
'ओ लाल दुपट्टे वाली तेरा नाम तो बता...', ये गाना तो हर किसी को याद होगा. 1993 में रिलीज हुई आंखें फिल्म उस वक्त की सबसे बड़ी हिट फिल्मों में गिनी जाती थी. ऑडियन्स को ये फिल्म इतनी पसंद आई थी कि थियेटर्स में तकरीबन 12 हफ्तों तक लगी रही थी. 5 से 6 करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर कमाई के झंडे गाड़ दिए थे. रिपोर्ट्स की मानें तो फिल्म ने 38 करोड़ तक का बिजनेस किया था.
गोविंदा और चंकी पांडे स्टारर ये फिल्म जितनी मजेदार थी, उतनी ही दिलचस्प थी इस फिल्म के बनने की कहानी. इस बैकस्टोरी को चंकी पांडे ने हाल ही में शेमारू को दिए इंटरव्यू में किया. चंकी ने बताया डेविड धवन के डायरेक्शन में बनी इस फिल्म की शुरुआत कैसे हुई.
कैसे बनी थी आंखें मूवी
चंकी बोले- बहुत कम लोग जानते हैं कि राज कुमार संतोषी जी को पहलाज निहलानी के साथ एक फिल्म करनी थी. लेकिन उन्होंने अपनी एक अलग फिल्म शुरू की आमिर खान और सलमान खान के साथ 'अंदाज अपना अपना'. पहलाज जी को गुस्सा आ गया. अंदाज अपना अपना की मुहुर्त हुई महबूब स्टूडियो में. संडे का दिन था. पहलाज जी ने मुझे डेविड धवन, अनीस बजमी और गोविंदा को फोन किया. कहा कि मेरे घर आओ कढ़ी चावल खाते हैं. तो हम कढ़ी चावल खाने उनके घर गए. उन्होंने दो फिल्म लगाई 'दो फूल', फिर लगाई हॉलीवुड फिल्म. चार घंटे हो गए हमें खाना खाए. फिर उन्होंने कहा ये फिल्म को हमें बनाना है और 6 महीने के अंदर रिलीज करनी है. अनीस आपको एक महीने का टाइम मिल रहा है लिखने के लिए.
जद्दोजहद के बाद शुरू हुआ शूट
इसी के साथ चंकी ने आगे बताया कि सही में अनीस ने एक महीने में बेहतरीन फिल्म लिख डाली. लेकिन डेविड को हीरोइन नहीं मिल रही थी. वो नीलम कोठारी और दिव्या भारती को लेना चाहते थे. दोनों के पास डेट्स नहीं थे, तो नई लड़कियां ली गई- रागेश्वरी और ऋतु शिवपुरी. अनुपम खेर शोला और शबनम में बिजी थे तो राज बब्बर को लिया गया. फिल्म की शुटिंग हैदराबाद में की थी. फिल्म की शूटिंग के दौरान बड़ा मजा आया था. गोविंदा बहुत शैतान हैं सही में. हमने कैरेक्टर की तैयारी भी अपने जवानी के दिनों को याद कर के की थी. कैसे तब हम लड़कियां पटाया करते थे.