
'IC 814' एक्ट्रेस दीया मिर्जा ने 2001 में आई फिल्म 'रहना है तेरे दिल में' से बॉलीवुड डेब्यू किया था. पहली ही फिल्म से दीया ऑडियंस में काफी पॉपुलर हो गई थीं. मगर उसके बाद उन्हें बहुत ज्यादा लीड रोल नहीं मिले और उनकी सोलो फिल्में कुछ बड़ा कमाल नहीं कर पाईं.
पिछले कुछ समय में दीया ने कई दमदार सपोर्टिंग रोल्स में अपनी एक्टिंग का दम दिखाया है. अब दीया ने कहा है कि वो अपनी पुरानी फिल्में नहीं देख सकतीं. उन्हें ऐसा करने में थोड़ी सी 'शर्मिंदगी' होगी.
'मुझे नहीं पता था मैं कौन हूं'
इंडियन एक्सप्रेस के साथ इंटरव्यू में जब दीया से पूछा गया कि वो अपने शुरुआती काम को कैसे देखती हैं? तो उन्होंने कहा, 'ओह माय गॉड, मैं शर्मिंदा हूं! सच में. मुझमें कुछ तो था, लेकिन मैं अपनी धुन नहीं पकड़ पा रही थी. मैं क्लियर नहीं थी कि मैं क्या हूं.'
नेटफ्लिक्स सीरीज 'IC 814: द कंधार हाईजैक' में नजर आ रहीं दीया ने कहा कि उन्होंने बहुत कम उम्र में काम शुरू कर दिया था और एक्टिंग की कोई फॉर्मल पढ़ाई नहीं की थी इसलिए उनकी सारी समझ फिल्में करते हुए ही बनी.
दीया ने बताया, 'जब मैं फिल्म बिजनेस में आई तो सिर्फ पागलपन होता था, उसमें कोई मेथड नहीं था. परफॉर्म करने से पहले कुछ मिनट पहले ही सीन्स आपके सामने आते थे. और, महिलाओं को समझदार माना भी नहीं जाता था. आपको वो व्यक्ति माना ही नहीं जाता था जिसमें सोचने की समझ है, और महसूस करके रिस्पॉन्स कर ने की भी.'
उन्होंने आगे कहा, 'तब आप बस एक विंडो ड्रेसिंग होते थे, बड़े प्लान का एक हिस्सा, एक एक्सेसरी. मुझे एक बात याद है जो तब जोक थी, मगर अब सोचने पर बहुत ऑफेंड करती है. तब मैंने हंसकर इसे टाल दिया था और मुझे कहा गया था- 'आप इस फिल्म को मना कैसे कर सकती हैं? इसमें एक सुपरस्टार हैं और इसमें 6 गाने हैं!''
दीया को पिछले दशक के सेकंड हाफ में दमदार रोल मिलने शुरू हुए. वो राजकुमार हिरानी की 'संजू'. अनुभव सिन्हा की 'थप्पड़', तापसी पन्नू की फिल्म 'धक धक' और अपने शो 'काफिर' में नजर आईं. दीया को लगता है कि उनके लुक्स की वजह से भी उन्हें बहुत दमदार रोल नहीं मिले.
लुक्स की वजह से भी नहीं मिला अच्छा काम
उन्होंने कहा, 'आप जैसे दिखते हैं उसकी वजह से भी आपको स्टीरियोटाइप किया जाता है. तो हो सकता है कि मैं अनुराग कश्यप की फिल्म लायक नहीं लगती, लेकिन मेरा दिमाग और दिल अनुराग कश्यप की फिल्मों में है! बड़ा पॉइंट ये है कि इंडस्ट्री आप पर जो बोझ रख देती है उसे उतारने में समय लगता है. मैं इससे बहुत ज्यादा हूं और मैं खुद को पुश करती रहूंगी.'
दीया ने कहा कि अगर उनके 20s में उन्हें कोई कहता कि 40 की उम्र में आने के बाद उन्हें सबसे एक्साइटिंग किरदार मिलेंगे तो वो कभी यकीन नहीं करतीं. लेकिन उन्हें लगता है कि आज वो प्रोजेक्ट्स को मना कर पाने के 'स्वीट स्पॉट' में हैं. दीया बोलीं, 'खुशकिस्मती ये है कि जिन लोगों का मैं सम्मान करती हूं, वो मुझे खोज ले रहे हैं. आशा है कि ये चीज कभी पूरी तरह खत्म नहीं होगी.'