
फिल्म द कश्मीर फाइल्स पर छिड़ा विवाद गरमाता जा रहा है. IFFI के जूरी हेड नदव लैपिड ने फिल्म को वल्गर प्रोपेगेंडा बताकर नई बहस छेड़ दी है. 20-28 नवंबर तक गोवा के पणजी में 53वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) आयोजित हुआ. इसमें गोल्डन पीकॉक कैटिगरी में कुल 15 मूवीज के बीच कॉम्पिटिशन हुआ. जिनमें 12 इंटरनेशनल और 3 भारतीय फिल्में मौजूद रहीं. जिसमें कश्मीर फाइल्स का नाम भी शामिल था.
IFFI में दिखाई गईं कौन-कौन सी फिल्में?
गोल्डन पीकॉक कैटिगरी में मूवी आई हैव इलेक्ट्रिक ड्रीम्स (I have Electric Dreams) को बेस्ट फिल्म का अवॉर्ड दिया गया है. द कश्मीर फाइल्स को लेकर IFFI जूरी हेड के बयान, जिसमें 'द कश्मीर फाइल्स' को 'वल्गर प्रोपेगेंडा' बताया गया है, के बाद हंगामा खड़ा हो गया है. लेकिन जिस अवॉर्ड की रेस में कश्मीर फाइल्स थी, उसमें बाकी कौन सी फिल्में शामिल रहीं? इस रिपोर्ट में बात करेंगे द कश्मीर फाइल्स के अलावा गोल्डन पीकॉक कैटिगरी में दिखाई गई उन 14 फिल्मों के बारे में.
1. परफेक्ट नंबर (2022)
पोलिश फिल्म मेकर Krzysztof Zanussi के निर्देशन में बनी परफेक्ट नंबर मोरेटिली पर चोट करती है. कहानी यंग मैथेमैटिशियन और उसके कजिन के रिश्ते के बारे में है.
2. रेड शूज (2022)
मैक्सिन फिल्म मेकर Carlos Eichelmann Kaiser की मूवी रेड शूज इमोशंस के बारे में है. एक किसान पिता की कहानी है जो दूर दराज एरिया में रहता है. उसे अपनी बेटी की मौत की खबर मिलती है. पिता कैसे अपनी बेटी की बॉडी को लाने केलिए स्ट्रगल करता है, मूवी में उसकी यही जर्नी दिखाई है.
3. अ माइनर (2022)
अ माइनर को इरानियन डायरेक्टर Dariush Mehrjui ने बनाया है. कहानी में एक लड़की पिता के खिलाफ जाकर म्यूजिशियन बनना चाहती है.
4. नो एंड (2021)
ड्रामा नो एंड में इरान की सीक्रेट पुलिस के हेरफेर और तंत्र को दर्शाया गया है.
5. Mediterranean फीवर (2022)
डायरेक्टर Maha Haj की फिल्म Mediterranean फीवर ब्लैक कॉमेडी है, जो दो मिडिल एज लोगों की कहानी बयां करती है.
6. वैन द वेव्स आर गॉन (2022)
वैन द वेव्स आर गॉन को Lav Diaz ने बनाया है. कहानी है इंवेस्टिगेटर की जो अपने मोरल्स को लेकर दुविधा में है. उसके बुरे अतीत की वजह से आज उसे गिल्ट और एंजाइटी है.
7. आई हैव इलेक्ट्रिक ड्रीम्स (2022)
Valentina Maurel की फिल्म आई हैव इलेक्ट्रिक ड्रीम्स 16 साल की लड़की ईवा और उसके तलाकशुदा पैरेंट्स की कहानी है. पिता से वो फिर जुड़ना चाहती है. इस दौरान उसे पिता के बारे में कई अहम बातें मालूम पड़ती हैं.
8.कोल्ड एंड मार्बल (2022)
Asif Rustamov की मूवी कोल्ड एंड माबल क्राइम ड्रामा/साइको थ्रिलर है. कहानी उस शख्स की है जो पत्नी का खून करने के बाद जेल से लौटा है. बेटे हैरान होता है जब राज खुलता है क्यों पिता ने उसकी मां को मारा था.
9.द लाइन (2022)
Ursula Meier की द लाइन फैमिली बॉन्ड के बारे में है. मां और बेटी के रिश्ते को दिखाया गया है.
10.सेवन डॉग्स(2021)
सेवन डॉग्स कहानी है एक अकेले इंसान की, वो खुद तंगी में जा रहा है. वो अपने सेवन डॉग्स को पालने का स्ट्रगल करता है.
11.मारिया- द ओशियन एंजेल(2022)
Aruna Jayawardana की मूवी मारिया मछुआरों की कहानी है. इन मछुआरों को समंदर में तैरती हुआ सेक्स डॉल मिलती है इसके बाद उनकी जिंदगी में परेशानी आती है.
12.Nezouh (2022)
Nezouh 2022 युद्धग्रस्त सीरिया में एक परिवार के बारे में है. जो सीरिया में घिरे इलाके में रहने का फैसला करता है.
13.द स्टोरी टेलर (2022)
Anant Mahadevanकी मूवी तारिनी खुरो (Tarini Khuro) के बारे में है. कैसे नौकरी से रिटायर होने के बाद वो खुद को अजीबोगरीब स्थिति में पाता है और स्टोरी टेलर बनता है.
14. Kurangu पेडल(2022)
Kamalakannan की मूवी Kurangu पेडल स्कूल बॉय की कहानी है जो साइकिल सीखना चाहता है. रूरल ड्रामा में पांच बच्चों की कहानी दिखाई गई है.
कैसे नदव लैपिड बने जूरी हेड? किसने किया था चुनाव?
दूसरी तरफ, द कश्मीर फाइल्स को वल्गर प्रोपेगेंडा बताने वाले नदव लैपिड को IFFI जूरी हेड बनाने वाली कमिटी भी निशाने पर आ गई है. नदव लैपिड का नाम IFFI जूरी हेड के लिए जिन्होंने सुझाया था उनमें बॉबी बेदी, हृषिता भट्ट, करण जौहर, खुशबू सुंदर, मनोज मुतशिर, निखिल महाजन, प्रसून जोशी, प्रियदर्शन, रवि Kottarakara, सुजित सरकार, सुखविंदर सिंह, वाणी त्रिपाठी शामिल हैं.
अनुपम खेर ने क्या कहा?
IFFI जूरी हेड के बयान की आलोचना करते हुए अनुपम खेर ने कहा- नदव लैपिड ने जो कहा, वो मानवीय नहीं है. उनके काम को देखते हुए उन्हें जूरी का मेंबर बनाया गया था. उन्होंने इस मंच का इस्तेमाल किया. फिल्म पसंद नहीं आई तो कह सकते थे. लेकिन उनके शब्दों के चयन को मैं गलत ठहराता हूं. उनकी सोच और वो खुद वल्गर हैं. वो जिस देश से आते हैं अगर आप उसका दर्द नहीं समझ सकते तो कश्मीर के दर्द को क्यों समझेंगे. हमें उम्मीद नहीं थी कि फेस्टिवल का अंत ऐसे होगा. लेकिन ऐसे लोग हर देश में होते हैं. जो मौके का फायदा उठाकर अपनी सोच को रखते हैं.
स्वरा भास्कर के कमेंट पर बोले अनुपम, मैं उनके ट्वीट पर कमेंट करके उन्हें महत्व नहीं देना चाहता.
कौन हैं नदव लैपिड?
नदव लैपिड एक इजरायली स्क्रीनराइटर और फिल्ममेकर हैं. साल 2011 में 'पुलिसमेन', 2014 में 'The Kindergarten Teacher' और साल 2019 में 'Synonyms' नामक फिल्मों का निर्देशन तो संभाला ही था. फिल्मों को इन्होंने लिखा भी था. 1975 में Tel-Aviv, इजराइल में जन्में नदव लैपिड ने अपने करियर में कई डॉक्यूमेंट्रीज बनाई हैं. IFFI के नदव लैपिड जूरी चेयरमैन रहे हैं. सिर्फ यही नहीं, नदव लैपिड साल 2015 में लोकर्नो फिल्म फेस्टिवल में गोल्डन लेपर्ड जूरी, 2016 में कैन्स फिल्म फेस्टिवल में इंटरनेशनल क्रिटीक्स वीक जूरी और साल 2021 में बर्लिन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में ऑफीशियल कॉम्पिटिशन जूरी के भी मेंबर रह चुके हैं.
नदव लैपिड की फिल्म 'Synonyms' ने साल 2019 में 69वें बर्लिन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में गोल्डन बीयर अवॉर्ड जीता था. साल 2011 में इन्होंने 'पुलिसमेन' से अपना डायरेक्टोरियल डेब्यू किया था. इस फीचर फिल्म को लोकार्नो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में स्पेशल जूरी प्राइज से नवाजा गया था.
IFFI जूरी नदव लैपिड के बयान पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा की प्रतिक्रिया
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा- 90 के दशक में घर बार, कारोबार और अपनों को छोड़ने का जो दंश कश्मीरी हिंदुओं ने झेला है, उस पीड़ा और दर्द को हर भारतवासी के सामने सजीव रूप से फिल्म कश्मीर फाइल्स के माध्यम से पहुंचाया गया है. काश , टिप्पणी करने वाले महोदय एक बार रूबरू पीड़ित कश्मीरी पंडितों से मिले होते और उनके दर्द का शतांश भी महसूस किया होता. आपका बयान अलगाववादी और टुकड़े टुकड़े मानसिकता वाली गैंग के लिए दिया गया प्रतीत होता है. आपके इस शर्मनाक बयान से पूरा देश आहत है.