
फिल्म अभिनेता रजा मुराद विश्व प्रसिद्ध अयोध्या की रामलीला में किरदार निभा रहे हैं. शनिवार देर शाम वो रामपुर आए हैं. रजा मुराद ने मीडिया में पहली बार अपना सही नाम बताया है. उन्होंने दस्तावेजों के हवाले से अपना सही नाम बताया है और अपना नाम और काम दोनों का कनेक्शन भगवान राम से जुड़ाव भी बताया.
रजा का राम से है कनेक्शन
रजा मुराद और राम का कनेक्शन जानकर आप खुद हैरत में पड़ जाएंगे. अब इसको संयोग कहे या कुछ और लेकिन रजा मुराद के दावे से आप हैरत में पड़ जाएंगे. रामपुर में पैदा हुए रजा मुराद का असली नाम रजा अली मुराद है. रजा मुराद का कहना है कि रामपुर से लेकर उनके फिल्मी कामयाबी तक उनका सीधा कनेक्शन राम से रहा है. उनको पहली फिल्म देने वाले डायरेक्टर बाबू राम इशारा थे. उनकी सबसे बड़ी सुपर हिट फिल्म भी राम तेरी गंगा मैली थी. उनकी राम लखन हो या रामलीला भी सुपर डुपर हिट थी. उनके नाम के तीनों अक्षरों का पहला शब्द मिला दे तो राम आ जाता है. और तो और राम की नगरी अयोध्या से उनका जुड़ाव ओर सालों से अयोध्या की रामलीला के मंच पर किरदार करना संयोग नहीं तो और क्या है.
रामपुर से बॉलीवुड एक्टर रजा मुराद का दिल का रिश्ता है और वह अक्सर रामपुर आते रहते हैं. रजा मुराद के पिता मुराद खान रामपुर की पैदाइश थे. रजा मुराद फिल्मी दुनिया की एक नामवर शख्सियत में शुमार किए जाते हैं. रामपुर पहुंचे रजा मुराद ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि 'मैं अयोध्या रामलीला में जा रहा हूं. 14 तारीख को मेरी परफॉर्मेंस है, जिसमें मैं कुंभकरण का रोल अदा कर रहा हूं जो 6 महीने सोते हैं और 6 महीने जागते हैं.'
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रामलीला में कुंभकरण बने हैं रजा मुराद
रजा मुराद ने आगे कहा, 'मेरा किरदार शुरू हो रहा है जब कुंभकरण नींद से जागता है और नींद से जागने के बाद जब वह तांडव करता है. यहां से मेरे किरदार की शुरुआत है. मैं पिछले 10 साल से इस रामलीला से जुड़ा हुआ हूं जिसमें अलग-अलग किरदार किए हैं. कभी मैं रावण बना हूं, कभी राजा जनक बना हूं, कभी सुग्रीव और कभी कुंभकरण यह सिलसिला चल रहा है. यह बहुत अच्छी मिसाल है और राष्ट्रीय सद्भावना की सबसे अच्छी मिसाल है कि हर मजहब से ताल्लुक रखने वाले इस रामलीला का एक पार्ट हैं. यही हमारे देश की राष्ट्रीय सद्भावना की जिंदा मिसाल है. इसमें मेरे साथ शाहबाज खान भी हैं जो रावण का किरदार अदा कर रहे हैं.'
रामपुर आने पर रजा मुराद ने कहा कि रामपुर आना तो एक बहाना है मेरे एक मित्र के यहां मुरादाबाद में शादी है. मुरादाबाद शादी में शिरकत करने आया हूं लेकिन दिल मेरा रामपुर में अटका हुआ है. रुकूंगा रामपुर और शादी में शिरकत करने के बाद वापस रामपुर ही रहूंगा. यह मेरा वतन है मेरे वालिद, दादा, परदादा का वतन है. इसी मिट्टी में उनके मजार हैं. अपने पिता के बारे में रजा मुराद ने कहा कि मुराद साहब रामपुर से पहले फिल्मी दुनिया के कलाकार रहे, जिन्होंने 500 से ज्यादा फिल्मों में काम किया. मैंने किसी भी इंसान को अपने वतन से इतनी मोहब्बत करते हुए नहीं देखा जितनी मुराद साहब करते थे.
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लखीमपुर हिंसा पर दी अपनी राय
वहीं किसानों की घटना पर भी रजा मुराद ने बात की. उन्होंने कहा कि हिंसा तो होनी ही नहीं चाहिए, न एक्शन होना चाहिए, न रिएक्शन होना चाहिए. अगर आप किसी को जिंदगी दे नहीं सकते तो आपको किसी की जिंदगी लेने का हक नहीं है. यही कहूंगा कि जो भी हुआ है गलत हुआ है किसी की भी जान नहीं जानी चाहिए थी. वह अगर किसान है या आम नागरिक है यह गलत हुआ है और जिसने भी गलत किया है यह अदालत में साबित होगा, जिसने भी गलत किया है तो उसे कानून के हिसाब से सजा मिलनी चाहिए.
किसानों का मामला हल न होने पर रजा मुराद ने कहा कि अगर उन्हें कोई शिकायत है तो उस शिकायत की तह तक पहुंचना है कि उन्हें क्या शिकायत है और दूसरी बात यह है ऐसी कोई भी समस्या नहीं है जिसका कोई समाधान न हो. ईस्ट जर्मनी और वेस्ट जर्मनी एक हो गए, बर्लिन की दीवार तोड़ दी गई तो ऐसा नहीं है कि अगर इस समस्या पर बैठकर गंभीरता से कोई हल निकालने की कोशिश हो तो बहुत बेहतर है क्योंकि किसान हमें अन्न देते हैं, हमारे घर का राशन उन्हीं के जरिए आता है तो उनकी जो समस्याएं हैं, उस पर गौर करें और टेबल पर बैठ कर बात करें. हर समस्या का समाधान है.