
बॉलीवुड सुपरस्टार आमिर खान की फिल्म 'तारे जमीं पर' 2007 में रिलीज हुई थी और ये एक बिलकुल अलग तरह की कहानी पर्दे पर लेकर आई. एक डिस्लेक्सिक बच्चे की इस कहानी ने लोगों को खूब इमोशनल किया और लोग अपनी सोच में बदलाव के साथ थिएटर्स से बाहर निकले.
आमिर ने फिल्म में एक महत्वपूर्ण किरदार निभाने के साथ-साथ इसे डायरेक्ट भी किया था और दर्शील सफारी के काम को बहुत सराहा गया था. अब आमिर इसका एक स्पिरिचुअल सीक्वल 'सितारे जमीं पर' लेकर आ रहे हैं जिसे आर.एस. प्रसन्ना ने डायरेक्ट किया है. एक नए इंटरव्यू में आमिर ने कहा है कि सीक्वल की कहानी, ऑरिजिनल फिल्म से दस गुना आगे है.
बहुत हंसाएगी 'सितारे जमीं पर'
द हॉलीवुड रिपोर्टर इंडिया के साथ एक इंटरव्यू में आमिर ने बताया, 'ये एक बहुत प्यारी कहानी है. मैं इसे सबसे बेहतर इस तरह बता सकता हूं कि 'तारे जमीं पर' एक बहुत इमोशनल फिल्म थी जो आपको बहुत रुलाती है. 'सितारे जमीं पर' आपको हंसाती है, ये एक मजेदार फिल्म है. (दोनों की) थीम बहुत एक जैसी है, डिफरेंट एबिलिटी वाले लोगों पर, जिनकी इंटेलिजेंस डिफरेंट है, या उनके चैलेन्ज डिफरेंट हैं. लेकिन इसमें इमोशंस की बजाय हंसी है.'
ऐसी है फिल्म की कहानी
आमिर ने कहा कि 'तारे जमीं पर' ने जिस तरह डिफरेंटली एबल्ड लोगों के टॉपिक को डील किया था, सीक्वल उससे आगे जाता है. उन्होंने आगे कहा, 'कई तरीकों से, मुझे लगता है कि ये 'तारे जमीं पर' से बहुत आगे है क्योंकि इसमें जो व्यक्ति चैलेंज के साथ था, ईशान, उसे मेरे किरदार ने मदद की थी. 'सितारे जमीं पर' में दस लोग हैं जो चैलेंज के साथ हैं, वो मुझे मदद कर रहे हैं, जो कथित तौर पर 'नॉर्मल' व्यक्ति है. इसलिए मुझे लगता है कि ये बहुत आगे जाती है. मुझे उम्मीद है ये अच्छी निकलेगी.'
बता दें, अमोल गुप्ते की लिखी 'तारे जमीं पर', 8 साल के एक बच्चे, ईशान की कहानी थी. ये बच्चा पढ़ाई में बहुत खराब था और इसके मार्क्स बहुत कम आते थे. जबकि वो एक गिफ्टेड आर्टिस्ट था. आमिर खान ने फिल्म में एक टीचर, राम शंकर निकुंभ का किरदार निभाया था, जो ईशान को डिस्लेक्सिया से डील करने में मदद करता है.