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'हमारे बारह' से हटी रोक, फिल्म पर चली सेंसर बोर्ड की कैंची, इस दिन होगी रिलीज

फिल्म पर रोक लगाने की मांग करने वाले याचिकाकर्ता ने 'हमारे बारह' के कुछ डायलॉग पर आपत्ति जताई थी. अब बॉम्बे हाई कोर्ट ने इसपर फैसला सुनाते हुए रिलीज पर बैन लगाने से मना कर दिया है. शनिवार को ये मूवी नए CBFC सर्टिफिकेट और कट्स के साथ दोबारा रिलीज होगी.

अन्नू कपूर अन्नू कपूर
विद्या
  • मुंबई,
  • 07 जून 2024,
  • अपडेटेड 6:20 PM IST

अन्नू कपूर स्टारर फिल्म 'हमारे बारह' लंबे वक्त से विवादों में बनी हुई है. इस फिल्म के टीजर में धर्म विशेष के लोगों को दिखाया गया था, जो महिलाओं को लेकर अपमानजनक बातें करते और उनपर हाथ उठाते नजर आए थे. फिल्म पर धर्म विशेष के खिलाफ नफरत फैलाने का आरोप लगा और इसकी रिलीज को रोकने की मांग बॉम्बे हाई कोर्ट में उठी थी. लेकिन कोर्ट ने इसपर रोक लगाने से इनकार कर दिया.

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फिल्म में लगे कट्स-मिला नया सर्टिफिकेट

फिल्म पर रोक लगाने की मांग करने वाले याचिकाकर्ता ने 'हमारे बारह' के कुछ डायलॉग पर आपत्ति जताई थी. कोर्ट में फिल्म के प्रोड्यूसर को रिप्रेजेंट कर रहे वकील राहुल नारीचनिया बताया कि मेकर्स ने खुद फिल्म के उन डायलॉग को हटा दिया है. मेकर्स ने कोर्ट को बताया कि शुक्रवार को ही मूवी में कट्स लगा दिए जाएंगे. वहीं सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन उर्फ सीबीएफसी के वकील अद्वैत सेठना ने कोर्ट से कहा कि फिल्म को थिएटर में रिलीज करने के लिए शुक्रवार शाम तक फ्रेश सर्टिफिकेट दिया जाएगा.

इसका मतलब है कि फिल्म को शुक्रवार को रिलीज कर दिया गया था, लेकर अब दो नए कट और नए सीबीएफसी सर्टिफिकेट के साथ इसे शनिवार को री-रिलीज किया जाएगा. 'हमारे बारह' को शुक्रवार सुबह रिलीज होना था. मूवी की रिलीज पर रोक लगाने के लिए याचिका दायर की गई थी. इसके चलते जस्टिस कमल खाटा और राजेश पाटिल की बेंच ने इस मामले की सुनवाई शुक्रवार सुबह, फिल्म के पहले शो से पहले रखी थी. एक दिन पहले बेंच ने एक कमिटी बनाने का आदेश दिया था, जो फिल्म को देखकर अपनी रिपोर्ट शुक्रवार सुबह देते.

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कमिटी नहीं कर पाई काम

हालांकि शुक्रवार की सुबह बेंच ने देखा कि कोर्ट की इच्छाओं को कमिटी ने पूरा नहीं किया है. कमिटी को बनाने का मकसद फिल्म को देखना और उसपर अपने ओपिनियन को सिनेमेटोग्राफी एक्ट के तहत देना था. वहीं कमिटी ने अपनी रिपोर्ट को जमा करने और फाइनल निर्णय रखने के लिए 12 जून तक का वक्त मांगा था. उनका कहना था कि वो जरूरी मुद्दों पर एक्सपर्ट्स से विचार-विमर्श करेगी और राय लेगी. कोर्ट ने कमिटी की इस बात को 'अस्वीकार्य' बताया था. कोर्ट ने कहा कि कमिटी अपने काम को दिए गए काम को करने में फेल हो गई.

कोर्ट ने सुनाया फैसला

कोर्ट ने कहा कि मामले के तथ्यों और स्थिति को देखने हुए अगर फिल्म की रिलीज पर रोक लगाई गई तो इससे जुड़ी पार्टियों के बीच बैलेंस नहीं होगा. हालांकि याचिकाकर्ता अजहर तंबोली के वकील मयूर खांडेपार्कर ने   ने इस बात पर जोर दिया कि क्योंकि कमिटी ने अपनी रिपोर्ट जमा नहीं की है और फिल्म में कट्स अभी नहीं लगाए गए हैं, तो फिल्म की रिलीज को शनिवार, 7 जून तक के लिए रोक दिया जाए. 

इसपर बेंच ने कहा कि 'वो इसे लेकर सहमत नहीं हैं, क्योंकि याचिकाकर्ता क्या चाहते हैं इसका निर्णय वो खुद अभी तक नहीं कर पाए हैं. 130 करोड़ जनसंख्या वाले देश में सिर्फ एक इंसान याचिका लेकर नहीं आ सकता, जो फिल्म निर्माताओं द्वारा किए गए खर्च की कोई गारंटी दिए बिना किसी फिल्म की रिलीज को रोक सके. एक आदमी एकदम आखिरी मौके तक सबको लटकाकर ये उम्मीद नहीं कर सकता कि कोर्ट सारे पहलुओं पर विचार करे.'

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