल में भर्ती थीं, तो बिल चुकाने तक के पैसे उनके पास नहीं थे. एक फैन डॉक्टर ने उनकी फीस की जिम्मेदारी थी.
जगदीश माली का नाम इंडस्ट्री के जाने-माने फैशन फोटोग्राफर में शुमार था. जगदीश, अंतरा माली के पिता भी हैं. दिमागी हालत ठीक नहीं होने की वजह से जगदीश सड़कों में भीख मांगते पाए गए. दुख की बात यह है कि बेटी भी अपने पिता की मदद के लिए आगे नहीं आई. एक मॉडल ने उन्हें पहचान, सलमान खान से मदद मांगी थी. आज जगदीश इस दुनिया में नहीं हैं.
एक भरा-पूरा परिवार होने के बावजूद विमी की मौत के वक्त उनके साथ कोई नहीं था. विमी उस दौर की सबसे आजाद खयालों वाली एक्ट्रेस मानी जाती थीं. विमी बहुत कम उम्र में इस दुनिया से चल बसीं, एक वक्त महंगे कारों में घूमने वाली विमी अपनी मौत के समय नानावती अस्पताल के जनरल वार्ड में भर्ती थीं. वहीं उनकी बॉडी को अंतिम संस्कार के लिए ठेले से ले जाया गया
ऐक्टर भारत भूषण ने जाते-जाते एक बात कही थी, मौत तो सबको आती है, लेकिन जीना सबको नहीं आता.. मुझे तो बिलकुल नहीं आया. और वाकई में बैजु बावरा में खुद को बतौर एक्टर स्थापित करने वाले भारत भूषण की निजी जिंदगी बहुत ही ट्रेजडी से भरपूर रही. एक समय पर टॉप में रहे ये स्टार कैरेक्टर रोल तक करने को मजबूर हो गए थे. आखिरी दिनों में तंगहाली से मजबूर भारत ने अपनी गाड़ियां तक बेच दी थी. मौत के आखिरी दिनों में भारत बहुत अकेले पड़ गए थे. उनकी अर्थी तक को कंधा देने वाला कोई नहीं था.
ओ बेटा जी.. गाना फेम भगवान दादा की रईसी के किस्से सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे. एक समय में भगवान दादा समुद्र के किनारे 25 कमरों वाले आलीशान मकान में रहा करते थे. तमाम लग्जरी गाड़ियां उनके पास थीं लेकिन आर्थिक तंगी ने उन्हें चॉल पर रहने को मजबूर कर दिया. उनकी गरीबी को देखते हुए कई लोगों ने उनका साथ छोड़ दिया था.
ओ मेरी जोहराजबीं गाना तो याद होगा आपको.. यह गाना अचला सचदेव पर फिल्माया गया था. अचला ने अपनी एक्टिंग की शुरुआत बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में की थी. अचला इतनी दयालु थीं कि उन्होंने एक चैरिटी में अपना घर तक दान कर दिया था. हालांकि उन्हें इस क्रूर दुनिया का अंदाजा नहीं था. अपने मौत के आखिरी दिनों में अचला पैरेलाइज्ड थीं और तंगहाली में पुणे के एक अस्पताल में अपना दम तोड़ा
बाकी ऐक्टर से इतर के के हंगल ने 50 साल की उम्र में अपने करियर की शुरुआत की थी. बलराज साहनी और कैफी आजमी के काफी जोर देने पर हंगल इस फील्ड में आए थे. 225 से भी ज्यादा फिल्मों में नजर आ चुके हंगल 97 साल की उम्र में चल बसे. मौत के आखिरी समय में हॉस्पिटल के बिल तक चुकाने के पैसे नहीं थे. उनका अंतिम संस्कार भी बहुत ही मामूली ढंग से किया गया.