
एक्ट्रेस दीप्ति साधवानी ने कान्स फिल्म फेस्टिवल 2024 में खूब धूम मचाई. इस फेस्टिवल में ऐश्वर्या राय, अदिति राव हैदरी, कियारा आडवाणी संग हॉलीवुड के सितारों के खूब चर्चे हुए, लेकिन इन सभी के बीच दीप्ति ने अपनी अलग छाप छोड़ी. 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' सीरियल में नजर आ चुकी दीप्ति को कान्स 2024 के रेड कारपेट पर एक से बढ़कर एक गजब के आउटफिट में देखा गया. इसमें से सबसे ज्यादा चर्चे उनके ऑरेंज गाउन के हुए. अब एक्ट्रेस ने आजतक से एक्सक्लूसिव बात की है.
कैसा था कान्स 2024 में एक्सपीरीएंस?
आपका एक्सपीरिएंस कैसा था? दीप्ति साधवानी ने कहा, 'पहले तो मुझे यकीन ही नहीं हुआ था. फिर मैंने सोचा कि चलो मैं पहुंच भी गई वहां तक लेकिन कोई मुझे पहचानेगा, उतना अप्रीशीएशन नहीं देगा, कोई मेरा नाम भी नहीं पूछेगा. इतने सारे सेलिब्रिटी थे वहां पर. हर 2 सेकेंड पर एक सेलेब्रिटी. रेड कारपेट पर आपको बोला जाता है 'आगे बढ़िया, आगे बढ़िया'. इतने सारे सेलिब्रिटी हैं, बैक टू बैक फोटोज क्लिक हो रही होती है. लेकिन सौभाग्य से मैंने अपना पूरा टाइम लिया वहां पर. और जब मैंने क्रॉस भी कर लिया तो मुझे लगा कि 'हो गया, इतनी जल्दी 2 मिनट में हो भी गया.''
दीप्ति ने आगे कहा, 'आपको मैं एक सीक्रेट बताती हूं, मैंने पता है क्या किया था मैं कान्स तीन दिन पहले पहुंच गई थी. 14 मई को ओपनिंग सेरेमनी थी, मैं 11 मई को पहुंच गई और मैं रोज शाम को उसी सीढ़ियों के पास जाकर खड़ी हो जाती थी. मैं सोचती थी कि मुझे यहां पर चलना है. उतनी बड़ी बात नहीं है, कल सिर्फ यहां पर कैमरा होंगे. खुद को मोटिवेट करने के लिए, खुद को कम्फर्टेबल महसूस करवाने के लिए मैं तीन शाम तक रोज वहां पर जाती थी. फिर 14 मई को मुझे इतना कुछ बड़ा हाइप नहीं लगा. यहां तो रोज आ रहे हैं. ये तो मतलब खाली था रात को, कुछ भी नहीं था. होता वो 2 मिनट का ही रास्ता है और 10 सीढ़ियां होती हैं.'
कान्स हुआ खत्म, अब गाउन का क्या करेंगी दीप्ति?
कान्स 2024 के बाद से सोशल मीडिया और फिल्म इंडस्ट्री में कई सवाल चल रहे हैं. इन्हीं सवालों को दीप्ति साधवानी से पूछा गया. सबसे पहले हमने दीप्ति से पूछा कि ये जो खूबसूरत और ग्लैमरस गाउन एक्ट्रेसेज पहनती हैं उनका क्या होता है. इसपर एक्ट्रेस ने जवाब दिया, 'ईमानदारी से बताऊं तो मेरा जो पहला वाला आउटफिट है, वो मैंने खास सिर्फ और सिर्फ कान्स के लिए बनवाया था. मैंने सोचा है कि मैं उस ड्रेस को ऑक्शन पर डालूंगी और उससे जो पैसा आएगा वो मैं HIV पैशेन्ट बच्चों को देने वाली हूं. लाखों रुपये बर्बाद हैं बिल्कुल. जो डिजाइनर के आउटफिट होते हैं वो तो वापस चले जाते हैं. लेकिन पहला गाउन जो इतने बड़े-बड़े भारी बैग्स में लेकर हम गए थे, वो मेरे पास है. कान्स में एयरपोर्ट पर कस्टम वालों ने मुझे रोककर पूछा था- ये क्या है. 5 बड़े-बड़े बैग्स लेकर आप क्यों आए हो.'
हाई हील्स पहनने पर झेला दर्द
हाई हील्स के साथ हेवी गाउन को कैसे एक्ट्रेसेज मैनेज करती हैं? इस सवाल के जवाब में दीप्ति ने बताया, 'ब्यूटी कम्स एट अ प्राइस (खूबसूरती की कीमत चुकानी पड़ती है). जो ब्यूटी हम सबको दिखती है वो एक कीमत पर आती है. हेवी आउटफिट आपको पहनता पड़ता है. मुझे शूट भी करना था. हाई हील्स पहनने से मेरे पैर पूरे छिल चुके थे. मेरे पैर में वो पानी के पस वाले दाने ढेर सारे निकल आए थे. मुझे लगता है कि मेरे पैर में 7 या 8 बैंडेज लगी हुई थी और उसके बावजूद मुझे हील्स पहननी पड़ी. लेकिन वो हील्स पहनकर रेड कारपेट पर जो एनर्जी आती है न तो दर्द गायब हो जाता है. 15 किलो के गाउन का वजन आपको पता ही नहीं चलेगा.'
रेड कारपेट के बाद कहां जाते हैं स्टार्स?
रेड कारपेट पर वॉक करने के बाद सितारे कहां जाते हैं और कैसे अपने ग्लैमरस आउटफिट को पहनकर बैठते हैं. इस बारे में दीप्ति साधवानी ने कहा, 'जैसे ही वो सीढ़ियां खत्म होती हैं और जैसे ही हम थिएटर में जाकर बैठते हैं, मैं इतने बड़े गाउन के साथ कैसे बैठूं. मेरे पहले आउटफिट और तीसरे आउटफिट में डीटैचेबल ट्रेल्स थीं तो वो जैसे ही हम बैठते हैं, उनको निकालकर साइड को रख सकते हैं.' दीप्ति ने ये भी बताया कि अंदर जाकर खाने के लिए कुछ भी नहीं मिलता. वहां पर इतनी अच्छी फीलिंग आती है न अंदर. डायरेक्टर-एक्टर्स जिनकी मूवी है उनकी पहले एंट्री होती है, वो बैठते हैं. फिर आपको मूवी दिखाई जाती है. अगर मूवी अच्छी लगी तो स्टैन्डिंग ओवेशन मिलता है. वो एकदम अलग फीलिंग होती है. उसमें भूख नहीं लगती है. बाहर निकलकर बहुत भूख लगती है तो जी भरकर खाते हैं हम.'
रेड कारपेट के पीछे भी है कारपेट?
हाल ही में एक्ट्रेस संभावना सेठ ने एक इंटरव्यू में कहा था कि इंडिया से जाने वाले इन्फ्लुएंसर्स को कान्स के असली रेड कारपेट पर चलने को नहीं मिलता. उन्होंने अपना रेड कारपेट खुद बिछाया है, जो कान्स के रेड कारपेट के पीछे है. इसे लेकर दीप्ति साधवानी से सवाल किया गया, जिसके जवाब में उन्होंने कहा, 'नहीं, वहां अलग-अलग पविलियन होते हैं. वहां एक कान्स का मेन Lumière थिएटर है, जहां मैंने वॉक किया था. उसे कान्स फिल्म फेस्टिवल का रेड कारपेट कहा जाता है. फिर एक पविलियन होता है जहां पर शॉर्ट फिल्म स्क्रीन होती हैं. लेकिन उसमें रेड कारपेट होता है ये मुझे नहीं पता. क्योंकि रेड कारपेट एक ही है. जहां पर लाइव कैमरा होता है, सबकुछ होता है. वो एक ही रेड कारपेट होता है.'
पैसे देकर जाते हैं कान्स?
क्या पैसे देकर भी कान्स में जाया जा सकता है? जवाब में दीप्ति ने कहा, 'ये एक बहुत विवादित सवाल है जो चल रहा है, बॉलीवुड वर्सेज क्रिएटर. उसका भी एक तरीका होता है. अगर आपकी प्रोफाइल स्ट्रॉन्ग है. जैसे मेरी प्रोफाइल स्ट्रॉन्ग है. क्या-क्या किया है आपने अभी तक. पेरिस में एक कंपनी होती है वो ऐसे पिच करती है और फिर देखना होता है कि वो आपको क्रेडिशन देते हैं या नहीं. सिर्फ एक्टर्स ही नहीं, राइटर, डायरेक्टर, सिनेमा से जुड़ा कोई भी है, फोटोग्राफर भी हो सकते हैं. तो भी आपको क्रेडिशन मिल सकता है. देखिए ब्रांड इन्फ्लुएंसर्स को बुलाते हैं क्योंकि उनको फायदा मिलता है. 10 दिन वो ब्रांड को टैग करते हैं. तो ये एक डील है. अगर ब्रांड क्रिएटर को लेकर जा रहा है तो किसी कारण से लेकर जा रहा है. क्रिएटर का प्रोफाइल स्ट्रॉन्ग है. क्रिएटर इसलिए जा रहे हैं क्योंकि उनको वो प्लेटफॉर्म मिल रहा है.'