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बिना कट, बिना एडिटिंग ऐसे शूट हुई थी अवॉर्ड विनिंग फिल्म Lomad, जानिए क्या है कहानी

लोमड़ की कहानी बड़े ट्विस्ट और टर्न्स से भरी हुई है. एक फिल्म जो बिना कट की है उसमे इतने सारे ट्विस्ट और टर्न्स ला पाना अपने आप में बड़ी बात है. मैं आपको ज्यादा तो नहीं बताऊंगा लेकिन ये कहानी एक लड़का और एक लड़की की है जो कॉलेज के जमाने के फ्रेंड्स हैं और अचानक सोशल मीडिया के माध्यम से 10 साल बाद मिलने का प्लान बनाते हैं.

Lomad Lomad
अनुराग गुप्ता
  • मुंबई,
  • 26 मई 2021,
  • अपडेटेड 3:14 PM IST

अपनी फिल्म लोमड़ के लिए दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित झारखंड के हेमवंत तिवारी ने आजतक से खास बातचीत में बताया कि कैसे आया उन्हें ब्लैक एंड व्हाइट बिना कट और बिना एडिट की फिल्म बनाने का आइडिया.

ऑस्कर विनिंग फिल्म बर्डमैन और 1917 भी थी वन शॉट फिल्में 

हेमवंत ने कहा- 'मैं बड़ा आभारी हूं कि आपने मेरी फिल्म लोमड़ की तुलना इतनी बड़ी फिल्मों से की. जो अपने आप में इतिहास हैं. बर्डमैन और 1917 दोनों ऑस्कर विनिंग फिल्म हैं और इन दोनों फिल्मों को वन शॉट फिल्म कह कर प्रमोट किया गया. जबकि ये फिल्में वन शॉट नहीं थी. हालांकि, बाद में फिल्म के मेकर्स ने इंटरव्यू में इस बात का खुलासा भी कर दिया था लेकिन मैं अपनी फिल्म लोमड़ की बात करूं तो हमने ये फिल्म पूरी ईमानदारी से ब्लैक एंड व्हाइट वन शॉट में पूरी की है.' 

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लोमड़ शूटिंग करते वक्त लोग यकीन नहीं कर पा रहे थे की शूटिंग चल रही है

हेमवंत ने बताया, "हमें याद है कि मुंबई की फिल्म सिटी में हम आउटडोर शूट कर रहे थे और हमारा यूनिट देख कर कोई कह नहीं सकता था कि कोई शूटिंग चल रही है. एक बार तो कुछ लोगों ने कहा भाई की रास्ता क्यों रोका है तो हमने कहा यहां शूटिंग चल रही है. तो सामने वाले लोगों ने पूछा की यहां तो कोई आर्टिस्ट है नहीं हम निकल जाते हैं. फिर हमने उन्हें समझाया कि भाई ये वन शॉट मूवी है कैरेक्टर किसी भी वक्त एंट्री करेगा कैमरा लगा हुआ है. तो मेरा कहने का मतलब ये था की इस वन शॉट शूटिंग का कल्चर हमारे यहां नहीं है और लोग शायद ज्यादा इसके बारे में नहीं जानते है इस लिए भी मुझे खुशी होती है कि ये अपने आप में एक यूनिट की मेहनत है जो वन शॉट में बिना कट बिना एडिट के आपके सामने पेश किया है.''

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फिल्म को मिले देश विदेश में दर्जनों अवार्ड 

हेमवंत ने कहा, 'एक भारतीय सिनेमाकार होने के नाते मुझे बड़ा गर्व है कि हमारी टीम कुछ ऐसा काम कर पाई जो हर किसी को पसंद आया. बीट इमर्जिंग डायरेक्टर ,बेस्ट अचीवमेंट इन फिल्म मेकिंग इन सैटेलाइट फिल्म फेस्टिवल के अलावा लिस्ट बहुत लंबी है. 11वें दादा साहेब फिल्म फेस्टिवल अवॉर्ड में भी हमारी फिल्म को बेस्ट डेब्यू डायरेक्टर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. ये हमारे लिए हमारी फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक अच्छी गर्व की बात है.


बिना कट 1 घंटे 33 मिनट की  लोमड़ द फॉक्स की जानिए क्या है कहानी

लोमड़ की कहानी बड़े ट्विस्ट और टर्न्स से भरी हुई है. एक फिल्म जो बिना कट की है उसमे इतने सारे ट्विस्ट और टर्न्स ला पाना अपने आप में बड़ी बात है. मैं आपको ज्यादा तो नहीं बताऊंगा लेकिन ये कहानी एक लड़का और एक लड़की की है जो कॉलेज के जमाने के फ्रेंड्स हैं और अचानक सोशल मीडिया के माध्यम से 10 साल बाद मिलने का प्लान बनाते हैं. कुछ मैडिकल मूवमेंट क्रिएट करने के लिए और निकल जाते है एक रोड ट्रिप पर. फिर इनकी गाड़ी अचानक खराब हो जाती है. साथ ही होती है कुछ नए मेहमानों की एंट्री और फिर कैसे धीरे धीरे उन लोगों का एक अनजान जगह पर एक अजीब सिचुएशन में उनका लोमड़ उनके अंदर से बाहर निकलता है. और हां फिल्म के टाइटल की अगर बात की जाए तो हमारी फिल्म में थोड़ा बहुत हरियाणा भाषा का इस्तेमाल किया गया है. हम भी बचपन में सुनते थे की सो जाओ गांव में लोमड़ आया है और हम डर जाते थे बेसिकली लोमड़ी को वहां के लोग लोमड़ बोलते है और वहीं से मुझे इस फिल्म के टाइटल हासिल हुआ. 

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आर्मी बैक ग्राउंड होने की वजह से डिसिप्लिन में रहना अच्छा लगता है बोले डायरेक्टर एक्टर हेमवंत

हेमवंत ने कहा, "जी हां, मेरी परवरिश आर्मी के डिसिप्लिन के हिसाब से हुई है. मेरे पिता एक आर्मी ऑफिसर हैं और मेरी मां एक टीचर तो आप समझ सकते है लेकिन मेरा रुझान हमेशा से ही सिनेमा की तरफ रहा. बचपन में गाने सुनना सीरियल और फिल्में देखना मेरा शौक हुआ करता था. मैं चार्ली चैपलिन का भी बहुत बड़ा फैन था. फिर मैंने अभिनय और डायरेक्शन की तालीम लेने का फैसला किया और बेरी जॉन फिल्म इंस्टीट्यूट से अपना कोर्स पूरा किया और धीरे धीरे मैं सिनेमा का ही होता चला गया.''

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हेमवंत ने कहा जल्द नए प्रोजेक्ट पर शुरू करेंगे काम 

फिलहाल मैं अभी कुछ और नए प्रोजेक्ट पर काम कर रहा हूं. ऑडिशंस भी चल रहे हैं बस जैसे ही सरकार हमें काम करने की अनुमति देती है हम काम शुरू कर देंगे.

महामारी में एक दूसरे का साथ जरुरी 

फिलहाल देश के चल रही इस कोविड महामारी से बिगड़ते हालातों से निपटने के लिए हमें और आपको साथ में आना पड़ेगा तभी कुछ बात बनेगी. मैं सबसे विनती करता हूं की मास्क लगाए और सरकार के निर्देशों का पालन कीजिए अगर हमने ऐसा किया तो बहुत जल्द हालात सामान्य हो सकेंगे. 

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