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Lal Singh Chaddha: अनुपम खेर ने फिर किया आमिर खान पर वार, बोले- बायकॉट ट्रेंड को दोष क्यों, मान लें फिल्म अच्छी नहीं...

बायकॉट ट्रेंड पर अनुपम खेर ने अपनी राय दी है और साथ ही आमिर की फिल्म लाल सिंह चड्ढा पर भी निशाना साधा है. अनुपम ने कहा- मैं एक एक्टर और एक इंसान के तौर पर आमिर खान की इज्जत करता हूं. हो सकता है ये फिल्म अच्छी नहीं होगी, आप इस चीज को एक्सेप्ट क्यों नहीं कर सकते?

अनुपम खेर और आमिर खान अनुपम खेर और आमिर खान
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 23 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 8:37 AM IST

बॉलीवुड फिल्मों को लेकर चल रहे बायकॉट ट्रेंड ने कई फिल्मों को बर्बाद कर दिया है. आमिर खान की फिल्म लाल सिंह चड्ढा भी बायकॉट ट्रेंड के चलते बॉक्स ऑफिस पर पूरी तरह से फ्लॉप हो गई है. सोशल मीडिया पर अभी भी कई अपकमिंग फिल्मों को लेकर बायकॉट ट्रेंड चल रहा है. बायकॉट ट्रेंड पर अब बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर अनुपम खेर ने अपनी राय दी है और साथ ही आमिर खान की फिल्म लाल सिंह चड्ढा पर भी निशाना साधा है. 

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बायकॉट ट्रेंड पर क्या बोले अनुपम खेर?

अनुपम खेर ने न्यूज एसेंसी ANI संग बातचीत में कहा कि अगर किसी फिल्म को लोग पसंद करते हैं तो फिर कोई भी बायकॉट ट्रेंड फिल्म पर बुरा असर नहीं डाल सकता है. अनुपम खेर ने कहा- बायकॉट ट्रेंड के बारे में कई तरह की बातें हो रही हैं. ट्विटर और सोशल मीडिया पर हर रोज कोई न कोई ट्रेंड चलता है. अचानक से एक फिल्म को इतनी अहमियत क्यों दी जा रही है. आप डायरेक्टली क्यों नहीं कह देते हैं कि लोगों को आपकी फिल्म पसंद नहीं आई है? ये पहली बार नहीं है, जब कोई फिल्म फेल हुई है. मैं इस बात को एक्सेप्ट करने के लिए रेडी ही नहीं हूं कि कोई ट्रेंड किसी फिल्म को बर्बाद कर सकता है. 

अनुपम खेर से जब पूछा गया कि क्या वो लाल सिंह चड्ढा देखने की प्लानिंग कर रहे हैं? इसपर उन्होंने कहा- अभी तो मेरा देखने को कोई मन नहीं है. जब मुझे लगेगा देखनी चाहिए तब देख लूंगा, लेकिन मैं आमिर खान से ये पूछना चाहता हूं कि क्या उन्होंने द कश्मीर फाइल्स देखी है. 

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शिमला में हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अनुपम खेर ने कहा- कुछ साल पहले लोग चाहते थे कि उनकी फिल्मों को लेकर कॉन्ट्रोवर्सी हो, ताकि उनकी फिल्में चल जाएं. इंडस्ट्री से होने के नाते मैं यह जरूर कहूंगा कि अच्छी फिल्में अपना रास्ता ढूंढ ही लेती हैं. मुझे लगता है कि अगर हम फिल्म लाल सिंह चड्ढा के बारे में बात कर रहे हैं और अगर फिल्म अच्छी है, तो बायकॉट ट्रेंड से कुछ फर्क नहीं पड़ता.

ऐसा होने की संभावना है कि शायद लोगों को फिल्म पसंद ही नहीं आई है. वर्ड ऑफ माउथ बहुत अहम होता है. हो सकता है कि 5 प्रतिशत लोगों ने फिल्म को उन बयानों के आधार पर बायकॉट कर दिया हो, जो पहले दिए गए हैं. 

'हर किसी को अपनी बात रखने की आजादी है...'

लेकिन अगर ये अच्छी फिल्म होती तो जो 95 फीसदी लोग इसे देखने गए वो दूसरे लोगों से इसे देखने के लिए जरूर कहते. हर किसी को अपनी बात रखने की आजादी है. आप नहीं बता सकते कि वो कौन लोग हैं. उन्होंने जरूर ऐसा कुछ महसूस किया होगा. मेरे बारे में भी बहुत सारी नेगेटिव बातें कही गई थीं. किसी ने आगे आकर कभी मुझे डिफेंड नहीं किया. ऐसा नहीं है कि मैं भी किसी को डिफेंड नहीं करना चाहता हूं, लेकिन अगर आप फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशंस की बात करते हैं तो आपको उसी तरह फाइट करनी होती है. 

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अनुपम खेर ने आगे यह भी कहा- मैं एक एक्टर और एक इंसान के तौर पर आमिर खान की इज्जत करता हूं. हो सकता है ये फिल्म अच्छी नहीं होगी, आप इस चीज को एक्सेप्ट क्यों नहीं कर सकते? मैंने फिल्म नहीं देखी है. मेरी कई सारी बेहतरीन फिल्में ऐसी हैं, जो चली नहीं. मुझे लगता है कि मैंने  ‘The Accidental Prime Minister’ में बहुत मेहनत की थी, लेकिन वो नहीं चली. मेरी फिल्म द कश्मीर फाइल्स के टाइम पर कई सारे ट्रेंड हर रोज चलते थे, लेकिन उसे फिर भी लोगों ने प्यार दिया है. हम किसी को दोष नहीं दे सकते हैं. 

अनुपम खेर ने अपनी बात पूरी करते हुए कहा कि उन्हें लगता है कि ये पीरियड हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के लिए काफी अच्छा है. उन्होंने कहा- लोगों को अब पता है कि उन्हें एंटरटेनमेंट के नाम पर क्या चाहिए. अगर मेरा काम लोगों को पसंद नहीं आता है, तो मैं इस बारे में सोचता हूं, मैं दुनिया को दोष नहीं देता हूं. मैं खुद को सही करने की कोशिश करता हूं. लोगों पर आरोप लगाना सबसे आसान चीज है, सिर्फ लूजर्स ही दूसरों पर इल्जाम लगाते हैं, विनर्स हमेशा खुद में बदलाव करते हैं. 

 

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