
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2025 में बॉलीवुड के सुपरस्टार आमिर खान ने अपने करियर और जिंदगी पर बात की. इवेंट के सेशन Celebrating Career and Cinema - 60 years of Aamir Khan के दौरान एक्टर ने 60 साल का होने को लेकर मजाक किया. आमिर खान ने कहा कि उनके दिमाग में आज भी वो 18 साल के हैं. हालांकि आईने में देखने पर उनका ये भ्रम टूट जाता है. अपनी सुपरहिट फिल्मों पर भी आमिर ने चर्चा की. उन्होंने बताया कि फिल्म 'लगान' को बनाने के दौरान वो बहुत डरे हुए थे. इसे बनाने में उनके पसीने भी छूट गए थे.
लगान बनाने में छूटे थे पसीने
फिल्म 'लगान' को बनाने को लेकर भी आमिर खान ने किस्सा सुनाया. उन्होंने कहा, 'लगान के वक्त हम डरे हुए थे. जावेद साहब ने मुझे कॉल किया था और अपने पास बुलाया था. उन्हें पता चला था कि मैं ये फिल्म बना रहा हूं. मैं उनके पास पहुंचा तो उन्होंने कहा था कि ये क्या हिमाकत कर रहे हो? ये क्यों बना रहे हो. ये एक दिन नहीं चलेगी. आप देखिए स्पोर्ट्स, क्रिकेट की फिल्म नहीं चली है. आप इसमें अवधि में बात कर रहे है कौन ही समझेगा? लोग यहां स्विट्जरलैंड में फिल्में बना रहे हैं और आप गांव खेड़े की कहानी दिखेंगे. और आपने नेरेशन अमिताभ बच्चन का रखा है. उन दिनों अमिताभ बच्चन का वॉयस ओवर और नेरेशन जिस फिल्म में होता था वो फ्लॉप हो जाती थी. तो ये बात पक्की हो गई थी कि ये फिल्म फ्लॉप होगी ही होगी.'
उन्होंने आगे कहा, 'लगान में क्रिकेट शूट करना बहुत मुश्किल था, क्योंकि एक्टर को आप डायरेक्ट कर सकते हो लेकिन बॉल को नहीं. वो कहां जाएगी आपको भी नहीं पता. अगर आपको याद हो तो फिल्म में एक सीन है जिसमें मैं, मतलब मेरा किरदार भुवन मंदिर में खड़ा है. क्रिकेट खेलने की बात हो चुकी है, शर्त लग चुकी है और उसके बाद कुछ पल के लिए भुवन सोच रहा है कि वो नहीं जीत पाएगा. और फिर माई पीछे से आती है और पूछती है कि क्यों परेशान हो? तो भुवन कहता है- 'ई बीड़ा उठाके हमने कौनो गलती तो नहीं की.' ये, मैं और आशुतोष (गोवरिकर) रोज रात को एक दूसरे को बोलते थे. और पता है साढ़े 7 घंटे की फिल्म हमने देखी थी. वो फिल्म का पहला कट था. जब वो खत्म हुआ तब हम थक गए थे. तब मैंने फिर यही कहा था कि 'ई बीड़ा उठाके हमने कौनो गलती तो नहीं की'. लगान की जर्नी बहुत लंबी थी. लगान को हां बोलने से पहले मैं इतना डरा हुआ था. लोग कहते हैं कि मैं रिस्क लेता हूं. हां, मैं रिस्क लेता हूं लेकिन मैं डरा भी रहता हूं. पर फिर उसी रिस्क को मैं अपना गाइड लेता हूं.'
फिल्म को दुनियाभर में मिला फेम
आमिर खान ने ये भी बताया, 'लगान को बनाना बेहद मुश्किल था. उस वक्त के हिसाब से वो महंगी भी थी. वो जैसे दुनियभर के लोगों के साथ जुड़ी है.' 'लगान' के इंटरनेशनल ऑडियंस तक पहुंचने का क्रेडिट आमिर खान ने लोकॉर्नो फिल्म फेस्टिवल की डायरेक्टर को दिया. उन्होंने बताया कि इस लोकॉर्नो फिल्म फेस्टिवल में इसका प्रीमियर हुआ था. 10 हजार लोगों की ऑडियंस ने फेस्टिवल में 'लगान' को देखा था. आमिर और उनकी टीम को लगा था कि क्योंकि वो ऑडियंस पूरी यूरोप की है और उन्हें क्रिकेट के बारे में कुछ नहीं पता तो उन्हें 'लगान' पसंद नहीं आएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. फेस्टिवल में 'लगान' ने बेस्ट ऑडियंस फिल्म अवॉर्ड जीता था.
'लगान' के लोकॉर्नो फिल्म फेस्टिवल में पहुंचने का किस्सा सुनते हुए आमिर खान ने कहा, 'लोकॉर्नो फिल्म फेस्टिवल की जो डायरेक्टर थी वो मेरे पीछे पड़ी हुई थीं. मैं फिल्म फेस्टिवल में अपनी फिल्में नहीं भेजता हूं क्योंकि आपको रिलीज से पहले फिल्म भेजनी होती है. और इसका मतलब है कि फिल्म पाइरेट हो रही है. उन्होंने मुझसे बोला था कि अपनी फिल्म भेजो. मैंने कहा मेरी फिल्म पाइरेट होगी. तो मैं आपको नहीं भेज सकता. उन्होंने कहा- नहीं भेजोगे तो सिलेक्ट नहीं होगी. तो मैंने कहा कि मुझे कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन वो इतना चाहती थीं कि लगान उनके फेस्टिवल में दिखाई जाए कि 15 जून को फिल्म रिलीज हुई और उन्होंने लंदन में अपने लोगों को उसे देखने को भेजा कि जाओ, देखो मुझे ये फिल्म चाहिए मुझे फेस्टिवल में. तो मैंने कुछ नहीं किया, उन्होंने लगान के लिए सबकुछ किया था.'