
पैन इंडिया स्टार प्रभास के करियर में 'छत्रपति' (2005) एक बहुत बड़ी हिट थी. एसएस राजामौली के डायरेक्शन में बनी इस फिल्म ने प्रभास की एक्शन स्टार की इमेज को पक्का कर दिया था. बॉक्स ऑफिस पर 'छत्रपति' इतनी बड़ी हिट थी कि कई जगहों पर लगातार 100 दिन इसके शोज चले. साउथ की जिन फिल्मों को हिंदी में डबिंग के साथ जनता ने खूब देखा उनमें से एक ये भी थी. प्रभास की फिल्म का हिंदी टाइटल 'हुकूमत की जंग' था.
अब थिएटर्स में इस फिल्म का ऑफिशियल हिंदी रीमेक रिलीज हुआ है. इस शुक्रवार 'छत्रपति' हिंदी में थिएटर्स में रिलीज हुई और इसमें प्रभास वाला किरदार तेलुगू इंडस्ट्री में के यंग स्टार बेल्लमकोंडा श्रीनिवास ने निभाया है. फिल्म की लीड एक्ट्रेस नुसरत भरूचा हैं. मेकर्स ने 'छत्रपति' का प्रमोशन, एक जबरदस्त एक्शन एंटरटेनर के तौर पर किया था. लेकिन पहले दिन फिल्म का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन बता रहा है कि जनता इसे कुछ खास पसंद नहीं कर रही.
शुक्रवार को 'छत्रपति' की कमाई
रिपोर्ट्स बताती हैं कि पहले दिन 'छत्रपति' ने बॉक्स ऑफिस पर लगभग 45 लाख रुपये का कलेक्शन किया है. फिल्म का रिपोर्टेड बजट 25 करोड़ रुपये के आसपास बताया जा रहा है. ऐसे में पहले दिन 50 लाख से भी कम ओपनिंग बता रही है कि 'छत्रपति' के लिए आने वाले दिन बहुत अच्छे नहीं होने वाले.
एक हिंदी फिल्म की तरह प्रोजेक्ट की जा रही फिल्म का इस तरह बॉक्स ऑफिस पर गोता खाना मेकर्स के लिए यकीनन चिंता की बात होगी. 'छत्रपति' को प्रोड्यूस करने वाली कंपनी ने इससे पहले साउथ की कई बड़ी फिल्मों जैसे RRR, 'विक्रम' और 'पोन्नियिन सेल्वन 1' को हिंदी में रिलीज किया था. इन फिल्मों ने कंपनी को बड़ी कामयाबी दिलाई. शायद इस कामयाबी से ही 'छत्रपति' के हिंदी रीमेक का आईडिया आया, लेकिन पहले दिन की कमाई बता रही है कि ये आईडिया कामयाब तो नहीं होने वाला.
साउथ से आ रहीं फ्लॉप 'पैन इंडिया' फिल्में
जहां तेलुगू, तमिल और कन्नड़ इंडस्ट्रीज से हिंदी में RRR, विक्रम, कांतारा और KGF 2 जैसी बड़ी हिट्स आ चुकी हैं. वहीं इन फिल्मों के फॉर्मूले को दोहराने की कोशिश में 'दसरा' 'विक्रांत रोणा' और 'कब्जा' जैसी फिल्में हिंदी में बुरी तरह फ्लॉप भी हुईं.
'छत्रपति' की ओपनिंग बता रही है कि इसका वीकेंड कलेक्शन 2 करोड़ रुपये से कम ही रह सकता है. ऐसे में फिल्म का लाइफटाइम कलेक्शन अगर 4 करोड़ तक भी पहुंच जाए तो बहुत बड़ी बात होगी. मगर फिलहाल ऐसा होना मुश्किल नजर आ रहा है.
लॉकडाउन के बाद से ही साउथ फिल्मों के हिंदी रीमेक वैसा जादू नहीं कर पा रहे जैसा पहले करते थे. अक्षय कुमार की 'बच्चन पांडे' और 'सेल्फी' दोनों ही साउथ की फिल्मों का रीमेक थीं. जबकि आदित्य रॉय कपूर की 'गुमराह' भी साउथ की एक फिल्म 'थडम' का रीमेक थी. ये तीनों फिल्में बुरी तरह फ्लॉप हुईं. अजय देवगन की 'दृश्यम 2' भी एक साउथ रीमेक थी, लेकिन ऑरिजिनल मलयालम कहानी को हिंदी की जनता ने बहुत नहीं देखा था.
शायद इसीलिए इसे देखने के लिए थिएटर्स में भीड़ जुटी. पिछले कुछ समय में ये भी प्रूव हो चुका है कि सिर्फ साउथ स्टाइल वाले एक्शन मसाला एंगल से हिंदी जनता को लुभा पाना मुश्किल हो रहा है. और वही फिल्में चल रही हैं जो भले साउथ से हैं और उनमें एक एक्स-फैक्टर है. एक्शन का धमाका परोसने के चक्कर में ही, हिंदी और बंगाली में एकसाथ रिलीज हुई पहली फिल्म 'चंगेज' का भी बॉक्स ऑफिस पर बुरा हाल हुआ था.
'चंगेज' का हिंदी वर्जन 15 दिन में भी पूरे डेढ़ करोड़ रुपये नहीं कमा पाया. ऐसे में 'छत्रपति' के मेकर्स का, प्रभास-राजामौली वाला फॉर्मूला दोहरा कर हिंदी जनता से कमाई करने का दांव नाकाम साबित होता नजर आ रहा है.