
लेजेंडरी सिंगर लता मंगेशकर के जाने के बाद जो खालीपन संगीत जगत में आया है, उसकी कभी भरपाई नहीं हो पाएगी. लता दीदी के जाने के बाद दिग्गज एक्टर धर्मेंद्र की जिंदगी में भी सन्नाटा छा गया है. अभी तक वे लता मंगेशकर के जाने के गम से बाहर नहीं निकल पाए हैं. अभी भी लता दीदी को याद कर उनकी आंखें नम हो जाती हैं. लता की याद में आयोजित किए गए आजतक के खास कार्यक्रम 'श्रद्धांजलि: तुम मुझे भुला ना पाओगे' में धर्मेंद्र ने उनसे जुड़ी कई बातें शेयर कीं.
अकेलेपन से भाग रही थीं लता मंगेशकर
धर्मेंद्र ने खुलासा किया कि जिंदगी के आखिरी पलों में लता मंगेशकर अकेलेपन से भागने की कोशिश कर रही थीं. उन्होंने कहा- लता मंगेशकर से पिछले 3-4 सालों से काफी बात हो रही थी. ऐसा लग रहा था कि वो तन्हाई से भागना चाह रही थी. वो मुझे हौसला देती थीं. एक बार मैंने ट्वीट कर कुछ सैड लिखा तो मुझे फोन किया. आधे घंटे तक बात की. मुझे चीयर अप किया. मेरी भी उम्र हो चली है तो मैं समझ सकता हूं इस उम्र में आकर इंसान क्या सोचता है. वो पूरी यादों को फिर से सोचता है. बहुत कम लोग बोलते हैं लेकिन बगैर काम खाली बैठने का दुख होता है. अंदर से थोड़े टूट जाते हैं.
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धर्मेंद्र ने इस किस्से को याद करते हुए कहा- लता दीदी के गाने गांव में सुनते वक्त में मैं रुक जाता था. सोचता था कभी इन लोगों के बीच जा पाऊंगा. मुझे पता चला कि लता जी मेरे लिए गाना गा रही हैं. मैं तो दीवाना सा हो गया था. मैंने सोचा किसे बताऊं. मैंने सभी को अनगिनत खत लिखे. कहा कि लता जी मेरे लिए गाना गा रही हैं. 3-4 दिन में जवाब आता था कि बहुत खुशी हुई. मैं महबूब स्टूडियो गया लता जी को देखने. उनके सामने बैठना मुश्किल हो रहा था. वो मुझे देखकर मुस्कुराईं. मेरा नाम जानने के बाद उन्होंने कहा कि धर्मेंद्र नाम है ना बहुत आगे जाओगे.
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क्यों अंतिम संस्कार में नहीं गए धर्मेंद्र?
धर्मेंद्र ने कहा- मैं तीन बार तैयार हुआ फिर हिम्मत नहीं हुई. लोग सोचेंगे मैं क्यों नहीं गया लेकिन क्या बताऊं नहीं जा पाया. उनसे सगी बहन से भी ज्यादा प्यार था. उन्होंने कहा मुझे अगला जन्म चाहिए ही नहीं. अगर मिला तो मैं लता नहीं बनना चाहती.