
विक्की कौशल की फिल्म 'छावा' रिलीज के 15 दिनों बाद ही बॉलीवुड की सबसे बड़ी फिल्मों में से एक बन चुकी है. 400 करोड़ से ज्यादा कलेक्शन कर चुकी ये फिल्म थिएटर्स में जमकर भीड़ जुटा रही है और जनता को इम्प्रेस कर रही है. 'छावा' का कमाल ऐसा है कि तेलुगु फिल्म फैन्स लगातार सोशल मीडिया पर मेकर्स से मांग कर रहे थे कि इस फिल्म को तेलुगू में भी रिलीज किया जाए.
आखिरकार फैन्स की ये अपील रंग लाई है और मेकर्स ने 'छावा' की तेलुगू रिलीज अनाउंस कर दी है. विक्की कौशल की फिल्म का तेलुगू वर्जन 7 मार्च को रिलीज होगा. 'छावा' हिंदी में तो जमकर कमाई कर ही रही है, मगर अब तेलुगू में भी इस फिल्म के तगड़ी कमाई करने का चांस है. इस चांस के पीछे कई दमदार वजहें भी हैं.
तेलुगू ऑडियंस को पसंद हैं है वोल्टेज फिल्में
'छावा' एक पीरियड ड्रामा फिल्म है और ऐसी फिल्मों से कनेक्ट करने के लिए जनता को किसी खास लोकल फैक्टर की जरूरत नहीं पड़ती. अगर फिल्म दमदार है तो किसी भी क्षेत्र की ऑडियंस इससे रिलेट कर लेती है. 'छावा' उन फिल्मों में से है जिनमें खूब एक्शन और खून-खच्चर भरी मार काट है. इस तरह की फिल्मों के लिए तेलुगू ऑडियंस का हाजमा बहुत तगड़ा है. वे अपनी इंडस्ट्री से ही आई इस तरह की हाई वोल्टेज एक्शन ड्रामा फिल्मों को जमकर प्यार लुटाते हैं. ऐसे में 'छावा' उनके लिए एक सॉलिड फिल्म साबित हो सकती है.
तेलुगू भाषी राज्यों में रहा है मराठा कनेक्शन
मराठा साम्राज्य अपने शिखर पर, आज के भारत के हिसाब से एक बड़े इलाके में फैला हुआ था. आज जो आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्य हैं, इतिहास में वहां तक मराठा साम्राज्य की पहुंच थी. मराठा साम्राज्य के अभियानों के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज के, गोलकोंडा के नवाबों और दक्कन के दूसरे कुछ इलाकों तक जाने की कहानियां इतिहास में दर्ज हैं. आंध्र प्रदेश के नल्लामल्ला जंगलों में स्थित श्री शैलम का शिवाजी से पुराना कनेक्शन रहा है.
श्री शैलम का शिव मंदिर पुराने समय से तेलुगू, मराठी और कन्नड़ बोलने वाले लोगों के लिए एक तीर्थ की तरह रहा है. आंध्र प्रदेश के कई इलाकों में छत्रपति शिवाजी जयंती पर रैलियां वगैरह निकाली जाती रही हैं, जो छत्रपति संभाजी महाराज के पिता भी थे. और इन्हीं संभाजी के जीवन पर 'छावा' की कहानी बेस्ड है. यानी मराठा संस्कृति और शिवाजी से कनेक्शन भी तेलुगू ऑडियंस को 'छावा' के लिए थिएटर्स तक खींच सकता है.
अल्लू अर्जुन फैक्टर
तेलुगू सिनेमा की फैन फॉलोइंग अपने आप में एक अलग लेवल पर है. अगर किसी बड़े स्टार ने कुछ कहा है तो उसके पक्के फैन्स इसे पत्थर की लकीर की तरह ट्रीट करते हैं. कुछ दिन पहले ही अल्लू अर्जुन ने 'छावा' के मेकर्स का शुक्रिया अदा किया था. असल में अल्लू अर्जुन की 'पुष्पा 2' और विक्की की 'छावा' पहले 6 दिसंबर 2024 को एक साथ थिएटर्स में रिलीज होने वाली थीं. लेकिन 'छावा' के मेकर्स ने क्लैश की जिद छोड़ते हुए अपनी फिल्म आगे के लिए टाल दी और इसे 14 फरवरी 2025 को रिलीज किया.
अब अल्लू ने बताया है कि उन्होंने 'छावा' के मेकर्स को पर्सनली कॉल करके फिल्म टालने की रिक्वेस्ट की थी और इसके लिए उन्होंने मेकर्स को शुक्रिया भी कहा. अल्लू अर्जुन का ये बयान 'छावा' को तेलुगू फैन्स में एक बड़ी पॉपुलैरिटी दिला सकता है.
तेलुगू फैन्स में पैठ बना रहीं बॉलीवुड फिल्में
साउथ से आ रहीं पैन इंडिया फिल्में तो लंबे समय से हिंदी में धमाल मचा ही रही हैं. मगर पिछले कुछ समय से कुछ बॉलीवुड फिल्में साउथ, खासकर तेलुगू राज्यों- आंध्र प्रदेश और तेलंगाना; में कमाल कर रही हैं.
सैकनिल्क के अनुसार, शाहरुख खान की फिल्म 'जवान' ने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में 61 करोड़ रुपये का बिजनेस किया था. किंग खान की ही फिल्म 'पठान' का बिजनेस यहां पर 30 करोड़ रुपये रहा था. रणबीर कपूर की 'एनिमल' को, तेलुगू इंडस्ट्री से आने वाले डायरेक्टर संदीप रेड्डी के होने का भी फायदा मिला था. इस फिल्म ने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में 72 करोड़ का कलेक्शन किया था. इन तीनों फिल्मों को हिंदी के साथ-साथ तेलुगू डबिंग के साथ इन राज्यों में रिलीज होने का बड़ा फायदा मिला.
खुद विक्की कौशल भी 2019 में इन राज्यों में मजबूत मौजूदगी दर्ज करवा चुके हैं. उनकी फिल्म 'उरी: द सर्जिकल' स्ट्राइक ने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से करीब 11 करोड़ का कलेक्शन किया था. जबकि तब विक्की एक नए स्टार थे और उनकी फिल्म तेलुगू में रिलीज भी नहीं हुई थी. 'छावा' के ब्लॉकबस्टर होने से उनका नाम अब स्टारडम के चार्ट में बहुत बड़ा हो गया है और तेलुगू में फिल्म का रिलीज होना, इसे बॉक्स ऑफिस पर और भी बड़ी कामयाबी दिला सकता है.