
अजय देवगन की फिल्म 'शैतान' का इन दिनों थिएटर्स में भौकाल बना हुआ है. फिल्म को दर्शक तो खूब पसंद कर ही रहे हैं, क्रिटिक्स ने भी इसे अच्छे रिव्यू दिए. पहले ही दिन 'शैतान' ने थिएटर्स में उम्मीद से काफी बेहतर शुरुआत की और अब वर्किंग डेज में भी इसकी कमाई बनी सॉलिड बनी हुई है. यानी जनता कामकाजी हफ्ते में भी थिएटर्स में ये फिल्म देखने पहुंच रही है.
'शैतान' में भले सबसे पॉपुलर चेहरा अजय देवगन हों और फिल्म में उनका लीड रोल हो, मगर फिल्म देखकर लौट रहे लोग सबसे ज्यादा चर्चा आर माधवन की कर रहे हैं. असल में, हॉरर फिल्मों में यही होता है कि माहौल सेट करने का पूरा दारोमदार विलेन पर होता है. उसकी हरकतों से भरपूर खौफ पैदा होगा तभी तो हॉरर का मजा आएगा! 'शैतान' के ट्रेलर में ही ये दिख गया था कि माधवन, विलेन के रोल में भयानक लगने वाले हैं और ऐसा ही हुआ भी.
माधवन की कलाकारी के साथ-साथ एक और फैक्टर 'शैतान' ओ चलाने में बहुत महत्वपूर्ण है. ये भयानक कथा, इंडियन कल्चर से ही निकली 'वशीकरण' की तांत्रिक प्रैक्टिस पर बेस्ड है. हॉरर फिल्मों में वैसे तो कई टाइप होते हैं साइंटिफिक हॉरर, जॉम्बी, माइथोलॉजी बेस्ड या फिर खतरनाक क्रीचर और वैम्पायर पर बेस्ड.
मगर कल्चर से जुड़ी हुई प्रैक्टिस जैसे- तंत्र-मंत्र, काला जादू, टोना-टोटका वगैरह की कहानियां ऑडियंस के दिमाग में हॉरर पैदा करती हैं. इसीलिए ये स्क्रीन देख रही जनता के दिल-दिमाग पर अलग तरह से असर करती हैं और अगर ये अच्छे से बनाई गई हों तो क्या कहना! 'शैतान' देखकर अगर आपको बड़ा थ्रिल महसूस हुआ, तो आपको बताते हैं उन हिंदी फिल्मों के बारे में जिनमें पहले भी ये सब अच्छे से आजमाया जा चुका है. ये फिल्में भी आपको भरपूर थ्रिल देंगी...
एक थी डायन
दमदार डायरेक्टर्स में से एक विशाल भारद्वाज की इस फिल्म की कहानी में जादू-टोने की एक किताब पूरी कहानी की जड़ बनती है. इस किताब से ही इमरान हाशमी के लीड किरदार को एक नंबर मिलता है '666'. और साथ में मिलता है ये फंडा कि हर बिल्डिंग में एक फ्लोर ऐसा होता है जो 'अनलिस्टेड' होता है और ये नर्क का दरवाजा होता है.
'एक थी डायन' विशाल भारद्वाज की बेस्ट फिल्मों में नहीं गिनी जाती लेकिन हॉरर में स्वाद तलाशने वालों को इमरान हाशमी, हुमा कुरैशी, कोंकणा सेनशर्मा और कल्कि केकलां की ये फिल्म तसल्लीबक्श एंटरटेनमेंट दे सकती है.
राज 3
बॉलीवुड में कई सालों से हॉरर फिल्मों को जिन्दा रखे हुए विक्रम भट्ट की ये 'राज 3', सबसे कमाऊ हिंदी हॉरर फिल्मों में से एक है. बिपाशा बसु ने फिल्म में एक ऐसी एक्ट्रेस का किरदार निभाया था जिसका करियर अब ढलान पर है. इंडस्ट्री में उसकी जगह और उसका बॉयफ्रेंड एक नई एक्ट्रेस के पास चला गया है.
इस नई एक्ट्रेस का रोल ईशा गुप्ता ने किया था और बॉयफ्रेंड का इमरान हाशमी ने. बिपाशा का किरदार, नई एक्ट्रेस का सबकुछ छीनने के लिए एक तांत्रिक और काले जादू का सहारा लेने लगता है. और फिर कहानी भयानक हो जाती है.
मर्डर 2
मोहित सूरी की ये फिल्म प्योर हॉरर फिल्म नहीं, बल्कि एक साइकोलॉजिकल थ्रिलर है. मगर इसकी सेटिंग और प्रशांत नारायणन का निभाया विलेन का भयानक किरदार बहुत डिस्टर्बिंग था. प्रशांत ने फिल्म में एक ऐसे व्यक्ति का किरदार निभाया है जो चुन-चुनकर सेक्स-वर्कर लड़कियों को अगवा करता है. क्लाइमेक्स में जब ये राज खुलता है कि वो एक तंत्र-साधना में बलि के लिए इस्तेमाल करना वाला है तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं.
फूंक
राम गोपाल वर्मा ने ये फिल्म उस दौर में बनाई थी, जब उनका करियर और क्रिएटिविटी पीक पर थे. अहसास चन्ना ने फिल्म में ऐसी लड़की का किरदार निभाया था जिसे काले जादू के जरिए काबू किया जा रहा था. अश्विनी कालसेकर का निभाया विलेन का रोल बहुत डरावना था. 'फूंक' को हिंदी की सबसे दमदार हॉरर फिल्मों में से एक माना जाता है.
संघर्ष
अमर होने की चाह में बच्चों की बलि देने चले एक विलेन से ज्यादा भयानक और क्या ही होगा. ऊपर से आशुतोष राणा ने इस विलेन को उस ऊंचाई पर पहुंचा दिया कि जब भी किसी तांत्रिक टाइप विलेन की बात होती है, लोगों को उनका ये किरदार याद आता है.
प्रीति जिंटा और अक्षय कुमार स्टारर फिल्म में अपने विलेन एक्ट से लोगों के दिमाग में तूफान खड़ा कर देने के लिए आशुतोष की खूब तारीफ हुई थी. उनका ये एक्ट ही था जिसने साइकोलॉजिकल थ्रिलर और मर्डर मिस्ट्री टाइप फिल्म को हॉरर का फील दे दिया था.
गहराई
तंत्र-मंत्र, काला जादू, कपड़े की गुड़िया, नीम्बू काटना और एक बच्ची को अपने काबू में करना... 1981 में रिलीज हुई फिल्म 'गहराई' हॉरर के मामले में एक आइकॉनिक हिंदी फिल्म है. पद्मिनी कोल्हापुरे को इस फिल्म में काले जादू के काबू में आई लड़की का किरदार निभाने के लिए बहुत सराहा गया था.
श्रीराम लागू, आनंद नाग और इन्द्राणी मुखर्जी जैसे संदर कलाकारों के साथ डायरेक्टर्स अरुणा-विकास (अरुणा राजे और विकास देसाई की जोड़ी) ने ये फिल्म बनाई थी. 'गहराई' में अमरीश पुरी ने तांत्रिक के रोल में एक गेस्ट अपीयरेंस भी किया था.