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बॉलीवुड फिल्में क्यों हो रहीं फ्लॉप? पंकज कपूर बोले- पब्लिक को जो पसंद वो उसे देखेंगे

एक्टर पंकज कपूर ने एक इंटरव्यू में कहा, 'जब मैं इंडस्ट्री में जगह बनाने आया था, तब हम बड़े अकेले से होते थे. आजकल तो बड़ी रौनक है, बहुत से लोग हैं जो एक्टिंग की दुनिया में आना चाहते हैं. हमारे जमाने में बहुत कम लोग इस पेशे में आना चाहते थे.

पंकज कपूर पंकज कपूर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 12:50 PM IST

सीनि‍यर एक्टर पंकज कपूर की गिनती दिग्गज कलाकारों में होती है. अपने जमाने में 'करमचंद', 'मुंगेरीलाल के हसीन सपने', 'नीम का पेड़', 'ऑफिस ऑफिस' जैसे टीवी सीरियल्स में पंकज कपूर अपनी दमदार एक्टिंग का लोहा मनवा चुके हैं. एक्टर ने हाल ही में एक इंटरव्यू में अपने फिल्मी करियर, उससे जुड़े अनुभव और फिल्मों को लेकर बात की है. 

एक्टर पंकज कपूर अपने पुराने दिनों को याद करते हुए कहते हैं, 'जब मैं इंडस्ट्री में जगह बनाने आया था, तब हम बड़े अकेले से होते थे. आजकल तो बड़ी रौनक है, बहुत से लोग हैं जो एक्टिंग की दुनिया में आना चाहते हैं. हमारे जमाने में बहुत कम लोग इस पेशे में आना चाहते थे. आजकल लगता है कि इतने सारे लोग हैं तो उन्हें साथ तो मिल ही जाता होगा.'

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एक्टर बनने में पिता का मिला साथ

फिल्म 'राख', 'एक डॉक्टर की मौत', और 'मकबूल' में अपनी शानदार एक्टिंग के लिए पंकज कपूर को तीन बार बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर के 'नेशनल फिल्म अवॉर्ड' से भी सम्मानित किया जा चुका है. साल 1982 में अपना फिल्मी सफर शुरू करने वाले एक्टर पंकज कपूर को इंडस्ट्री में 43 साल पूरे हो चुके हैं. लेकिन पंकज कपूर को उनका पहला काम मिलने के पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है, जिसके बारे में पंकज कपूर ने बताया, 'मुझे शुरू से ही एक्टिंग का शौक था. मेरे पिता ने मुझे बहुत सपोर्ट किया. आज मैं जहां भी हूं पिताजी के आशीर्वाद से हूं. उन्होंने पता किया कि 'नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा' एक ऐसी जगह है, जहां आप एक्टिंग सीख सकते हैं. पहली बार 'गांधी' फिल्म में मुझे एक छोटा सा रोल मिला था. फिल्म के निर्देशक 'रिचर्ड एटनबरो' साहब हमारा नाटक देखने आए थे, उन्होंने ही मुझे कास्ट किया था. मैंने अपने 'नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा' के निर्देशक से इजाजत ली तो उन्होंने कहा कि गांधी जी पर बन रही फिल्म में आपको जरूर काम करना चाहिए.'

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दिवंगत एक्टर इरफान खान को लेकर कहीं ये बात

फिल्म 'मकबूल' में जहांगीर खान (अब्बाजी) के रोल में पंकज कपूर को दर्शकों ने खूब पसंद किया था. दिवंगत एक्टर इरफान खान के साथ पंकज कपूर के काम को आज भी सराहा जाता है. इरफान खान के साथ काम करने के अपने एक्सपीरियंस को याद करते हुए पंकज कपूर ने बताया, 'मुझे उनके साथ दो फिल्मों में काम करने का मौका मिला. दोनों ही बार वो मुझे बहुत सज्जन और पेशेवर कलाकार लगे. वो बहुत ही सादगीपूर्ण इंसान थे. काम के प्रति उनका रवैया हमेशा शांत और सौम्य रहता था. हमें ऐसे बेहतरीन कलाकारों और इंसानों को याद करते रहना चाहिए, जो अपने पीछे अपनी बेहतरीन विरासत छोड़ गए हो.'

इस तरह से किया अपने बेटे शाहिद को ट्रेंड

पंकज कपूर के बेटे, शाहिद कपूर भी बॉलीवुड में एक टैलेंटेड एक्टर हैं. अपने पिता की तरह शाहिद कपूर को भी फिल्मों में अपनी दमदार एक्टिंग के लिए जाना जाता है. साल 2014 में रिलीज हुई फिल्म 'हैदर' में शाहिद कपूर को उनकी शानदार एक्टिंग के लिए बेस्ट एक्टर के 'नेशनल फिल्म अवॉर्ड' से सम्मानित किया जा चुका है. इसके अलावा शाहिद कई हिट फिल्मों 'इश्क विश्क', 'विवाह', 'जब वी मेट', कमीने, 'उड़ता पंजाब', 'पद्मावत' और 'कबीर सिंह' में भी मेन लीड रोल में नजर आ चुके हैं. जब एक्टर पंकज कपूर से पूछा गया उन्होंने बेटे शाहिद को कैसे ट्रेंड  किया. इस पर उन्होंने कहा, 'मैंने उन्हें ट्रेंड  नहीं किया. आज वो जो भी हैं, ये उनकी अपनी मेहनत हैं'

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बता दें कि साल 2011 में रिलीज हुई फिल्म 'मौसम' में पंकज कपूर अपने बेटे शाहिद कपूर को डायरेक्ट कर चुके हैं. ये फिल्म पंकज कपूर का ड्रीम प्रोजेक्ट थी. साल 2015 में रिलीज हुई फिल्म 'शानदार'में पहली बार पंकज कपूर और शाहिद कपूर एक साथ बड़े स्क्रीन पर नजर आए थे.

इंटरव्यू के दौरा एक्टर पंकज कपूर मेंटल हेल्थ पर बात करते हुए कहते हैं, 'हमें जिंदगी में जो सबसे ज्यादा परेशान करती है, वो है ख्वाहिश. ख्वाहिशों के पीछे भागने से पहले हमें ये देखना चाहिए कि हमारे पास इसे पाने का टैलेंट है या नहीं. उसके बाद क्या हम उसे पाने के लिए उतना मेहनत कर पाएंगे. सबसे बड़ी बात, हार को स्वीकार करना आना चाहिए. ये सिर्फ एक्टिंग की फील्ड में ही नहीं हर फील्ड में लागू होता है.

बॉलीवुड को लेकर कही ये बात

आजकल लगातार फ्लॉप हो रही हिंदी फिल्मों के बारे में कई लोगों का ऐसा मानना है कि हिंदी सिनेमा अपनी जड़ों से दूर होता जा रहा है. आजकल बॉलीवुड में फिल्ममेकर्स सिर्फ हिट फिल्मों का सीक्वल या रीमेक बनाने में लगे हुए हैं और नई कहानियां दर्शकों तक नहीं ला पा रहे हैं. ऐसे में क्या बॉलीवुड में किसी बदलाव की जरूरत है, इसपर पंकज कपूर ने कहा, 'कुछ एक खास लोग हैं, जो इस तरह की सोच रखते हैं. हमारा पूरा हिंदुस्तान तो ऐसी सोच नहीं रखता है. वो ये सोचता है कि जिस तरह का सिनेमा आ रहा है, अगर वो मुझे पसंद आया तो देखते रहेंगे, नहीं पसंद आया तो नहीं देखेंगे, बस.'

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पंकज कपूर को पिछली बार 2024 में रिलीज हुई फिल्म 'बिन्नी और फैमिली' में देखा गया था. जल्द ही वो फिल्म 'जब खुली किताब' में नजर आएंगे जिसकी पूरी जानकारी मेकर्स जल्द ही दर्शकों को देंगे.

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