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'गुल्लक' के असली अन्नु भईया की दिलचस्प कहानी, जानें कैसे सीतापुर से पहुंचे यशराज बैनर तक

क्या आप जानते हैं वैभव राज गुप्ता गुल्लक के डायरेक्टर अमृत राज गुप्ता के बड़े भाई हैं. वैभव बिहार के सीतापुर से आते हैं. गुल्लक से पहले इन्होंने कई फिल्में की हैं, जिनमें से इन्हें 'नूर' और 'आश्चर्यचकित' के लिए जाना जाता है. लेकिन एक्टर को असली पहचान उनके भाई अमृत राज गुप्ता की सीरीज 'गुल्लक' से मिली.

वैभव राज गुप्ता वैभव राज गुप्ता
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 18 जून 2024,
  • अपडेटेड 12:14 PM IST

मध्य प्रदेश के एक छोटे से शहर की एक मिडिल क्लास फैमिली की कहानी दिखाती 'गुल्लक' सीरीज से हर कोई वाकिफ है. सीरीज में मिश्रा परिवार के किस्से, उनका हर एक किरदार लोगों के दिल में बसता है. ऐसा ही एक कैरेक्टर है आनंद मिश्रा उर्फ अन्नु भैया का, जिसे वैभव राज गुप्ता निभाते हैं. हाल ही में इसका तीसरा सीजन रिलीज हुआ, जहां अन्नु भैया ने फिर से फैंस का दिल जीत लिया. 

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क्या आप जानते हैं वैभव राज गुप्ता गुल्लक के डायरेक्टर अमृत राज गुप्ता के बड़े भाई हैं. वैभव बिहार के सीतापुर से आते हैं. गुल्लक से पहले इन्होंने कई फिल्में की हैं, जिनमें से इन्हे 'नूर' और 'आश्चर्यचकित' के लिए जाना जाता है. लेकिन एक्टर को असली पहचान उनके भाई अमृत राज गुप्ता की सीरीज 'गुल्लक' से मिली.

मिस्टर सीतापुर से एक्टर का सफर

डिजिटल कमेंट्री को दिए एक इंटरव्यू में वैभव ने अपनी लाइफ स्ट्रगल और सफरनामें के बारे में बात की. वैभव ने बताया कि एक्टर बनने के सपने की शुरुआत कहां से हुई थी. उन्होंने कहा कि 'मुझे फेमस होना था और अपने पिता श्री के आगे खुद को साबित करना था. एक बार मुझे पता चला कि सीतापुर महोत्सव हो रहा था. मैं 8th में था. मैं गया तो देखा कि हैंडसम लड़के-लड़किया स्टेज पर हैं और 'चक दे' की टीम आई हुई है. कुछ एक्टर्स भी आए हुए थे जज करने के लिए. राजू श्रीवास्तव भी थे. कई बड़े लोग मौजूद थे. मैं दूर से देख रहा हूं, लोग ताली बजा रहे हैं चिल्ला रहे हैं. तब मैंने अपने आप से बोला मुझे भीड़ में नहीं खड़ा होना हैं, मुझे स्टेज पर खड़ा होना है. 

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वैभव आगे बोले- जो लड़का उस महोत्सव में जीता था, वो पूरे सीतापुर में फेमस हो गया. मुझे जलन होने लगी, मुझे लगा मैं क्यों नहीं हूं यहां पर. उसके बाद मैंने कसम खा ली अगर ये दोबारा हुआ तो मैं खुद से वादा करता हूं कि मैं मिस्टर सीतापुर बनुंगा. उसके बाद जब अगले साल महोत्सव हुआ मैंने पूरी जान लगा दी फार्म भर दिए, रिहर्सल शुरू कर दी और सिलेक्ट भी हो गया. खुद ही सारे कपडे़ का इंतजाम किया था. सारे राउंड हुए और आखिरी राउंड था सवाल-जवाब का... मैं वो राउंड भी जीता गया. मैं मिस्टर सीतापुर बन गया. तब मुझे उस फीलिंग का एहसास हुआ कि ये क्या फीलिंग होती है. अगले दिन मैं न्यूज में था. मेरे पापा ने दिखाया नहीं लेकिन वो प्राउड फील कर रहे थे. मैं बहुत खुश था.

फिलहाल एक्टर यशराज की सीरीज 'मंडाला मर्डर्स' में नजर आने वाले हैं. जिसे लेकर गुल्लक स्टार ने बताया कि जब मैं सीतापुर में था ये भी नहीं पता था कि एक्टर बनना है. एक्टर्स मेनिफेस्ट पर बहुत बिलीव रखते हैं. 'गुल्लक' नहीं होता तो मुझे बहुत कुछ नहीं मिलता. कोई न कोई चीज कहीं ना कहीं से तो जुड़ी होती है, वहां पहुंचने के लिए जहां तक आपको जाना है चलते जाइये.' 

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भाई की सीरीज होने के बावजूद दिया ऑडिशन

वैसे, गुल्लक भले ही वैभव के छोटे भाई अमृत ने डायरेक्ट की है, लेकिन इसमें अन्नु मिश्रा का रोल पाने के लिए वैभव को ऑडिशन देना पड़ा था. हालांकि पहली बार अमृत ने वैभव को 'अर्बन दिखते हो' कहकर मना कर दिया था. और बताया था कि उनके दिमाग में कोई और कैरेक्टर है. फिर पता नहीं क्या दिमाग में आया और वैभव का ऑडिशन लिया गया, इसके बाद तो तीन सीजन निकल गए, वैभव ही अन्नु मिश्रा हैं. वहीं अब 'गुल्लक' के चौथे सीजन की भी तैयारी है.

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