
राज शांडिल्य के साथ एक लंबे से काम कर रहे उनके राइटर अंकुर शुक्ला ने उनपर अपकमिंग प्रॉजेक्ट 'लव की अरेंज मैरिज' की स्क्रिप्ट चोरी का आरोप लगाया है. मामला अब कोर्ट तक जा पहुंचा है. दोनों पक्षों से हुए बातचीत पर पेश है ये रिपोर्ट..
'सर्वगुण संपन्न' की स्क्रिप्ट लेकर गया था
आयुष्मान खुराना स्टारर फिल्म 'ड्रीम गर्ल' और 'ड्रीम गर्ल 2' के डायरेक्टर राज शांडिल्य पर उनके साथ काम कर चुके राइटर अंकुर शुक्ला ने उनकी कहानी 'सर्वगुण संपन्न' का स्क्रिप्ट चोरी करने का आरोप लगाया है. अंकुर के अनुसार, राज शांडिल्य उनकी इस कहानी को 'लव की अरेंज मैरिज' नाम से बना रहे हैं. आजतक डॉट इन से बातचीत के दौरान अंकुर कहते हैं, मैंने शांडिल्य जी को 29 अप्रैल 2020 को सुनाई थी. 2 जून 2020 को मेल और 8 जून 2020 को वॉट्सऐप के जरिए कहानी का ड्राफ्ट और इनपुट भेजे थे. उन्हें कहानी बहुत पसंद आई थी और उन्होंने मेरे साथ अनुबंध कर एक उचित पेमेंट का वादा किया था. मैं तीन साल तक उनके आगे- पीछे घूमता रहा, उन्होंने मेरा फोन उठाना, वॉट्सऐप पर रिप्लाई करना बंद कर दिया था.
पैसे देकर सेटेलमेंट की कही थी बात
अंकुर आगे कहते हैं, राज और प्रॉड्यूसर विमल लाहोटी ने मुझे बिना बताए और बिना किसी अग्रीमेंट के फिल्म का प्री-प्रॉडक्शन काम शुरू कर दिया है. इसकी जानकारी मुझे 8 फरवरी 2023 को मिली थी. मैंने इस सिलसिले में उन्हें मेल भी किया था. जिसके बाद मुझे विमल लाहोटी जी का कॉल आया और मीटिंग के लिए उन्होंने मुझे बुलाया था. हम 14 फरवरी को मिले, जहां उन्होंने मेरे सामने पैसे का प्रपोजल रखा था, जो एक राइटर की हैसियत से बहुत ही कम था. कहानी के डिजर्व पैसे मांगने के बाद वो भड़क गए और मुझपर ब्लैकमेल का आरोप लगाते हुए धमकी दी. कुछ घंटे बाद दोबारा विमल जी का वॉट्सऐप कॉल आया और उन्होंने राज शांडिल्य को उसमें ऐड किया, फिर 15 फरवरी को दोबारा मिलने का निर्णय लिया गया. राज ने कहा कि उन्होंने मेरी कहानी से संबंधित फिल्म पर अभी तक कोई काम नहीं किया है, ना ही किसी एक्टर, डायरेक्टर, स्टूडियो के साथ कोई अनुबंध किया है, जबकि थोड़ी ही देर पहले उन्होंने मुझे कहानी के फिल्मांकन से संबंधित गाने सुनाए थे. मैने अपनी कहानी के सापेक्ष जब इंडस्ट्री के नॉर्म के हिसाब से रुपए की मांग की, तो उन्होंने कहा कि आप कहानी वापस ले जा सकते हैं. 17 फरवरी को एक बार फिर विमल लाहोटी जी ने व्हाट्सएप के जरिए से मुझे थोड़ी बड़ी राशि देने का प्रस्ताव दिया. जिसे मैंने ठुकरा दिया था.
अब मानहानि का केस किया है दर्ज
28 फरवरी को मुझे राज के प्रॉडक्शन हाउस के वकील का नोटिस आता है, जहां उन्होंने कहानी को अपने प्रॉडक्शन हाउस के होने का दावा किया है और मेरे ऊपर ही अनैतिक आरोप लगाए थे. इस नोटिस के रिप्लाई के लिए मैंने 15 दिन का वक्त मांगा था. 18 मार्च को मैंने अपने वकील की मदद से सारी फैक्ट्स के साथ उन्हें जवाब दिया है. 24 मार्च को उनकी तरफ से मुझपर चोरी, धोखाधड़ी का केस फाइल किया गया है. इस बीच देखता हूं कि 28 फरवरी को फिल्म का सोशल मीडिया पर अनाउंसमेंट कर दिया गया है. मैंने राज को कॉल्स व मेसेज किए, लेकिन उनका कोई जवाब नहीं आया है. 6 अप्रैल को मैंने झांसी एसपी कार्यालय में शिकायत दर्ज करवाई है, और 20 अप्रैल को वर्सोवा थाने में लिखित शिकायत दर्ज करवाई है. 22 अप्रैल को मुझे जानकारी मिली कि राज शांडिल्य ने मेरे ऊपर बॉम्बे हाईकोर्ट में मुकदमा दर्ज कर दिया है.
नाम का सहारा लेकर अटेंशन पाने की कोशिश कर रहे हैं- राज शांडिल्य
अपना पक्ष रखते हुए राज ने आजतक डॉट इन से एक्सक्लूसिव बातचीत में बताया है, सबसे पहले मैं कहना चाहूंगा कि मैं इसे बचपन से जानता हूं. आठ साल पहले ये झांसी से मुंबई आया हुआ था. कोई काम नहीं मिल रहा था. इसे मैंने काम दिलवाया है. इसे शोज के साथ-साथ फिल्मों में मौका दिया है. आज इसकी हरकतों ने मुझे निराश कर दिया है. अगर किसी को जस्टिस चाहिए, तो वो पहले कोर्ट में जाएगा या फिर मीडिया के पास जाकर कहने से उसे न्याय मिलेगा. मीडिया के पास जाकर मेरे बारे में मनगढ़ंत बातें बता कर मेरी बदनामी कर रहे हैं. आपका यह एक्शन तो यही साबित करता है कि आपको मेरे नाम पर पॉप्युलैरिटी चाहिए. आप कहीं पर असोसिएट हैं या किसी के लिए कहानी लिखी भी है.. आपको लगता है कि अन्याय हुआ है, जो भी शिकायते हैं, तो एक सही जगह जाकर उसकी जांच करवानी चाहिए. उसके बाद अगर आपको वहां से जस्टिस नहीं मिलता है, तो मीडिया में अपनी बात रखें. आप हर मीडिया वाले के पास जाकर कह रहे हैं, कि ये मेरी कहानी है. आप कहां पर कौन सी कहानी की बात कर रहे हैं. वो कहानी कितनी आपकी है और कितनी नहीं है, सबकुछ हमने तो कोर्ट में बताया है. जस्टिस तो कोर्ट ही करेगा. हमारे पास सारे डॉक्यूमेंट्स और अग्रीमेंट हैं. हमने जिससे कहानी ली है, वो बकायदा अग्रीमेंट है. कहानी कहां से आई है और क्या है, उन सबका डिटेल हमारे पास है. हम तो कभी मीडिया में नहीं गए हैं कि आपने हमारे ऊपर इतना बड़ा इल्जाम लगाया है.
पंजाबी फिल्म का ऑफिशियल रीमेक है, चोरी की बात सरासर गलत
राज आगे कहते हैं, मैं पिछले पंद्रह साल से इस इंडस्ट्री में हूं. इतनी चीजें लिखी हैं, अब हर बार कोई न कोई आकर इस तरह की हरकतें करता है, तो ये देखकर बड़ा दुख होता है. जानबूझकर ऐसी पैनिक सिचुएशन क्रिएट की जाती हैं, ताकि नाम खराब हो. भई कब तक कोई बर्दाश्त करे. हमने उनके दर्ज की गई शिकायतों का रिप्लाई किया है. आप तो यह कह रहे हैं कि आप हमारे इंप्लॉई नहीं थे, हमारी टीम का हिस्सा नहीं थे. अरे भई, कितनी झूठ कह रहे हैं. देखो, माजरा यह है कि मेरी 6 राइटर्स की टीम थी, जिसमें से अंकुर भी उसका हिस्सा थे. इन सभी ने मिलकर फिल्म लिखी हैं. अगर आप कल को उठकर कहते हैं कि ये मेरी कहानी है, तो बात गलत है न. जो कहानी हम कह रहे हैं, उस पर पंजाब में पहले से ही फिल्म बन चुकी है, जिसका ऑफिसियल राइट्स हम ले चुके हैं. जब हम कहानी लिखकर डेवलप कर दी हैं, तब पता चलता है कि यह असल जिंदगी में आधारित किस्सा है. 2020 में गुजरात के सूरत में घटी एक घटना को ही हम फिल्म के रूप में प्रेजेंट कर रहे हैं. उन्होंने मेल पर लिख कर भेजा है कि उसका मेरी कंपनी से कोई लेना देना नहीं है, जबकि वो लगभग एक साल तक हमारा स्टाफ रहा है. हर महीने पचास हजार रुपये की सैलेरी ली है. इसका पूरा सबूत है.
सैटेलमेंट को लेकर कोई बात नहीं हुई है
राज द्वारा पैसे भी ऑफर कर सेटेलमेंट की बात कही है. इस पर राज कहते हैं, जब आप ये कह रहे हैं कि पैसे को लेकर सेटलमेंट की बात हो रही थी, तो फिर चोरी का आरोप कैसे लगा दिया है. चोरी तब कहलाती है, जब हम किसी से बिना परमिशन लिए वो फिल्म बना लें और क्रेडिट न दें. मैं बता दूं, हर प्रॉजेक्ट का बजट होता है. उसके हिसाब से पैसे तय किए जाते हैं. जब आप पांच लोगों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और आप अकेले स्टोरी पर क्लेम करें, तो यह कहां से सही है. एक साल तक जब आप काम कर रहे थे, तो कोई आपत्ती नहीं थी लेकिन जैसे ही फिल्म की शूटिंग शुरू हुई आप आकर ज्यादा पैसे की डिमांड कर रहे हैं. यह तो सरासर धमकी हुई है न. मेरे फोन न उठाने की, तो मैं बता दूं, सेटलमेंट पर कोई बात हुई ही नहीं है. बल्कि हमने उनसे यही कहा है कि आपकी जो फीस थी, वो मिल चुकी है. आप यहां डेवलपर के तौर पर काम कर रहे थे. ताजमहल बनाने के बाद उठकर मजदूर कहने लगे कि यह हमारा है, तो यह कैसे संभव है.
26 अप्रैल को होगी कोर्ट पर सुनवाई
रही बात बिना बताई फिल्म बनाने के आरोप पर, तो आप देखें, अगर हमें किसी का डर होता, तो छुप छुपाकर काम करते न. हमने शूटिंग शुरु होने से पहले ही इसकी अनाउंसमेंट कर दी थी. देखो, कोर्ट में 26 अप्रैल को कोर्ट में सुनवाई होनी है, उस दिन सच का सच झूठ का झूठ हो जाना है. हमने उनपर मानहानि का केस फाइल किया है क्योंकि आप मेरी इमेज इस तरह मीडिया पर नहीं उछाल सकते हैं.