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गुंजन सक्सेना पर बैन से दिल्ली हाईकोर्ट का इनकार, 18 सितम्बर होगी अगली सुनवाई 

गुंजन सक्सेना फिल्म को नेटफ्लिक्स पर 12 अगस्त को रिलीज किया गया था. हालांकि फिल्म को लेकर केन्द्र सरकार की आपत्ति पर कोर्ट ने धर्मा प्रोडक्शन, नेटफ्लिक्स और पूर्व फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सेना से जवाब मांगा है. मामले की अगली सुनवाई हाइकोर्ट में 18 सितम्बर को होगीं.

गुंजन सक्सेना और जाह्नवी कपूर गुंजन सक्सेना और जाह्नवी कपूर
पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 02 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 5:46 PM IST

दिल्ली हाइकोर्ट ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर दिखाई जा रही हिंदी फिल्म गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल पर फिलहाल रोक लगाने से इंकार कर दिया है. हाइकोर्ट में इस फिल्म पर बैन लगाने के लिए केंद्र सरकार और वायु सेना ने याचिका दाख़िल की थी जिसमें कहा गया है कि ये फिल्म भारतीय वायु सेना की साख को गिरा रही है.

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हाई कोर्ट में आज की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से पेश हुए हुए सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने हाईकोर्ट को कहा कि इस फिल्म में वायु सेना की छवि को लिंग के आधार पर पक्षपात करने वाली दिखाई गई है, जबकि ये सच्चाई से परे है. इस फिल्म में जो कुछ दिखाया गया है उससे वायु सेना की छवि को खराब करने की कोशिश की गई है.

हाईकोर्ट ने फिलहाल इस फिल्म पर रोक लगाने से ये कहते हुए इनकार कर दिया है कि फिल्म की रिलीज को काफी वक्त हो चुका है, ऐसे में अभी रोक का आदेश देना सही नहीं रहेगा. कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि इस फिल्म की रिलीज से पहले ही इसे रोकने के लिए अर्जी कोर्ट में लगाई जानी चाहिए थी. अब जबकि इस फिल्म को रिलीज हुए भी कई हफ्ते का समय बीत चुका है, तो इस पर अभी बैन लगाने का कोई अर्थ नहीं बनता. 

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गुंजन सक्सेना फिल्म को नेटफ्लिक्स पर 12 अगस्त को रिलीज किया गया था. हालांकि फिल्म को लेकर केन्द्र सरकार की आपत्ति पर कोर्ट ने धर्मा प्रोडक्शन, नेटफ्लिक्स और पूर्व फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सेना से जवाब मांगा है. मामले की अगली सुनवाई हाइकोर्ट में 18 सितम्बर को होगीं.

फिल्म गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल में श्रीदेवी की बेटी जाह्नवी कपूर ने पायलट गुंजन सक्सेना के किरदार को निभाया है. फिल्म में दिखाया गया है कि पहली महिला पायलट बनने के गुंजन सक्सेना को किन किन परेशानियों का सामना करना पड़ा और खास तौर से अपनी ट्रेनिंग के दौरान अकेली महिला होने के कारण भेदभाव का भी शिकार होना पड़ा. लेकिन इस सबके बावजूद मौका मिलने पर गुंजन सक्सेना ने हर बाधा को पार करते हुए कारगिल युद्ध के दौरान अपने साहस का परिचय देंते हुए जवानों की जान बचाई.

 

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