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मुंबई छोड़कर चले गए अनुराग कश्यप, बोले- बॉलीवुड में सबको 800 करोड़ की फिल्म चाह‍िए

अनुराग ने मुंबई छोड़कर अपना घर किसी और शहर में बना लिया है. हाल ही में अनुराग ने कहा- मैं मुंबई छोड़ चुका हूं. मैं फिल्मी लोगों से दूर रहना चाहता हूं. इंडस्ट्री अब काफी टॉक्सिक हो चुकी है.

अनुराग कश्यप अनुराग कश्यप
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 06 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 1:30 PM IST

फिल्ममेकर-एक्टर अनुराग कश्यप काफी चर्चा में हैं. वो इसलिए क्योंकि वो फिल्म इंडस्ट्री से दूर अपना घर बसा चुके हैं. अनुराग ने मुंबई तो छोड़ ही दिया है, साथ में बॉलीवुड को भी अलविदा कर दिया है. पिछले कुछ समय से अनुराग, बॉलीवुड के बदलते कल्चर और वातावरण को लेकर आवाज उठा रहे थे. उनका कहना था कि इंडस्ट्री अब सिर्फ मुनाफा कमाने के बारे में सोचती है. आर्ट की सिनेमा में अब जगह नहीं बची है. 

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अनुराग कश्यप ने छोड़ी मुंबई
अनुराग ने मुंबई छोड़कर अपना घर किसी और शहर में बना लिया है. हाल ही में The Hindu संग बातचीत में अनुराग ने कहा- मैं मुंबई छोड़ चुका हूं. मैं फिल्मी लोगों से दूर रहना चाहता हूं. इंडस्ट्री अब काफी टॉक्सिक हो चुकी है. हर कोई अद्भुत टारगेट सेट कर रहा है और उसे अचीव करने के पीछे दौड़ रहा है. हर किसी को अपनी फिल्म से 500-800 करोड़ कमाने हैं. इंडस्ट्री में जो पहले क्रिएटिव चीजों हुआ करती थीं, वो अब देखने को भी नहीं मिल रही हैं. 

अनुराग ने बताया कि वो अपने नए घर का पहला किराया भी भर चुके हैं. हालांकि, किस शहर में अनुराग ने अपना घर बनाया है, इसके बारे में बताने से उन्होंने इनकार कर दिया. सूत्रों से पता लगा है कि अनुराग, बैंगलुरु शिफ्ट हुए हैं. पिछले कई दशकों से अनुराग मुंबई में रह रहे थे. सिटी को छोड़कर दूसरे शहर में घर बनाने की बात पर अनुराग ने कहा- एक शहर सिर्फ स्ट्रक्चर से नहीं, बल्कि लोगों से भी बनता है. मुंबई में लोग आपको नीचे गिराते हैं. मैंने अकेले ये निर्णय नहीं लिया है. कई फिल्ममेकर्स मुझसे पहले इस शहर को छोड़ चुके हैं. 

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मेंटल पीस में डायरेक्टर
"सबसे ज्यादा लोग दुबई में जाकर सेट हुए हैं. इसके बाद लंदन, पुर्तगाल, यूएस और जर्मनी में भी कई फिल्ममेकर्स अपना घर बना चुके हैं. कई मेनस्ट्रीम फिल्ममेकर्स हैं जो ऐसा कर चुके हैं. कोई छोटे-मोटे लोगों ने ये निर्णय नहीं लिया है. शहर बदलने के बाद मेरी जिंदगी काफी बदली है. मैं अब कम बर्डन महसूस करता हूं. समय है. मेंटल स्पेस है. फोकस के साथ मैं अपने प्रोजेक्ट पर काम कर सकता हूं. शारीरिक और इमोशन वेलबींग भी बेहतर है. मैंने शराब पीना छोड़ दिया है. मैं एक मलयालम और हिंदी फिल्म डायरेक्ट करने का सोच रहा हूं. साथ ही तमिल फिल्ममेकिंग के बारे में भी सोचता हूं." 
 

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