
डिजिटल प्लेटफॉर्म पर एक्टर अतुल कुलकर्णी ने एक बढ़कर एक परफॉर्मेंस दिए हैं. खासकर उनकी फिल्म 'अ थर्सडे' (A Thursday) को जबरदस्त व्यूज मिले थे. बता दें, अब इस फिल्म का वर्ल्ड टीवी प्रीमियर होने जा रहा है. 24 जुलाई को स्टारगोल्ड पर दोपहर 12 बजे यह फिल्म आएगी. जिसे लेकर अतुल काफी एक्साइटेड हैं.
मुश्किल से पूरी हुई थी फिल्म की शूटिंग
'अ थर्सडे' के शूटिंग एक्स्पीरियंस पर अतुल आजतक डॉट इन से कहते हैं, यह फिल्म बहुत मुश्किलों में शूट हुई थी. हमने सेट लगाया था, तो उस वक्त सेकेंड वेव आ चुका था. हम शूट नहीं कर पाए और उस वक्त बारिश आ गई. पूरा सेट खराब हो गया था. सेट दोबारा बनाना पड़ा था. प्रॉड्यूसर और डायरेक्टर ने डिसाइड किया कि फिल्म को बारिश में ही शूट करेंगे. हमने 20 से 25 दिन की शूटिंग बारिश के बीच की थी. प्रोडक्शन के लिए बहुत बड़ा चैलेंज था. जब आपके पास एक तगड़ी स्क्रिप्ट हो, तो आप हर तरह के रिस्क लेने को तैयार होते हैं.
एंटरटेनमेंट के तीनों माध्यम में काम कर चुके अतुल अपने पसंदीदा प्लेटफॉर्म पर कहते हैं, मैं एक एक्टर हूं, मेरे लिए मीडियम कभी मायने नहीं रखता है. हर प्लेटफॉर्म का अलग-अलग डायरेक्टोरियल अप्रोच रहा है. हमारी जिम्मेदारी यहां यह होती है कि हमें अलर्ट होना चाहिए कि हम किस प्लेटफॉर्म के लिए काम करने जा रहे हैं. कौन सा प्लेटफॉर्म क्या डिमांड करता है और हम उनके साथ कैसे अडजस्ट कर पाते हैं, इन सब चीजों पर हमें फोकस करने की जरूरत होती है. मैं निजी तौर पर मानता हूं कि प्लेटफॉर्म का कंपेयर होना सही बात नहीं है. सभी प्लेटफॉर्म के अपने अलग फाइनेंशियल स्ट्रक्चर हैं. आप एक दूसरे की तुलना नहीं कर सकते हैं.
क्या ओटीटी के रिलीज के बाद टीवी पर प्रीमियर का फायदा मिलेगा? इसके जवाब में अतुल कहते हैं, 'अ थर्सडे' डिजिटल पर एक सक्सेसफुल फिल्म रही. लोगों ने काफी तारीफ भी की है. लेकिन हमारा एक तबका ऐसा भी है, जहां ऐसे में लोगों के पास इन प्लेटफॉर्म का सब्सक्रीप्शन नहीं है, उनके पास टीवी है. टीवी पर प्रीमियर होने के बाद यह फिल्म अब घर-घर पर पहुंचेगी. यहां टीवी के जरिए हमारी अलग टारगेट ऑडियंस है. तो ओटीटी पर आने के बाद इसके टीवी प्रीमियर को भी फायदा होगा.
ओटीटी को लेकर क्या सोचते हैं एक्टर
क्या ओटीटी की मौजूदगी ने स्टार के पावर को खत्म कर दिया है? इसके जवाब में अतुल कहते हैं, हमारी सबसे बड़ी दिक्कत हैं कि हम तुलना करने में लग जाते हैं. ये चर्चाएं होती रही हैं. जब टेलीविजन का दौर आया, तो हम कहते थे कि अब तो फिल्में खत्म हो गई हैं. हमें अपनी अपने पास्ट को नहीं भूलना चाहिए कि हम हीं वो लोग हैं, जो अक्सर चर्चा करते हैं और बाद में गलत ठहराए जाते हैं. आज भी सिचुएशन वैसी ही, जब पुष्पा और आरआरआर रिलीज हुई, तो कहने लगे कि अब तो मसाला फिल्म का जमाना आ गया है. मैं तो कहूंगा कि कला में फॉर्म्यूला निकालना मुश्किल होता है. आर्ट हमेशा बदलता रहता है.
बता दें, अतुल कुलकर्णी ही आमिर की फिल्म लाल सिंह चड्ढा के राइटर भी हैं. रंग दे बसंती के दौरान अतुल और आमिर के बीच बॉन्डिंग बन गई थी. लाल सिंह चड्ढा को फॉरेस्ट गंप से कंपेयर पर अतुल कहते हैं, लोग पहले फिल्म देख लें. अगर आपने दोनों फिल्म देख ली है और फिर दोनों की तुलना करते हैं, तो आपका व्यू समझ आता है. एक फिल्म देखकर आप दूसरे के बारे में अपना राय नहीं बना सकते हैं. ये डिबेट तो मुझे समझ ही नहीं आती है. मुझे तो पॉजिटिव रिएक्शन मिले हैं, लोगों को सॉन्ग बहुत पसंद आया है.