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मेकअप की वजह से अस्पताल पहुंची, 'छोरी' एक्ट्रेस ने सुनाया दर्द भरा वाकया

यानिया भारद्वाज ने फिल्म 'छोरी' में छोटी माई की भूमिका निभाई है. यह फिल्म ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुई है. फिल्म में यानिया के ज्यादातर पोर्शन प्रोस्थेटिक्स से कवर किए गए हैं. इन्हें घोस्ट लुक प्रोस्थेटिक्स की मदद से दिया गया था, जिसे देखकर दर्शक सहम गए थे.

यानिया भारद्वाज यानिया भारद्वाज
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 08 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 4:47 PM IST
  • यानिया हुईं अस्पताल में भर्ती
  • प्रोस्थेटिक्स के कारण हुईं बीमार

एक्ट्रेस यानिया भारद्वाज ने फिल्म 'छोरी' में छोटी माई की भूमिका निभाई है. यह फिल्म ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुई है. फिल्म में यानिया के ज्यादातर पोर्शन प्रोस्थेटिक्स से कवर किए गए हैं. इन्हें घोस्ट लुक प्रोस्थेटिक्स की मदद से दिया गया था, जिसे देखकर दर्शक सहम गए थे. फिल्म में अपने ट्रांसफॉर्मेशन पर यानिया ने कहा कि कम से कम तीन से चार घंटे प्रोस्थेटिक्स में लगते थे. इसे उतारने में भी दो घंटे लग जाते थे. मुझे सेट पर बाकियों से कई घंटों पहले पहुंचना पड़ता था. 

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लुक लेना था मुश्किल
यानिया के लिए घोस्ट लुक लेना काफी मुश्किलों भरा सफर रहा. यानिया कहती हैं कि लुक काफी मुश्किल था. जितना स्क्रीन पर यह लग रहा है, उससे कहीं ज्यादा मुश्किल. बॉडी पर इसे लेना समस्या से भरा रहा. मेरे लिए यह एक वैक्सिंग एक्सपीरियंस की तरह था. पेट के आसपास जो छोटे बाल होते हैं, वह इसे उतारते हुए निकल जाते थे. कई बार मुझे रैशेज होते थे तो कई बार उनमें से खून आने लगता था. मेरे काम, हाथ और चेहरा प्रोस्थेटिक से कवर होता था. मैं खा भी नहीं पाती थी. मुझे रोज पेनकिलर्स लेनी पड़ती थीं. कई बार तो मुझे बुखार आ जाता था.

यानिया आगे कहती हैं कि मेरे फेफड़े सूज गए थे, जिसके कारणवश मुझे अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था. बहुत कम लोगों को प्रोस्थेटिक्स करवाने का मौका मिलता है, और मैं उनमें से एक रही. मैं खुद को लकी महसूस करती हूं. सिनेमा की दुनिया में प्रोस्थेटिक का मतलब यह नहीं होता कि आप कैसे दिखेंगे, उसमें कैसे एक्ट करेंगे यह महत्वपूर्ण होता है. मुझे बस यह नहीं पता था कि प्रोस्थेटिक मेरी बॉडी और हेल्थ को खराब करेगा. शूट के आखिरी दिन मैं कुछ खा ही नहीं पाई थी. कुछ पी नहीं पाई थी, क्योंकि जो भी खा-पी रही थी जो सब निकल रहा था शरीर से. सलाद तक नहीं मैं पचा पा रही थी. 

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एक्टिंग की दुनिया में आने को लेकर यानिया ने कहा कि मैं अपने यंगर दिनों में सोचती थी कि एक्टिंग का मतलब होता है स्टार बन जाना. टीवी पर फिल्में देखते हुए मैं बड़ी हुई हूं. मैं सोचती थी कि एक्ट्रेस होने का मतलब होता है अच्छा दिखना और डांस करना. मैं नहीं जानती थी कि आपको ऑडियंस से भी कनेक्ट करना होता है. मेरा सपना था एक वॉरियर की भूमिका निभाने का. मैं तलवारबाजी जानती हूं और इसी में एक रोल करने की उम्मीद रखती हूं.

 

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