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शाहरुख फैंस को मिलेगी गुड न्यूज, 'वानर अस्त्र' पर बनेगी अलग फिल्म, अयान मुखर्जी बोले- ये सोच मेरे जहन में भी है

ब्रह्मास्त्र की रिलीज के बाद फैंस शाहरुख खान के किरदार को लेकर काफी एक्साइटेेड हुए. लोगों को शाहरुख का कैमियो इतना पसंद आया कि उन्होंने वानर अस्त्र पर अलग से फिल्म बनाने की अपील कर डाली. अब अयान मुखर्जी ने इस पर कहा कि वे भी वानर अस्त्र पर फिल्म बनाने की सोच रहे थे, लेकिन अभी कोई प्लान नहीं है.

शाहरुख खान शाहरुख खान
नेहा वर्मा
  • मुंबई,
  • 14 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 10:25 AM IST

ब्रह्मास्त्र जिस तरह से बॉक्स ऑफिस पर ताबड़तोड़ कमाई कर रही है, इससे बॉलीवुड इंडस्ट्री को गहरी राहत मिली है. फिल्म को शानदार रिस्पॉन्स मिल रहा है. रणबीर और आलिया की फिल्म का सबसे बड़ा प्लस पॉइंट शाहरुख खान साबित हुए हैं. उनके वानर अस्त्र रोल को काफी पसंद किया गया. इतना कि लोगों ने अयान मुखर्जी से इसका अलग से स्पिन ऑफ बनाने की मांग की.

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अयान ने दी गुडन्यूज

यकीनन यूजर्स की ये अपील ब्रह्मास्त्र के डायरेक्टर अयान मुखर्जी तक भी पहुंची. आज तक डॉट इन से बातचीत में अयान मुखर्जी ने शाहरुख के कैमियो और वानर अस्त्र पर बात की. उन्होंने फैंस को गुडन्यूज दी है. अयान ने कहा है कि वे वानर अस्त्र पर अलग से फिल्म बनाने पर विचार कर रहे हैं. वानर अस्त्र पर शाहरुख को लेकर पीटिशन साइन वाली बात पर अयान कहते हैं- मैं चाहता था कि शाहरुख को इस फिल्म में सरप्राइज की ही तरह रखूं. लोग थिएटर में ये सोच कर आएं कि रणबीर कपूर हीरो है इस फिल्म का और एंट्री सीन में उनका सामना शाहरुख खान से हो जाए, तो शॉक्ड हो जाए. अभी भले सोशल मीडिया पर पीटिशन और स्पिनऑफ की बात हो रही हो लेकिन मैं सच कह रहा हूं शूटिंग के दौरान हमारी टीम भी चाहती थी कि वानर अस्त्र पर एक अलग सी फिल्म बनाई जाए.

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वानर अस्त्र पर क्या कहा?

आप फिल्म को थोड़ी गहराई से देखें, तो शाहरुख के पूरे सीन की टोनैलिटी भी जो है, वो बाकी फिल्म के फ्लेवर से थोड़ी अलग है. शाहरुख का किरदार जोक करता है, वो हीरोइक भी है. यह वाकई में एक्साइटिंग होगा. अगर हम इसके स्पिनऑफ की चर्चा करें, तो शायद बना भी सकते हैं. बस प्रॉड्यूसर्स तक ये बातें पहुंचा दी जाएं. देखें प्रैक्टली कहूं, तो अभी तक ऐसा कोई प्लान नहीं है कि हम वानर अस्त्र बनाएंगे. क्योंकि शाहरुख खान सर के साथ तो अभी तक इसकी चर्चा भी नहीं हुई है. लेकिन मैं इस चीज से खुश हूं कि ऑडियंस जो ब्रह्मास्त्र को देखने गई है और वो कह रही है कि वानर अस्त्र का स्पिनऑफ होना चाहिए, तो यह बहुत ओवरवेलमिंग है. आप वानर अस्त्र की बात करें, तो वो एक अलग डायरेक्शन में जाएगी क्योंकि ब्रह्मास्त्र में मैंने भगवान शिव की इंस्पीरेशन ली है. अगर हम वानर अस्त्र पर फोकस करते हैं, तो हमें हनुमान जी से इंस्पीरेशन लेनी होगी. पूरे फिल्म को उस फ्लेवर में रंगना होगा. श्लोक से लेकर रंग आदि जब चीजों पर काम करना होगा. यह सोच मेरे जहन में भी है. अस्त्रवर्स की यही खासियत होगी. हालांकि मैं मानता हूं कि इन सभी चीजों को अचीव करना बाकी है. 

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-कहा जा रहा है कि लव स्टोरी पर ज्यादा फोकस किया गया है. कहीं आलिया-रणबीर को पहली बार स्क्रीन पर लाने की वजह से प्रेशर में तो नहीं किया आपने. 
जवाब में अयान ने कहा- मुझे ओवरऑल यह फीडबैक भी मिले हैं कि मैंने लव स्टोरी पर ज्यादा फोकस कर दिया है. मैं सच कहूं, मैंने अपने जहन में कहानी में लव स्टोरी को ऐड करने का निर्णय शुरूआत से ले रखा था. यहां स्टार की बात ही नहीं थी, तो इसके लिए मैं पूरी तरह से जिम्मेदार हूं. मुझे लगा था कि लव स्टोरी को ऐड कर मैं लोगों को इंस्पायर करूंगा यही लव स्टोरी फिल्म की जान बनेगी. शायद लोग लव स्टोरी से खुद को कनेक्ट नहीं कर पाए. शायद यंगस्टर्स की ज्यादा रूचि अस्त्र और फैंटेसी देखने में थी, फिर उन्हें लगता होगा कि अरे यार, हमें लव स्टोरी क्यों दिखा रहे हो, वो तो हम ये जवानी है दीवानी जैसी फिल्मों में देख सकते हैं. हालांकि मेरा तर्क यही था कि जिस तरह हैरी पॉटर सीरीज में हैरी और उनके दोस्तों संग हुई इमोशनल बॉन्डिंग की वजह से एक रस आता था. ठीक वैसे ही ब्रह्मास्त्र फिल्म में लव स्टोरी उसकी जान होगी. शायद यही वजह है कि मैंने फिल्म में इंटीग्रेट किया कि शिव की जो शक्ति है, वो प्यार से ही जागृत होती है. मैसेज ये था कि आपके अंदर प्यार की इतनी बड़ी शक्ति है कि आप दुनियाभर के अस्त्र को जीत सकते हो. मैं अब भी ये उम्मीद करता हूं कि हमारे देश का ऐसा हिस्सा तो होगा, जो इसकी लव स्टोरी को एंजॉय करेगा. जो फैंटेसी फिल्मों के शौकीन नहीं होंगे. मैंने उन्हें बैलेंस देने की कोशिश की है, फैंटेसी और लव स्टोरी को ऐड कर. चूंकि यह फिल्म भी लोगों के लिए नई है, इंडियन फिल्म में ब्रह्मास्त्र का कोई रेफरेंस नहीं है. तो जाहिर सी बात है लोगों को इसे अपनाने में वक्त लगेगा. 

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आपने दर्शकों को ब्रह्मास्त्र के रूप में अस्रवर्स की एक नई दुनिया दिखाई है. अब उस दुनिया में उनका इंट्रेस्ट बनाए रखने को लेकर आप कितना प्रेशर महसूस करते हैं?
-जब हमने ब्रह्मास्त्र की शुरूआत की थी न, तो हमारे पास कोई रेफरेंस कह लें कि उस दुनिया तक पहुंचने का कोई नक्शा ही नहीं था. हमें तो स्क्रैच से वहां पहुंचना था. ब्रह्मास्त्र एक फाउंडेशन फिल्म बेशक है लेकिन इसके मेकिंग के दौरान ही मुझे महसूस हो गया था कि जो आगे वाली अस्त्रवर्स की दुनिया है, उसमें गजब का पोटेंशियल होगा. आने वाली फिल्में इससे कहीं ज्यादा गुणा एक्सीलेंट होंगी. चाहे वो स्टोरी टेलिंग की बात हो या फिर वीएफएक्स हो, वो बेहतरीन होगी. उसमें हमारे इंडियन रूट्स को और ज्यादा तरीके प्रेजेंट किया जाएगा. बहुत ही ज्यादा स्कोप है. मेरे लिए अस्त्रवर्स की दुनिया में प्रवेश करने के लिए ब्रह्मास्त्र पहली सीढ़ी होगी. असल गोल तो अस्त्रवर्स को अचीव करना है. हां शुरूआत में लगता था कि ब्रह्मास्त्र बनाना ही हमारा मकसद है लेकिन फिल्म मेकिंग के बीच में एहसास हुआ कि नहीं, ये तो महज एक पहला कदम है. हमें तो असल में अस्त्रवर्स की ऊंचाई को छूना है और अब वही सपना लेकर हम चल रहे हैं. आने वाले समय में मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि जो मैं सपना देख रहा हूं उसे रियलिटी में बदलने के बाद एक अलग ही दुनिया होगी और उसे लेकर मैं बहुत श्योर हूं. दो तीन वीकेंड खत्म होंगे, तो मैं उस दुनिया में प्रवेश कर उसे हकीकत में बदलने में वापस से लग जाऊंगा. 

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डायलॉग्स क्या जानबूझकर यंग जनरेशन को कनेक्ट करने के लिए सिंपल रखे थे. 
- मैंने अपने एक और को-राइटर हुसैन के साथ मिलकर फिल्म के डायलॉग लिखे हैं. सच कहूं पूरे दिल से लिखा था. इस फिल्म की लव स्टोरी को लेकर मेरे दिमाग में ये जवानी है दीवानी का रेफरेंस था. मुझे लगा था कि जो यंग रोमांस है, उसमें उसी अंदाज में डायलॉग्स लोगों को भाते हैं, जो मैंने ये जवानी है दीवानी में इस्तेमाल किए थे. जब ब्रह्मास्त्र में डायलॉग्स को लेकर फीडबैक आने लगे, तो मैं सरप्राइज था कि उन्हें पसंद ही नहीं आ रहा क्योंकि ये वही लोग हैं जिन्हें ये जवानी है दीवानी के डायलॉग्स बहुत ज्यादा अच्छे लगे थे. 

जब फिल्म रिलीज से पहले बायकॉट, कैंसिल कल्चर जैसी निगेटिविटी से गुजर रही थी, तो उस वक्त डर नहीं था कि इतने बड़ी बजट की फिल्म का रिस्क ले रहे हैं. 


- सच कहूं, तो मैंने रिलीज से पहले ही निर्णय कर लिया था कि मैं केवल फिल्म से जुड़ी पॉजिटिविटी पर ही फोकस करूंगा. हम फिल्म को पूरा करने में इतने फोकस्ड थे कि हमें बाहरी दुनिया का अंदाजा ही नहीं था. बाद में जब मूवी रिलीज को तैयार थी, तो मैंने बस मन में यही ठान लिया कि चाहे इस फिल्म की किस्मत जो भी हो, लेकिन फिलहाल इसे पूरी पॉजिटिव एनर्जी के साथ रवाना करना है और शायद फिल्म के साथ एक डिवाइन एनर्जी जुड़ी है, जो इतनी निगेटिविटी के बीच भी अपना काम कर रही है. 

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रही बात बायकॉट, कैंसिल कल्चर की, तो मैं कहूंगा कि चाहे जो भी हालात हों लेकिन मूवी मेकिंग कल्चर हमारे देश के लिए बहुत जरूरी है. सबसे पहला कारण तो यही है कि जेनुईन इंडस्ट्री है, जो लाखों लोगों को रोजगार देती है. हर किसी के अंदर आर्ट है, उन्हें उसे एक्सप्रेस करना चाहिए. कोई सिंगर, एक्टर, फोटोग्राफी करना चाहता है. हमारे मॉर्डन वर्ल्ड में सिनेमा सबसे पॉपुलर आर्ट है. जहां बहुत से क्रिएटिव मैजिक होते हैं. इस आर्ट से कई आर्ट जुड़े हैं. हम इसकी महत्ता को नकार नहीं सकते हैं. हम आर्ट के जरिए तो लोगों को एकसाथ लेकर आते हैं. देखें, हमारे देश के लोग फिल्म देखना चाहते हैं और एंटरटेन होना चाहते हैं. आप एक अच्छी इंटेंशन के साथ अपना आर्ट लेकर आओगे, तो लोग आपको जरूर स्वीकारेंगे. 

 

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