
साल 2016 में आई फिल्म 'सनम तेरी कसम' को थिएटर्स में दोबारा से री-रिलीज किया गया है. पिछले 10 दिनों में इस फिल्म ने 30 करोड़ से भी ज्यादा की कमाई कर ली है. हालांकि, जब ये साल 2016 में रिलीज हुई थी तो तीन दिन के अंदर बॉक्स ऑफिस पर से ये उतर गई थी. अब क्योंकि इसे री-रिलीज किया गया है कि तो फिल्म की स्टार कास्ट काफी चर्चा में आई हुई है. खासकर हर्षवर्धन राणे.
हर्षवर्धन ने याद किए स्ट्रगल के दिन
हाल ही में हर्षवर्धन ने अपने स्ट्रगल के दिन याद किए. बताया कि उन्होंने ऐसे भी दिन देखे, जब उन्हें नहाने के लिए साफ साबुन नहीं मिलता था. न ही बाथरूम मिलता था. रोज के 10 रुपये कमाने के लिए वो तरस जाते थे. हर्षवर्धन राणे ने कहा- हॉस्टल मेस में मैंने वेटर के रूप में काम करना शुरू किया था. इसी के साथ मुझे STD बूथ पर रजिस्टर मेनटेन करने का भी काम मिल गया था. इसके मुझे रोज के 10 रुपये मिलते थे.
"यही काम मुझे फिर एक कैफे में मिला, जहां 20 रुपये दिन का मिलता था. मेरे लिए दिन का एक मील का जुगाड़ करना सबसे बड़ा स्ट्रगल था. और दिन के 10 रुपये कमाना भी. इसके बाद मैं नहाने के बारे में सोचता था. जहां मैं रहता था, वहां मेरे साथ और भी लोग रहते थे. बाथरूम में नहाने के साबुन पर लोगों के बाल चिपके मिलते थे. साबुन साफ नहीं होता था. क्योंकि मैं 4-5 लोगों के साथ रहता था तो सभी में से पसीने की बदबू आती थी. मुझे एक डियोड्रेंट तक नहीं मिलता था, जिसे मैं लगा लूं. मैंने जब कमाना शुरू किया तो सबसे पहले खुद के लिए एक परफ्यूम खरीदा था और एक फूडकोर्ट में शेक पिया था."
"जब मुझे खाना मिलता रहा. सोने के लिए बेड मिला. नहाने के लिए साफ साबुन मिला, तब जाकर मेरे स्ट्रगल मुझे लगता है खत्म हुआ. मैं आराम से गरम पानी में नहा पाता था. उस दिन मुझे सुकून मिलना शुरू हुआ था."
हर्षवर्धन ने कहा- मैंने अपने करियर में काफी उतार-चढ़ाव देखे हैं. मुझे कोई शर्म नहीं प्रोड्यूसर्स से काम मांगते हुए. हालांकि, मेरे दोस्त मुझे मना करते हैं कि मैं ऐसा न करूं, पर मुझे फर्क नहीं पड़ता. भले ही मैंने साउथ में फिल्में की हों, लेकिन हिंदी सिनेमा में मुझे इतना ज्यादा काम नहीं मिला है. ऐसे में मुझे प्रोड्यूसर्स से काम मांगने में कोई शर्म नहीं आती है.