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क्यों कंगना रनौत की धाकड़ का निकला दम? फिल्म फ्लॉप होने की ये हैं 5 वजहें

कहते हैं कि खुद में कॉन्फिडेंस रखना जरूरी है, लेकिन इंसान को ओवर कॉन्फिडेंस नहीं होना चाहिये. इसमें कोई दोराय नहीं है कि बॉलीवुड क्वीन ने फिल्म में जबरदस्त एक्शन किये. पर दर्शकों ने फिर भी फिल्म को नकार दिया.

कंगना रनौत कंगना रनौत
aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 26 मई 2022,
  • अपडेटेड 4:28 PM IST
  • 6 दिन में फिल्म ने कमाये 4 करोड़
  • पर्दे पर नहीं चला क्वीन कंगना का जादू

बॉलीवुड क्वीन कंगना रनौत ( Kangana Ranaut) की फिल्म धाकड़ (Dhaakad) का लोगों को काफी वक्त से इंतजार था. 20 मई को लोगों की बेसब्री खत्म हुई और फिल्म थिएटर में रिलीज कर दी गई. फिल्म से लोगों को काफी उम्मीदें थीं, लेकिन अफसोस धाकड़ ने फिल्मी फैंस की उम्मीदों पर पानी फेर दिया. कंगना की फिल्म को दर्शकों का वो रिसपॉन्स नहीं मिला जो मिलना चाहिये था. फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह पिटती हुई नजर आई. आखिर क्या वजह है, जो कंगना पर्दे अपना जादू चलाने में नाकामयाब रहीं. 

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-हद से ज्यादा एक्शन 
अगर आपने धाकड़ देखी है तो बहुत अच्छी बात है पर अगर नहीं देखी है, तो उसके फ्लॉप होने की वजहें हम बता देते हैं. फिल्म के टाइटल से साफ है कि फिल्म में कंगना का धाकड़ अंदाज दिखाया गया है. धाकड़ अंदाज तो सही है, लेकिन फिल्म में जो हद से ज्यादा एक्शन सीन्स डालें गये हैं. जो दर्शकों को बिल्कुल रास नहीं आये. 

-घिसी-पिटी कहानी
बॉलीवुड में मानव तस्करी के बिजनेस और सीक्रेट एजेंसी रॉ पर बहुत सारी फिल्में बन चुकी हैं. धाकड़ की कहानी भी मानव तस्करी के बिजनेस पर आधारित है. जिसमें दर्शकों को कुछ खास और नया नजर नहीं आया. साफ शब्दों में बोला जाये, तो फिल्म की कहानी में जरा भी दम नहीं है. सबसे बड़ी बात की कहानी को डायरेक्टर बांध नहीं पाए हैं. सिर्फ एक्शन ही फिल्म में नजर आ रहा है. कहानी के नाम पर मामला जीरो है. 

-ओवर एक्टिंग
जिस फिल्म में दिव्या दत्ता, अर्जुन रामपाल और कंगना रनौत जैसे स्टार्स हों, उससे दर्शकों की उम्मीदें बढ़ना लाजमी है. ये तीनों ही बॉलीवुड के बेहतरीन एक्टर्स में से एक हैं, लेकिन धाकड़ में अर्जुन रामपाल जैसे शानदार एक्टर ओवर एक्टिंग करते दिखे. जबिक लोग उनकी नेचुरल एक्टिंग के कायल हैं. 

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-बिखरा डायरेक्शन 
कहते हैं कि फिल्म की कहानी को दर्शकों के सामने परोसने में डायरेक्टर का अहम रोल होता है. फिल्म के डायरेक्टर रजनीश घई ने फिल्म का डायरेक्शन किया है.धाकड़ का शुरुआती डायरेक्शन बिल्कुल परफेक्ट था. पर जैसे-जैसे फिल्म आगे बढ़ती गई डायरेक्शन की दिशा इधर-उधर बिखरती नजर आई. इस वजह से धाकड़ अंत तक समां बांधने में सफल नहीं हो पाई. 

-भूल भुलैया ने दी टक्कर 
खुद में कॉन्फिडेंस रखना जरूरी है, लेकिन इंसान को ओवर कॉन्फिडेंस नहीं होना चाहिये. इसमें कोई दोराय नहीं है कि बॉलीवुड क्वीन ने फिल्म में जबरदस्त एक्शन किये. पर दर्शकों ने फिर भी फिल्म को नकार दिया. इससे एक बात साफ है कि आप चाहें कितने ही बड़े स्टार क्यों ना हों, लेकिन अगर कहानी में दम नहीं है, तो फैंस पैसा खर्च करके आपकी फिल्म नहीं देखेंगे. धाकड़ के सामने लोगों ने भूल भुलैया 2 को बेइंतिहा प्यार दिया, क्योंकि दर्शकों को कहानी के साथ-साथ स्टार्स की एक्टिंग भी पसंद आई. 

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अगर फ्राइडे को भूल भुलैया 2 रिलीज ना होती है, तो शायद धाकड़ की कमाई में थोड़ा इजाफा हो सकता था. पर दर्शक समझदार हैं और वो सिर्फ अच्छी फिल्म पर ही अपना पैसा खर्च करना चाहते हैं. तो ये हैं वो बड़ी वजहें जिसके कारण धाकड़ पर्दे पर कमजोर साबित होती दिखी. बाकी फिल्म देखने और ना देखने का फैसला आपका है. 

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