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आदित्य रॉय कपूर ने अपनी ही कठपुतली के साथ फिल्म ‘लूडो’ में किया काम

अनुराग बसु की हाल ही में ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुई फिल्म ‘लूडो’ को काफी पसंद किया जा रहा हैं. 3 डी प्रिंटिंग तकनीक का उपयोग से बनी आदित्य रॉय कपूर की हूबहूं कठपुतली.

Aditya Roy Kapur. Aditya Roy Kapur.
aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 24 नवंबर 2020,
  • अपडेटेड 1:58 PM IST

अनुराग बसु की हाल ही में ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुई फिल्म ‘लूडो’ को काफी पसंद किया जा रहा हैं. बॉलीवुड अभिनेता आदित्य रॉय कपूर को बोलती कठपुतली की कला से स्टैंड अप कॉमेडी का मंचन करते हुए दिखाया गया हैं. और इसमें जो कठपुतली हैं, फिल्म में कठपुतली हूबहूं आदित्य की तरह हैं. भारत के सुप्रसिद्ध वेंट्रिलोक्विस्ट रामदास पाध्ये और उनके प्रतिभाशाली बेटे सत्यजीत पाध्ये ने. उन्होंने 3 डी प्रिंटिंग तकनीक का उपयोग करके हूबहूं आदित्य रॉय कपूर की तरह दिखने वाली कठपुतली बनाई. 

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यह कठपुतली देखने में बेहद सुंदर है जिसे देख देखते रह जाएंगे आप कठपुतली अपने बालों, भौंहों, चेहरे और यहां तक ​​कि नाक से भी समान रूप से अभिनेता की तरह दिखती है वेंट्रिलोक्विस्ट रामदास पाध्ये ने बताया, 'अनुराग बसु जानते थें, की हम हूबहूं कठपुतलियां बना सकतें हैं. अनुराग को हमने एक आईडिया के लिए कुछ कठपुतलियां दिखाई. उनपर हुआ काम अनुराग को पसंद आया.' जानेमाने वेंट्रिलोक्विस्ट रामदास पाध्ये पिछले 53 वर्षों से इस क्षेत्र में हैं. उन्हें बोलती कठपुतलीयों में विशेषज्ञता हासिल हैं. उनके लगभग 2200 कठपुतलियां बनाई हैं. उनके बेटे सत्यजित पाध्ये भी वेंट्रिलोक्विस्ट हैं.

सत्यजीत ने बताया, 'आदित्य की 3डी कठपुतली बनाते वक्त पहले हमने उनका 3 डी स्कैन किया. उसके बाद आदित्य की 3 डी छवियों को कैप्चर किया और फिर एक कठपुतली बनकर तैयार हुई. कठपुतली बनाते वक्त उनका हेयरस्टाइल और उनकी नाक उनकी विशेषताएं थीं. जिस पर हमने ज्यादा ध्यान दिया.

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सत्यजित बताते है, 'अनुराग जी ने मुझे आदित्य को ट्रैन करने के लिए कहा, आदित्य के साथ काम करना यादगार और मजेदार था। आदित्य ने कला सीखने में काफी दिलचस्पी दिखाई. मैं उनके घर जाता था और उनके साथ काम करना काफी मजेदार रहां. वेंट्रिलोक्विस्ट बनने की तकनीक आदित्य बहुत जल्द सीख गए.

 

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